पुलिस को पहले से पता था गुलशन कुमार की होने वाली है हत्या, पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया ने इस बड़े डायरेक्टर को दी थी जानकारी!
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: February 22, 2020 04:18 PM2020-02-22T16:18:01+5:302020-02-22T16:18:01+5:30
राकेश मारिया ने अपनी किताब में लिखा है कि है कि उनको पहली ही गुलशन कुमार की हत्या की जानकारी मिल गई थीष यह वह दौर था जब गुलशन कुमार को कैसेट के लिए करोड़ों मिलते थे।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी आत्मकथा लेट मी से इट नाउ में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। इसमें 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमले से लेकर मायानगरी में अंडरवर्ल्ड तक से जुड़ी कई बातें हैं। अपनी इस आत्मकथा में उन्होंने कई अहम खुलासे किए हैं। राकेश माकिया ने 1997 में टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार की हत्या से जुड़ी बातों का भी जिक्र किया है और दावा किया उन्हें इसकी जानकारी पहले से थी। हालांकि वह इसे रोक नहीं पाए।
राकेश मारिया ने अपनी किताब में लिखा है कि है कि उनको पहली ही गुलशन कुमार की हत्या की जानकारी मिल गई थीष यह वह दौर था जब गुलशन कुमार को कैसेट के लिए करोड़ों मिलते थे।तब मुंबई में अंडरवर्ल्ड के लोग भी खूब सक्रिय थे। 'कैसेट किंग' के नाम से मशहूर गुलशन कुमार तब टी-सीरीज कंपनी के मालिक थे। कैसेट से करोड़ों की कमाई को लेकर वह अंडरवर्ल्ड के निशाने पर थे।
राकेश मारिया ने लिखा है कि 22 अप्रैल 1997 में उनको एक फोन आया था जिसमें जानकारी दी गई थी कि गुलशन कुमार का विकेट गिरने वाला है। बताया गया था कि शिव मंदिर में गुशनन पर हमला होने वाला है। जहां रोज सुबह वह घर से निकलकर पूजा करने जाते हैं।पहले उनको इस बात पर यकीन नहीं हुआ और खबरी से दुबारा इस बारे में पूछा।
उन्होंने पूछा कौन है जो गुलशन की जान लेना चाहता है इस पर खबरी ने उन्हें अबू सलेम का नाम बताया था और यह भी कहा कि अबू सलेम ने शूटर्स के साथ पूरा प्लान तय कर लिया है। राकेश मारिया के मुताबिक उस खबरी के फोन के बाद उन्होंने बहुत सोचा और फिर अगले दिन उन्होंने फिल्मकार महेश भट्ट को भी फोन कर इसकी तस्दीक कर ली कि गुलशन कुमार सुबह शिव मंदिर जाते हैं।
उस वक्त महेश ने उनको बताया कि वह उनकी एक फिल्म का डायरेक्शन कर रहे हैं। ऐसे में खूफिया जानकारी के बाद भी गुलशन की जान क्यों नहीं बच पाई, इस पर उन्होंने लिखा है कि उन्होंने मुंबई पुलिस की अपराध शाखा से गुलशन कुमार को सुरक्षा देने के लिए कहा था, लेकिन 12 अगस्त, 1997 को जब मुंबई के अंधेरी इलाके में स्थित एक शिव मंदिर से बाहर निकलते समय उनकी हत्या हो गई तो जांच में यह पता चला कि गुलशन कुमार की सुरक्षा यूपी पुलिस और कमांडो संभाल रहे थे, क्योंकि यूपी के नोएडा में उनकी कैसेट कंपनी थी। इस वजह से मुंबई पुलिस की सुरक्षा हटा ली गई थी।