वर्धन पुरी के बोल-दादा अमरीश पुरी मुझे थिएटर करने के लिए प्रेरित करते थे
By भाषा | Published: November 30, 2019 01:38 PM2019-11-30T13:38:14+5:302019-11-30T13:39:35+5:30
अभिनेता वर्धन पुरी ने कहा, ‘‘वह मुझे थिएटर करने के लिए प्रोत्साहित करते थे। यह ऐसी जगह है जहां आप अपनी कला को निखार सकते हैं।’’ चेराग रुपारेल निर्देशित फिल्म से पहले वर्धन ने दो फिल्में साइन की थीं लेकिन वह इनमें काम नहीं कर पाए।
जाने माने फिल्म अभिनेता अमरीश पुरी के पौत्र वर्धन पुरी का कहना है कि फिल्मों में शुरुआत को लेकर वह किसी हड़बड़ी में नहीं थे क्योंकि उनके दादा ने उन्हें अभिनय की बारीकियां समझने के लिए थिएटर करने की सलाह दी थी। नवोदित अभिनेता ‘‘ये साली आशिकी’’ से फिल्मों में पदार्पण कर रहे हैं। ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे याद नहीं कि मैंने उन्हें कभी कहा हो कि मैं फिल्म अभिनेता बनना चाहता हूं।
यह बेहद स्वाभाविक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि तुम्हे थिएटर करना चाहिए, फिर अपने आप ही रास्ता मिल जाएगा और फिर यह संसार तुम्हें फिल्मों में आने का मौका देगा।’’ अभिनेता वर्धन पुरी ने कहा, ‘‘वह मुझे थिएटर करने के लिए प्रोत्साहित करते थे। यह ऐसी जगह है जहां आप अपनी कला को निखार सकते हैं।’’ चेराग रुपारेल निर्देशित फिल्म से पहले वर्धन ने दो फिल्में साइन की थीं लेकिन वह इनमें काम नहीं कर पाए।
अभिनेता ने कहा कि वह एक आशावादी व्यक्ति हैं लेकिन एक के बाद एक लगे धक्के ने उन्हें प्रभावित किया। उन्होंने कहा, ‘‘एक फिल्म के लिए मैं छह महीने से तैयारी कर रहा था लेकिन आखिरी समय में मुझे हटा दिया गया। मैं एक और फिल्म करने वाला था। ‘सुल्तान डाकू’ नामक इस फिल्म को महेश भट्ट साहब और भारत का सबसे बड़ा स्टूडियो बनाने वाले थे।’’
उन्होंने बताया, ‘‘स्टूडियो ने मुझे हटाने का फैसला किया क्योंकि उनकी एक और फिल्म के विवाद में घिर जाने के कारण उन्हें लगा कि उनका पैसा डूब सकता है। मैं बहुत परेशान था क्योंकि मेरे दो साल बेकार हो गए थे। मैं बेहद निराश था।’’ वर्धन ने बताया कि उनके माता पिता ने उनके दादा के संघर्ष की कहानियां सुनाकर उन्हें उस बुरे दौर से बाहर निकाला।