जिया खान का आखिरी पत्र, 'सपनों को अलविदा कहकर जा रही हूं'...6 पन्नों में बयां किया था दर्द
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 28, 2023 03:47 PM2023-04-28T15:47:06+5:302023-04-28T15:50:40+5:30
पत्र को प्राथमिक आधार मानकर अभिनेता सूरज पंचोली को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि 6 पन्नों के पत्र में जिया ने कहीं भी किसी का नाम नहीं लिखा था। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि मुंबई पुलिस द्वारा जब्त किया गया पत्र जिया ने ही लिखा था।
मुंबई: सीबीआई की विशेष अदालत ने अभिनेत्री जिया खान को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप से अभिनेता सूरज पंचोली को बरी कर दिया है। इस मामले में 10 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है। कोर्ट ने कहा- आपके खिलाफ सबूतों की कमी है। इसलिए हम आपको दोषी नहीं ठहरा सकते। आप बरी किए जाते हैं।'
जिया खान तीन जून 2013 को अपने जुहू स्थित घर में मृत मिली थीं। पुलिस ने जिया की ओर से कथित तौर पर लिखे छह पन्नों के पत्र के आधार पर सूरज को गिरफ्तार कर लिया था और उन पर आईपीसी की धारा-306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। छह पन्नों के पत्र में जिया खान ने अपना दर्द बयां किया था। यहां उस पत्र के कुछ हिस्से हम आपके सामने रख रहे हैं।
अगर तुम इसे पढ़ रहे हो...
"पता नहीं, तुमसे ये बात कैसे कहूं। मगर अब खोने को कुछ भी नहीं बचा है। इसलिए सब कुछ बयां कर देने का यही सही वक्त है। वैसे भी मैं पहले ही सब कुछ खो चुकी हूं। अगर तुम इसे पढ़ रहे हो, तो इसका मतलब है कि मैं या तो जा चुकी हूं या इसकी तैयारी में हूं। अंदर से टूट चुकी हूं मैं। अब मुझे अपनी जिंदगी में रौशनी की एक लकीर भी नहीं दिखती। सुबह आंख खुलती है, पर बिस्तर से उठने का मन नहीं करता। तुमने मेरे उन सपनों को चूर चूर कर दिया। अब ऐसा लगता है कि जैसे अंदर से मर चुकी हूं मैं।"
"मैंने कभी किसी से इतना प्यार नहीं किया था, किसी की इतनी परवाह नहीं की थी। मगर मुझे बदले में क्या मिला। तुम्हारे झूठ, तुम्हारी बेवफाई. तुम्हारी नजरों में खूबसूरत दिखने के लिए जतन करती रही, मगर तुम्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। प्रेग्नेंट होने का डर बना रहता था, फिर भी बिना हिचक तुम्हें सब कुछ सौंप दिया। मगर तुमने इन सबके बदले मुझे तकलीफ दी।"
"अब हाल ये है कि न मैं खा पाती हूं, न सो पाती हूं। न सोच पाती हूं और न ही कुछ कर पाती हूं। हर चीज मेरी पकड़ से छूट रही है। करियर के बारे में तो अब सोचा भी नहीं जाता। तुम्हारी जिंदगी बस औरतों और पार्टियों के इर्द गिर्द घूमती थी, जबकि मेरी जिंदगी मेरे काम और तुम्हारे बीच ही बसी थी। अगर मैं यहां रुकती हूं, तो तुम्हारी कमी खलेगी, तुम्हारी जरूरत महसूस होगी। इसलिए मैं अपने दस साल के करियर और उससे पनपे सपनों को अलविदा कहकर जा रही हूं।"
बता दें कि इसी पत्र को प्राथमिक आधार मानकर अभिनेता सूरज पंचोली को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि 6 पन्नों के पत्र में जिया ने कहीं भी किसी का नाम नहीं लिखा था। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि मुंबई पुलिस द्वारा जब्त किया गया पत्र जिया ने ही लिखा था। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि पत्र में सूरज के साथ जिया के अंतरंग संबंधों के साथ-साथ उनके कथित शारीरिक शोषण, मानसिक और शारीरिक यातना के बारे में बात की गई है, जिस वजह से उन्होंने खुदकुशी की।