वो ज्वलंत मुद्दे जिन पर जावेद अख्तर ने बेबाक तरीके से रखी अपनी बात, पढ़ें
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: January 17, 2018 09:07 AM2018-01-17T09:07:42+5:302018-01-17T11:00:51+5:30
जावेद सोशल मीडिया या फिर किसी समारोह आदि के जरिए ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं।
जावेद अख्तर एक बेहद ही खूबसूरत लेखक और वक्ता हैं। जावेद हमेशा किसी भी मुद्दे पर बेबाक तरीके से अपनी बात रखते हैं। उनके बात रखने के हक को कई बार मुद्दा भी बनाया गया है। जावेद सोशल मीडिया या फिर किसी समारोह आदि के जरिए ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं। हाल ही में पद्मावत पर अपनी राय रखना उनको इतना महंगा पड़ा कि उनके खिलाफ शिकायत तक दर्ज की गई। हम बताते हैं जावेद अख्तर ने किन-किन मुद्दों पर बेझिझक अपनी राय रखी है।
ताजमहल विवाद
बीजेपी संगीत सोम कुछ वक्त पहले ताजमहल पर विवादित बयान देकर सुर्खियों बटोरी थीं, लेकिन दिग्गज लेखक-गीतकार जावेद अख्तर ने 'इतिहास की अज्ञानता' के लिए संगीत सोम की तीखी आलोचना की थी। जावेद ने अपने एक ट्वीट में कहा था, "इतिहास के प्रति संगीत सोम की अज्ञानता सच में आश्चर्यजनक हद तक विशाल (मान्युमेंटल) है। कृपया कोई उन्हें छठी कक्षा वाली इतिहास की किताब दे। जिसमें साफ बताया गया है कि जहांगीर के युग के दौरान भारत आए डॉ. थोमस रोए ने लिखा था कि एक भारतीय की औसत जीवनशैली का स्तर एक अंग्रेज की जीवनशैली से बेहतर है।" उन्होंने लिखा, "जो बात मुझे हैरत में डालती है वह यह है कि अकबर से नफरत करने वालों को क्लाइव से समस्या नहीं है। जो जहांगीर से नफरत करते हैं वे हेस्टिंग्स का जिक्र तक नहीं करते।" विश्व के 7 अजूबों में से एक माने जाने वाले ताजमहल की सुंदरता का दीदार करने हर साल लाखों भारतीय और विदेशी पर्यटक आते हैं।
पद्मावत विवाद
जावेद अख्तर ने एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा था कि “ये जो राजस्थान के राजा-महाराजा हैं वे 200 साल तक अंग्रेजों के दरबार में पगड़ी बांधकर खड़े रहे और उन्हें सलाम करते रहे तब उनकी राजपूती कहां थी। ये राजा ही इसलिए बने क्योंकि इन्होंने अंग्रेजों की गुलामी की थी। ये राजा-महाराजा अपने सम्मान की बात न करें क्योंकि मैं केवल सड़क पर चलने वाले आम राजपूत की बात सुनने को तैयार हूं लेकिन इनकी नहीं क्योंकि ये तो अंग्रेजों के आदमी हैं। पिछले हजार सालों से राजपूतों ने कोई जंग नहीं लड़ी है।”जिसके बाद उनके इस बयान के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की गई थी।
रोहिंग्या मामला
रोहिंग्या मामले पर भी जावेद ने बेहद की सलीके से अपनी राय सभी के सामने रखी थी। जावेद अख्तर ने ट्वीट करके लिखा था कि अगर वहां हिंदुओं की कब्र मिली है, तो यह जरूर वहां की सेना की वजह से हुआ होगा। नहीं तो, सैकड़ों की संख्या में हिंदू लोग वहां से रोहिंग्याओं के साथ क्यों भाग रहे हैं। जिस लोगों ने उनकी आचोलना की तो, अख्तर ने जवाब देते हुए दोबारा ट्वीट किया और कहा कि क्या नफरत फैलाने के अलावा आपने जिंदगी में किसी चीज के लिए मदद की है। मैं आपको जानता हूं। उन्होंने लिखा कि 1947-48 के बीच पाक में 10 फीसदी मुसलमान थे, लेकिन ये संख्या घटकर अब 1 फीसदी हो गई है।
तीन तलाक मामला
मशहूर शायर और गीतकार जावेद अख्तर ने तीन तलाक के मुद्दे पर अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के रवैये की ट्विटर पर तीखी आलोचना की थी। जावेद अख्तर ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि कल हमें छेड़छाड़, बलात्कार और बीवी को पीटने के दुरुपयोग के बारे में भी सुनने को मिल सकता है। उन्होंने ट्वीट किया, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का तीन तलाक का दुरुपयोग करने वालों के बहिष्कार का आह्वान एक धोखा है। तीन तलाक अपने आप में एक कुरीति है और इस पर पाबंदी लगनी चाहिए वे इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
नसीरुद्दीन पर बोले
अख्तर , नसीरुद्दीन को उनके गलत बोलने पर टोकने ने पीछे नहीं रहे । उन्होंने कहा था कि ''यह बहुत ही सिंपल है। नसीरुद्दीन शाह को कामयाब लोग पसंद नहीं हैं। मैंने कभी नहीं सुना कि वे किसी कामयाब शख्स की तारीफ कर रहे हों। वे दिलीप कुमार-अमिताभ बच्चन तक को कोस चुके हैं।''नसीरुद्दीन शाह ने बॉलीवुड के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना पर निशाना साधते हुए उन्हें घटिया बताया था।