गुलशन कुमार को गोलियों से छलनी करने वाले शार्प शूटर क्यों चिल्ला रहे थे- बहुत पूजा कर ली अब ऊपर जाकर पूजा करना

By खबरीलाल जनार्दन | Published: August 12, 2018 10:53 AM2018-08-12T10:53:26+5:302018-08-12T10:53:26+5:30

गुलशन कुमार को मंदिर के बाहर तीन हमलावरों ने 16 गोलियों से छलनी कर दिया था।

Gulshan Kumar Death anniverary: Story of Gulashan Kumar's murder | गुलशन कुमार को गोलियों से छलनी करने वाले शार्प शूटर क्यों चिल्ला रहे थे- बहुत पूजा कर ली अब ऊपर जाकर पूजा करना

फाइल फोटो

12 अगस्त 1997, मुंबई के अंधेरी पश्चिम उपनगर इलाका, गुलशन कुमार अपने बंगले के पास बने एक शिवालय जीतेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने जा रहे थे। गुलशन कुमार हर रोज उस मंदिर में पूजा करने के लिए बिना अपने बॉडीगार्ड्स के जाया करते थे। ये बात उनके हत्यारों को पता थी। तभी कुछ शार्प शूटर्स वहां पहुंचे और अंधाधूंध गोली बरसाने लगे। गुलशन कुमार गोलियों से छलनी होकर धरती पर गिर गए। उनके हत्यारे उनपर गोलियां चलाते समय चिल्ला रहे थे - ''बहुत पूजा कर ली अब ऊपर जाकर पूजा करना"। गुलशन कुमार को मंदिर के बाहर तीन हमलावरों ने 16 गोलियों से छलनी कर दिया था।

गुलशन कुमार का ये ईश्वर प्रेम उनके संगीत और कैसेट में भी दिखता था। आज भी सुपर कैसेट्स भजन और धार्मिक संगीत के सबसे बड़े निर्माता हैं। गुलशन कुमार जब जिन्दा थे तो हर साल वैष्णो देवी दर्शन के लिए जाया करते थे और वह बारह महीने उनके नाम से भक्तों के लिए भंडारा चलता था जो मुफ्त में सभी दर्शनार्थी को शुध्द देसी घी से निर्मित भोजन कराया करता था। साल में एक बार, जब गुलशन कुमार धरष के लिए मां वैष्णो के दरबार में जाते थे तो स्वयं अपने हाथों से लोगों को भोजन करते थे। उनकी ये परंपरा आज भी उनके परिवार द्वारा निभाई जा रही है।

 

लेकिन यह एक चौंकाने वाली बात थी कि किसी के पूजा करने से दूसरे को इतनी परेशानी हो सकती है कि उनकी गोली मारकर हत्या कर दे। वह भी इने खूंखार तरीके से। असल में मसला उनका पूजा या ईश्वर में भक्ति रखना नहीं था। मामला था एक जूस बेचने वाले के इतने बड़ी विरासत खड़ी कर देने की। गुलशन का जन्म दिल्ली के पंजाबी परिवार में हुआ था। कहते हैं गुलशन कुमार छोटी उम्र से ही बड़े सपने देखते थे। जब वह छोटे थे तो परिवार की मदद के लिए जूस की दुकान लगाया करते थे जिससे उन्होंने पैसे कमाना शुरू किया था। लेकिन गुलशन को बचपन से ही संगीत का शौक था, इसलिए वे ओरिजनल गानों को खुद की आवाज में रिकॉर्ड करके उन्हें कम दाम में बेचते थे। जब दिल्ली में असली मुकाम नहीं मिला तो मुंबई का रुख किया। मुंबई में गुलशन ऐसे उभरे कि कैसेट-किंग कहे जाने लगे।

यह बात बहुतों को पची नहीं। उनकी हत्या में नाम आया अंडरवर्ल्ड बादशाह दाऊद इब्राहिम का। मामले में दूसरा नाम नदीम सैफी ने हमेशा खुद को निर्दोष बताया। उन्‍होंने यही कहा कि गुलशन कुमार हत्‍याकांड से उनका कोई कनेक्‍शन नहीं है। लेकिन गुलशन को मारने वाली शक्तियां उनके शोहरत से परेशान थीं, इस बात में कोई शक नहीं।

उनकी जिंदगी की ऊपर फिल्म बनाने की तैयारी भी चल रही है। आमिर खान प्रोडक्‍शन में यह फिल्म बनाने की तैयारी चल रही है। पहले इसमें अक्षय कुमार मुख्य किरदार निभाने वाले थे। लेकिन उन्होंने फिल्म छोड़ दी है। अब फिल्म में रणबीर कपूर को लेकर चर्चा चल रही है। फिल्म में कई खुलासे हो सकते हैं। लेकिन गुलशन कुमार के जाने का असल प्रभाव उनके परिवार पर पड़ा था।

गुलशन की हत्या से टूट गया था परिवार, लेनिक फिर मजबूती से उभरा

गुलशन कुमार की हत्या जब हुई तो उनके बच्चे छोटे थे। ऐसे में इस हादसे के बाद उनका पूरा परिवार बुरी तरह बिखर गया था। वहीं, छोटी उम्र नें पिता के जाने के बाद सारी जिम्मेदारी बेटे भूषण कुमार पर आ गई। भूषण ने बखूबी पिता के मेहनत से खड़े किए हुए कारोबार को संभाला और आज टी-सीरीज भारत की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनियों में से एक है।

Web Title: Gulshan Kumar Death anniverary: Story of Gulashan Kumar's murder

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