स्पॉटबॉय-लाइटमैन से कैसा बर्ताव करते हैं अमिताभ-संजय-सलमान, प्रियंका पहचानती तक नहीं
By असीम चक्रवर्ती | Published: July 8, 2018 12:39 PM2018-07-08T12:39:26+5:302018-07-08T12:49:45+5:30
बड़े भाई सनी देओल और छोटे बॉबी देओल के व्यवहार में एक बड़ा फर्क है। सनी की शूटिंग सुनते ही जहां क्रू मेंबर बिदकने लगते हैं।
फिल्म सितारों के दो चेहरे होते हैं। पहला, बहुत शालीन जो अमूमन उनके प्रशंसकों और पेशेवर दोस्तों के लिए होता है। दूसरा होता है कामकाजी लोगों के बीच का तालमेल। देखा जाए तो उनका सही अक्स यही है, जो कामकाजी लोगों के आईने में उभरता है। सेट पर मौजूद सहायक, सेटिंगवाले, स्पॉटबॉय, लाइटमैन आदि आखिर क्या सोचते हैं इनके बारे में। कौन है इनके पसंदीदा कलाकार। स्टार के साथ इनके कैसे रिलेशन होते हैं। यूनिट के लोगों को किस स्टार के साथ काम करने में सबसे ज्यादा मजा आता है। किसे वह कहते हैं अपनी भाषा में पकाऊ देखा जाए तो यह वे बातें हैं, जो एक स्टार को सही मायने में स्टार बनाती है। क्या आपको पता है कि बिग बी के साथ काम करना यूनिट के लोगों को ज्यादा मजेदार नहीं लगता। दूसरी तरफ सलमान के फिल्म के सेट पर पूरा माहौल बहुत खुशनुमा होता है। आइए सितारों और क्रू के बीच के रिश्तोंकी ऐसी और भी बहुत सारी बातों का जायजा लें-
बिग बी के सेट पर अनुशासन
मुंबई के फिल्म इंडस्ट्री में यह बात मशहूर है कि यदि अमिताभ किसी फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं, तो वहां के सेट का माहौल आपको एकदम अलग नजर आएगा। मुझे याद है उनकी कई फिल्मों में बतौर स्पॉटबॉय काम कर चुके बुजुर्ग महेश दलवी बताते हैं,‘‘वह महान एक्टर हैं। मगर उनके अनुशासन के साथ एटीट्यूट बहुत ज्यादा जुड़ा होता है। इस वजह से शूटिंग बहुत गंभीर माहौल में होती है। कुल मिलाकर बिग बी तो घड़ी की सुई के साथ काम करके अपने घर पर चले जाते हैं। उस दौरान अपने जरूरी लोगों के साथ ही वह बात करना पसंद करते हैं। उनके सेट पर किसी की बर्थ-डे पार्टी आदि भी बिना किसी शोर-शराबे के मनाई जाती है। ऐसे मौकों पर अमिताभ एक किनारे बैठकर किताबें पढ़ते रहते हैं।
बाबा की शूटिंग है क्या
संजय दत्त यानी फिल्म इंडस्ट्री के बाबा। इस फिल्मची को अच्छी तरह से याद है कि कभी स्टूडियो में एंट्री लेने से पहले ही पत्रकार और छायाकार यह जरूर पूछ लेते थे कि आज बाबा की शूटिंग किस फ्लोर पर है। मुझे अच्छी तरह से याद है उन दिनों संजय की पार्टी में सभी जाना पसंद करते थे। वहां का माहौल ही कुछ अलग होता था। लाइटमैन से स्पॉटबॉय की गैदरिंग वहां नजर आ जाती थी। सब बाबा के मेहमान होते थे। फिल्म साजन के हिट होने की ऐसी एक पार्टी में बाबा से कुछ बातचीत का इरादा व्यक्त करने पर बाबा ने पीठ पर हाथ रख कर कहा था-आज कोई इंटरव्यू नहीं। आया है तो फुलटुस मस्ती मार और निकल जा। इंटरव्यू फिर किसी दिन। इसके बाद तो बाबा की मस्ती में सबको रंगना ही पड़ता था। अच्छी बात यह है कि बाबा का यह अंदाज आज भी बदस्तूर कायम है।
यूनिट के दोस्त सल्लू
लाइटमैन हो या स्पॉटबॉय अपने भाईजान सबके दोस्त हैं। कुछ माह पहले रेस-3 के सेट पर बर्थ-डे मनाने का एक सिलसिला शुरू हुआ था,जो शूटिंग के समाप्त होने के कुछ दिनों पहले भी जारी था। सलमान की फिल्मों में ऐसी छोटी-मोटी आम बात है और इसमें सलमान की यूनिट के सारे लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। सलमान का अपने क्रू के सदस्यों के साथ कितना आत्मीय रिश्ता होता है इस बारे में अलग से कोई चर्चा करना बेमानी है। अपने क्रू मेंबर की परेशानी को हल करना उनकी फितरत बन चुकी है। इंडस्ट्री के कई क्रू मेंबर हैं, जिनको सलमान नाम से पहचानते हैं यह किस्सा तो बेहद मशहूर है कि देवदास के सेट पर जब एक ऊंची मचान से गिरकर एक लाइटमैन को गंभीर चोट लगी, तो उसके इलाज का सारा खर्चा सलमान ने खुद वहन किया था। जबकि सलमान इस फिल्म के मेंबर नहीं थे। वह तो सिर्फ भंसाली से मिलने गए थे, तभी यह लाइटमैन मचान से गिर कर बुरी तरह से लहूलुहान हो गया था। ठीक-ठाक है किंग खान-किंग खान को बहुत उदार तो नहीं कहा जाएगा पर किसी क्रू मेंबर के साथ उनके खराब व्यवहार की खबरें कम ही आई हैं और न ही किसी क्रू मेंबर ने उनके बारे में कोई गलत धारणा पाल रखी है। वह अच्छे पे मास्टर भी हैं। अभी कुछ दिनों पहले जीरो के आखिरी दिन उन्होंने पूरे यूनिट को एक छोटी-सी पार्टी दी और इस तरह से बहुत खुशगवार माहौल में जीरो की सारी शूटिंग समाप्त हुई।
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पांगे कहां है तू
अभिनेता गोविंदा भले ही मूडी हों, अमूमन क्रू मेंबर के साथ उनका व्यवहार अच्छा ही होता है। इस संबंध में उनसे जुड़ी एक रोचक घटना का जिक्र करना बहुत जरूरी है। कुछ साल पहले की बात है। अपनी किसी फिल्म के एक संवाद को गोविंदा बार-बार कोशिश कर भी बोल नहीं पा रहे थे। ऐसे में अचानक उन्होंने अपने आपको कोसते हुए चिल्ला कर कहा-पांगे कहां है तू।।।उनके इतना कहते ही ऊपर मचान पर बैठे एक लाइटमैन ने आवाज दी-सर मैं यहां हूं। असल में वहां पांगे नाम का एक लाइटमैन भी मौजूद था। उसने समझा कि गोविंदा उसे याद कर रहे है। उस दिन उसकी आवाज सुनते ही गोविंदा ने झट उस पांगे को मचान से नीचे उतर आने को कहा। उससे गले मिले। तब से काफी दिनों तक वह गोविंदा का प्रिय लाइटमैन बना रहा। गोविंदा की ज्यादातर शूटिंग में उसकी उपस्थिति जरूर होती थी क्योंकि गोविंदा सेट पर आते ही अपना तकिया कलाम बोलते थे-पांगे कहां है तू? प्रत्युत्तर में पांगे का जवाब आता था-मैं यहां हूं सर। लेकिन गोविंदा सिर्फ पांगे ही नहीं दूसरे कई क्रू मेंबर को उसके नाम से जानते थे।
रणवीर सिंह सबके दोस्त हैं
नए दौर के स्टार में रणवीर सिंह भी अपने व्यवहार की वजह से क्रू मेंबर के बीच में बेहद लोकप्रिय हैं। उनके फिल्म के सेट पर किसी-न-किसी बहाने छोटी-मोटी पार्टी तो होती रहती है। अभी कुछ दिन पहले फिल्म ‘सिंबा’ के सेट पर उन्होंने एक छोटी-सी पार्टी यूं ही दे डाली, क्योंकि पार्टी करने का उनका मन था। गौरतलब है कि रणवीर अपने क्रू मेंबर के साथ कुछ ज्यादा ही सॉफ्ट कॉर्नर रखते हैं। गाहे-बगाहे वह उनकी मदद निजी तौर पर भी करते रहते हैं।
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प्रियंका पहचानती नहीं हैं
अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जब से हॉलीवुड स्टार बनी हैं, उनके एटीट्यूट में एक बड़ा परिवर्तन आया है। अब उनके यूनिट के कई मेंबर ने माना है कि वह उन्हें देखने पर पहचानती तक नहीं हैं। वर्ना कभी अपने कई क्रू मेंबर को वह उनके नाम से पहचानती थीं। पर आज वह उन्हें नजरअंदाज करने की कोशिश करती हैं।
एक देओल ऐसा, एक देओल वैसा
बड़े भाई सनी देओल और छोटे बॉबी देओल के व्यवहार में एक बड़ा फर्क है। सनी की शूटिंग सुनते ही जहां क्रू मेंबर बिदकने लगते हैं, वहीं बॉबी की फिल्म के यूनिट मेंबर को आप हमेशा खुश देखेंगे। मुझे याद है बॉबी की फिल्म हमराज की शूटिंग को कवर करने के दौरान उनका जिक्र करने पर एक लाइटमैन ने बड़ी रोचक टिप्पणी की थी-‘‘सेट पर बॉबी सर की उपस्थिति पूरे माहौल को अच्छा बना देती है। उन्हें तो हमने कभी भी गुस्से में नहीं देखा है। हमेशा सभी से बहुत अच्छी तरह से बात करते हैं।’’ बस क्रू मेंबर तो यही चाहते हैं।
बड़े दिलवाले करण-निर्माता निर्देशक करण जौहर कितने भी बड़े सेटर हों, क्रू मेंबर के साथ उनका व्यवहार बड़े दिलवाला है। लाइटमैन से स्पॉटबॉय तक उनके क्रू का हर मेंबर उनकी दरियादिली से खुश है। वह हमेशा अपने क्रू मेंबर को दूसरी जगह से ज्यादा फीस देते हैं। लाइटमैन चंदन कहते हैं,‘‘यह उनकी दरियादिली है कि कई क्रू मेंबर ने उनकी मेहरबानी से न सिर्फ हवाई यात्रा की है,बल्कि विदेश यात्रा का मजा भी लिया है।
हीरोइनें दिखाती हैं एटीट्यूट
ज्यादातर हीरोइनें एटीट्यूट दिखाती हैं-यहां हमने जानबूझकर अव्यावहारिक हीरो की कोई चर्चा नहीं की है। खैर अब हीरोइन की थोड़ी चर्चा जरूरी है। हीरो की तुलना में ज्यादातर हीरोइनें एटीट्यूट दिखाती हैं। लेकिन विद्या बालन, सोनाक्षी सिन्हा, अनुष्का शर्मा, कंगना राणावत, कृति सेनन जैसी कुछेक हीरोइनें ऐसी हैं जिनका अपनी फिल्म के यूनिट मेंबर के साथ बहुत अच्छा तालमेल है।
अब जैसे कि विद्या बालन की फिल्म के सेट पर क्रू मेंबर बिना किसी तनाव के काम करते हैं। विद्या अक्सर छोेटी मोटी ट्रीट देती रहती हैं। इसी तरह से सोनाक्षी की कई फिल्मों के स्पॉटबॉय गणेश म्हात्रे कहते हैं,‘‘सोना का बिहेब हमारे प्रति बहुत नरम होता है। वह अक्सर हमारा हालचाल पूछती रहती हैं। हमें अच्छे पुरस्कार देती रहती हैं।’’ इसी तरह से अनुष्का भी अपने यूनिट के कई क्रू मेंबर को निजी तौर पर पहचानती है। शादी के बाद उन्होंने अपने कुछ मेंबर को अच्छे गिफ्ट दिए। उनके साथ कभी बॉय का काम कर चुके अनुराग बताते हैं, ‘‘मैडम,मिलने पर झट पहचान जाती है। हमेशा हमारा हालचाल पूछती है। साहब,हम तो इसी व्यवहार के मुरीद हैं।’’
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नए दौर की तारिकाओं में कृति सेनन भी अपने सहायकों का बहुत ध्यान रखती हैं। पर इस मामले में कंगना का कोई जवाब नहीं। अपने सहायकों के साथ उनका व्यवहार हमेशा नरम दिल होता है। मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ झांसी की शूटिंग के अंतिम दिन उन्होंने सारे क्रू मेंबर को गिफ्ट मनी दिया। असल में ये वे स्टार हैं, जो यह जानते हैं कि यूनिट मेंबर के साथ यदि आपका तालमेल अच्छा हो, तो काम की क्वालिटी और ज्यादा उम्दा हो जाती है। क्यों और कैसे इस बारे में और मत पूछिए क्योंकि क्रू मेंबर के बेहतर परफॉर्मेंस पर ही फिल्म का अंतिम रिजल्ट निर्भर करता है।