Bollywood Nepotism: रहमान के बाद ऑस्कर विजेता रसेल पुकुट्टी का बड़ा बयान, अवॉर्ड के बाद हिन्दी फिल्मों में काम नहीं मिला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 27, 2020 11:57 PM2020-07-27T23:57:24+5:302020-07-28T00:02:21+5:30
रसेल पुकुट्टी ने 2009 में डैनी बॉयल की फिल्म में अपने काम के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंड मिक्सिंग के लिए अकादमी पुरस्कार हासिल किया, जबकि रहमान ने सर्वश्रेष्ठ मूल स्कोर और सर्वश्रेष्ठ मूल संगीत के लिए यह पुरस्कार जीता था।
सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद बॉलीवुड में छिड़ी नेपोटिज्म की बहस में साउंड डिजाइनर रेसुल पुकुट्टी भी कूद गए हैं। उन्होंने कहा है कि "स्लमडॉग मिलियनेयर" के लिए ऑस्कर पुरस्कार मिलने के बाद हिंदी फिल्म उद्योग में काम मिलना बंद हो गया। साथ ही, कुछ प्रोडक्शन हाउस ने उन्हें यह कहते हुए मना कर दिया कि उन्हें उनकी बिल्कुल "जरूरत" नहीं है।
ऑस्कर विजेता संगीतकार ए आर रहमान ने हाल ही में कहा था कि उनके खिलाफ एक "गिरोह" काम कर रहा है, जिसकी वजह से उन्हें बॉलीवुड में काम मिलने में मुश्किल हो रही है। पिछले महीने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने के बाद बॉलीवुड में शुरू हुई 'अंदरूनी बनाम बाहरी' बहस के बीच उनका यह बयान आया।
रहमान के बयान को साझा करते हुए, फिल्म निर्माता शेखर कपूर ने रविवार को ट्वीट किया था कि क्या बॉलीवुड एक कलाकार से असुरक्षित हो सकता है, जिसने अकादमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज (एएमपीएएस) से मान्यता प्राप्त की है। निर्देशक के पोस्ट के जवाब में, पुकुट्टी ने कहा कि फिल्म उद्योग में उनका अनुभव भी कुछ इसी तरह का है और यह क्षेत्रीय सिनेमा ही है, जिसने उनकी कद्र की।
ए आर रहमान भी हुए परेशान
संगीतकार ए आर रहमान ने दावा किया बॉलीवुड में एक ऐसा ‘गैंग ’ (गिरोह) है जिसके कारण उन्हें काम मिलने में अड़चन आ रही है। रेडियो मिर्ची के साथ एक साक्षात्कार के दौरान ऑस्कर विजेता संगीत निर्देशक से हिंदी फिल्मों में उनके कम काम करने के पीछे की वजह पूछी गई थी। इस पर रहमान ने कहा कि कुछ लोग उनके बारे में फिल्म जगत में ‘अफवाह’ फैला रहे हैं जिससे उनके और फिल्म निर्मातओं के बीच ‘गलतफहमी’ पैदा हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘मैं अच्छी फिल्मों को मना नहीं करता हूं लेकिन मेरा मानना है कि एक गैंग है जो कुछ अफवाह फैला रहा है और गलतफहमी पैदा हो रही है। इसलिए जब मुकेश छाबड़ा मेरे पास आए तो मैंने उन्हें दो दिन में चार गाने दिए। उन्होंने मुझ से कहा, ‘‘ सर, कई लोगों ने कहा कि उनके पास मत जाओ। उन्होंने मुझे कई किस्से सुनाएं।’’