इरफान खान की पत्नी ने बेटे बाबिल के लिए लिखी कविता, कहा-आंसू नहीं छिपाता...
By दीप्ती कुमारी | Published: April 16, 2021 06:15 PM2021-04-16T18:15:32+5:302021-04-16T18:15:32+5:30
दिवंगत अभिनेता इरफान खान की पत्नी सुतापा ने बेटे बाबिल के लिए फेसबुक पर एक कविता लिखी है। बाबिल ने हाल ही में फिल्मफेयर अवॉर्ड और बाफ्टा अवॉर्ड्स में अपने पिता इरफान खान को दिए गए सम्मान को लेने गए थे।
मुंबई : बॉलीवुड अभिनेता इरफान की असमय मृत्यु ने उनके परिवार को तोड़ कर रख दिया था लेकिन कहते है न समय हर घाव भर देता है , बस निशान छोड़ देता है । हाल ही में लंदन पिता का अवॉर्ड लेने गए थे । वहां अपने पिता का सम्मान पाकर बाबिल भावुक हो गए । उनकी यह फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है , जिसके बाद उनकी मां सुतापा ने बाबिल के किरदार को समझाते हुए एक कविता लिखी । एख मां की बेटे के लिए भावुक कविता पढ़कर फैंस भी इमोशनल कमेंट कर रहे हैं ।
बाफ्टा अवॉर्डस में भावुक हो गए थे बाबिल
एक पिता के लिए बेटे के बदले अवॉर्ड लेना जितना गौरवपूर्ण होता है , उतना ही एक बेटे के लिए भी पिता के बदले अवॉर्ड लेना गर्व की बात होती है । बाफ्टा अवॉर्ड्स 74 वें में इरफान खान को उनकी फिल्म लाइफ ऑफ पाई के लिए याद किया गया और उन्हें श्रद्धंजलि दी गई । ब्रिटिश अवॉर्ड में उनके दिए गए सम्मान को लेने उनका बेटा बाबिल पहुंचा था । पिता का नाम सुनकर बाबिल भावुक हो गया । उनके इस क्षण को देखकर मां सुतापा ने उनके लिए एख कविता लिखी है ।
मेरा बाबिल 'कड़क लौंडा' है
सुतापा लिखती है , 'मेरा बेटा कड़क लौंडा है, चुप-चुप के नहीं रोता है जोर-जोर से रोता है , बाप की यादों को समेटता है नाजुक उंगलियों से पिर लिखता है डायरी में औऱ अपनी मां को गले लगाकर कह पाता है पूरी जिंदगी तू घना पेड़ थी हम सब के लिए । अब उड़ मां पंख फैलाए होश गवाएं । शर्माता है गालों पर गिरते है उसके डिंपल मुस्कुराकर , जब कहता है अपनी मां को .. अब तो जा जिले अपनी जिंदगी सिमरन । सख्त लौंडा है यह '
सुतापा आगे लिखती है कि 'रात भर रोता है बाबा की याद में , जब आंख सूज जाती है तो पूछने पर कहता है अपनी मर्दानगी की खातिर की सोया नहीं रात भर ... अहससात को जज्बात को नौ मन बोझ बनाके नहीं रखता क्यूंकि मर्द है वो .. अल्लाह का लाख लाख शुक्र है बड़ा सख्त लौंडा है मेरा बेटा क्योंकि पुराने जज्बात छुपाने के लिए नहीं दिखाने के लिए जिगर चाहिए होता है । पुरानी रिवायतों को तोड़कर नए आयाम बनाने के लिए जिगर चाहिए होता है । बहुत सख्त होना पड़ता है नरम दिखने के लिए ... '