कृषि कानून वापसी को अभिनेत्री कंगना ने बताया दुखद, शर्मनाक और सरासर गलत
By रुस्तम राणा | Published: November 19, 2021 01:21 PM2021-11-19T13:21:44+5:302021-11-19T13:31:56+5:30
कंगना रनौत ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा है, 'दुखद, शर्मनाक और सरासर गलत... अगर संसद में बैठी सरकार के बजाय गलियों में बैठे लोग कानून बनाना शुरू कर दें तो यह भी एक जिहादी देश है... उन सभी को बधाई जो ऐसा चाहते हैं।'
पीएम मोदी के द्वारा कृषि कानूनों वापस लेने के फैसले पर लोगों की कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। पीएम मोदी के इस निर्णय को जहां कई लोग मास्टर स्ट्रोक बता रहा है तो कोई इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूछ रहे हैं क्या अब सीएए और धारा 370 पर भी ऐसा होगा।
वहीं हर एक मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत ने पीएम मोदी के इस फैसले पर नाराजगी व्यक्त की है। कंगना रनौत ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा है, 'दुखद, शर्मनाक और सरासर गलत... अगर संसद में बैठी सरकार के बजाय गलियों में बैठे लोग कानून बनाना शुरू कर दें तो यह भी एक जिहादी देश है... उन सभी को बधाई जो ऐसा चाहते हैं।'
कंगना की इस प्रतिक्रिया से समझा जा सकता है कि वे इस फैसले से काफी आहत हैं। दरअसल, कंगना रनौत ने केन्द्र सरकार के द्वारा पास किए गए इन तीनों कृषि कानूनों का जमकर समर्थन किया था। यहां तक की कंगना ने किसानों को आतंकी तक कह दिया था।
उन्होंने लिखा था, प्रधानमंत्री जी कोई सो रहा हो उसे जगाया जा सकता है, जिसे गलतफहमी हो उसे समझाया जा सकता है मगर जो सोने की ऐक्टिंग करे, नासमझने की एक्टिंग करे उसे आपके समझाने से क्या फर्क पड़ेगा?
उन्होंने आगे लिखा था, ये वही आतंकी हैं CAA से एक भी इंसान की सिटिज़ेन्शिप नहीं गयी मगर इन्होंने खून की नदियां बहा दी। इस बयान के बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी। उनकी गिरफ्तारी की भी मांग उठी थी।
आपको बता दें कि शुक्रवार को पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, मैं देश वासियों के क्षमा मांगते हुए, सच्चे मन से कहना चाहता हूं कि हमारे प्रयास में कमी रही होगी कि हम उन्हें समझा नहीं पाए। आज मैं आपको यह बताने आया हूं, कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है।
पीएम मोदी ने कहा- इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। पीएम मोदी ने आंदोलन कर रहे किसानों से अपने घर लौटें और खेतों में लौटने की अपील की।