ये है नकलची लेखकों-निर्देशकों-संगीतकारों का कच्चा चिट्ठा, ऐसे किया जाता है बॉलीवुड का कचरा

By असीम चक्रवर्ती | Published: July 15, 2018 03:19 PM2018-07-15T15:19:26+5:302018-07-15T15:19:26+5:30

पिछले दिनों अनु मलिक से उनके नकलची भतीजे अमाल मलिक की झड़प हुई थी।

Bollywood Dhadak Shashank Khaitan Anu Malik Neha Kakkar Amit Trivedi Abhay Chopra | ये है नकलची लेखकों-निर्देशकों-संगीतकारों का कच्चा चिट्ठा, ऐसे किया जाता है बॉलीवुड का कचरा

ये है नकलची लेखकों-निर्देशकों-संगीतकारों का कच्चा चिट्ठा, ऐसे किया जाता है बॉलीवुड का कचरा

अब फिल्मों का वह दौर कल्पनाओं की बात बन गया है, जब कुछ फिल्मकार सचमुच का सृजन करते थे। आज तो रीक्रिएशन और रीमेक के नाम पर खुलेआम चोरी हो रही है। अब जैसे कि धड़क के टाइटल में निर्देशक शशांक खैतान ‘रीटेन बाय’ में खुलेआम अपना नाम देते हैं। इसी तरह से पिछले दिनों अनु मलिक से उनके नकलची भतीजे अमाल मलिक की झड़प हुई थी। दूसरी ओर कुछ गायिकाएं रीक्रिएटेड गाने इस अधिकार के साथ गाती हैं मानो वो गाना उनका ही क्रिएशन है। इसी तरह से रीमेक के नाम पर जंजीर, इत्तेफाक, अग्निपथ और धड़क जैसी कई फिल्मों के डायरेक्टर गर्व से इसे अपना क्रिएशन बता रहे हैं। आइए बॉलीवुड में रिक्रिएशन और रीमेक के नाम पर धड़ल्ले से चल रहे इस ट्रेंड की करीब से पड़ताल करते हैं।

शशांक की रचना?

व्यवसायी पिता के बेटे शशांक का परिचय ज्यादा विस्तार से देने की जरूरत नहीं है। बस इतना जान लीजिए कि उनकी सबसे बड़ी पहचान यह है कि वे फिल्मकार करण जौहर के खासमखास हैं। उनकी पहली और दूसरी फिल्म ‘हम्टी शर्मा की दुल्हनिया’ और ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ ठीक-ठाक चल गर्इं तो उन्होंने अपने आपको महान निर्देशक कहना शुरू कर दिया। इन दिनों उनकी बड़ी-बड़ी बातें आप सुन ही रहे हैं। इसी के साथ ही वह जल्द ईशान ठक्कर-जाह्नवी कपूर के साथ एक बड़ी फिल्म ‘धड़क’ लेकर आ रहे हैं। उनका रीक्रिएशन वर्क इसी फिल्म के साथ चरम पर नजर आ रहा है। जबकि यह सुपरहिट मराठी फिल्म सैराट का रीमेक है। बस थोड़ी ओरिजिनलिटी के लिए इसकी पृष्ठभूमि को बदला गया है। इसकी शूटिंग महाराष्ट्र की बजाय राजस्थान में की गई है। अब सवाल यह उठता है कि इतनी सुपरहिट फिल्म की कहानी आपके पास है, तो इसमें रीक्रिएशन का मामला कहां से आ गया है। लेकिन शशांक खैतान ने इसे पूरी तरह नजरअंदाज करते हुए इसके कथा तक में अपना नाम दे दिया है।

पटकथा में अपना नाम देने की बात तो समझ में आती है क्योंकि जब भी किसी फिल्म का रीमेक बनाया जाता है तो पृष्ठभूमि के मुताबिक उसमें कुछ बदलाव किया जाता है। पर इससे वह पटकथा लेखक की कथा नहीं हो जाती है। चलिए यह बात मान लेते हैं कि उन्होंने इसकी कहानी में कई सुधार किए हैं, तो फिर इसे मौलिक कथा के तौर पर प्रचारित कीजिए। फिर बार-बार अपनी फिल्म को सैराट का रीमेक क्यों कह रहे हैं? मुश्किल यह है कि इस सवाल पर शशांक को घेरने पर वह साफ बच जाते हैं। उनके पास ऐसे तार्किक सवालों का जवाब देने का कोई समय नहीं है। मुश्किल यह है कि रीक्रिएशन के नाम पर धड़ल्ले से ऐसी चोरी करनेवाले नकलची लेखक-निर्देशक और संगीतकार सवालों के घेरे में आते ही भड़क जाते हैं। 

अनु मलिक पर गिरी गाज

यहां यह बताना जरूरी है कि अनु मलिक भी कोई दूध के धुले संगीतकार नहीं हैं। उन पर भी कई बार संगीत चोरी का आरोप लगा है। लेकिन इसमें भी कोई संदेह नहीं है कि उनके पास ढेरों मौलिक सृजन हैं। उनकी झोली में बाजीगर, बॉर्डर, रिफ्यूजी, एलओसी जैसे कई ऐसी फिल्में हैं, जिनका संगीत हमेशा यादगार माना जाएगा। अब जबकि कुछ म्यूजिक पॉलिटिक्स के चलते उन्हें दरकिनार कर दिया गया है, उनके सृजन पर धड़ल्ले से नकलबाजी चल रही है। इसी वजह से पिछले दिनों अनु मलिक से उनके नकलची भतीजे अमाल मलिक की झड़प हुई थी। असल में अमाल ने बड़ी सफाई से अनु के एक हिट गाने नींद चुराई। गाने को रीक्रिएट कर उस पर अपनी मुहर लगा दी थी। सिर्फ यही नहीं इससे पहले भी अनु मलिक के कुछ गानों का रीक्रिएशन हो चुका है।

जब भी अनु इसके राइट्स को लेकर आवाज बुलंद करते हैं, नकलची संगीतकार बेशर्मी से तर्क देते हैं कि उन्होंने संगीत कंपनी से बाकायदा अनुमति लेकर इसका रीक्रिएशन किया है। अब अनु यह समझ नहीं पा रहे हैं कि गाने उनके हैं और अनुमति कोई और दे रहा है। अमूमन ऐसे मामलों में संगीत कंपनी टी-सीरीज और संगीतकार अमाल मलिक बेहद माहिर हैं। टी-सीरीज ने तो इस तरह के रीक्रिएशन का ठेका ले रखा है। बुजुर्ग संगीतकार  खय्याम का साफ कहना है कि हमारे म्यूजिक राइट्स कानून में इतनी खामियां हैं कि इसका लाभ म्यूजिक कंपनियां अपने-अपने लाभ के लिए तरह-तरह से उठाती रहती हैं। यही वजह है कि अमाल मलिक, अमित त्रिवेदी जैसे कई संगीतकार बड़ी सफाई से इसका फायदा उठा रहे हैं।  

अमिताभ की रीमेक फिल्में

अमिताभ बच्चन वो अभिनेता हैं, जिनकी फिल्मों के री-मेक बनने की बात सबसे ज्यादा सुनने को मिलती है। शाहरुख ने विशेष रुचि लेकर अमिताभ की एक हिट फिल्म डॉन को अपना लिया। मगर आज भी डॉन के असली डॉन अमिताभ को ही माना जाता है। दूसरी ओर अभिनेता ऋतिक रोशन ने बिग बी की एक दूसरी फिल्म अग्निपथ के किरदार विजय दीनानाथ चौहान को अपनाना चाहा तो यह किरदार भी ज्यादा यादगार नहीं बन पाया। दिलचस्प बात यह है कि आज भी ये किरदार बिग बी की वजह से याद किए जाते हैं। 

फिर भी बिंदास नेहा

अभी कुछ दिनों पहले सलमान के टी।वी। शो दस का दम में गायिका नेहा कक्कड़ ने सलमान के साथ तू चीज बड़ी है मस्त। गाकर खूब ठुमके लगाए। जबकि फिल्म ‘मोहरा’ का यह गाना मूल रूप से कविता कृष्णमूर्ति और उदित नारायण ने गाया है। पर नेहा फिल्मों में ऐसे रीक्रिएटेड गाने गाकर ही खुश हैं। वो कहती हैं, ‘‘मैंने पिछले दो-तीन साल में काफी हिट गाने भी गाए हैं। दूसरी ओर मुझे ऐसे रीक्रिएटेड गाने में कोई आपत्ति नहींं है। मैं जब भी किसी दूसरे संगीतकार के लिए ऐसे गाने गाती हूं, तब स्वभाविक रूप से यह गाने मेरे हो जाते हैं।’’ उनका तर्क सही है, पर इसमें एक अदृश्य बेशर्मी छिपी है। क्योंकि आप इस सच को झुठला नहीं सकते हैं कि ‘तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त’ का ओरिजिनल वर्जन ही सबसे ज्यादा सुना जाता है।

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मास्टर बन गए अमित त्रिवेदी

एक संगीतकार हैं अमित त्रिवेदी। अपने आपको बहुत बड़ा संगीतकार मानते हैं। अब यह दीगर बात है कि इनके हिस्से में फ्लॉप फिल्में ज्यादा आई हैं। वैसे वह अपने संगीत के बड़े-बड़े दावे करते रहते हैं। उन्हें गानों को रीक्रिएट करने का भी शौक है। बॉम्बे वेलवेट, शानदार आदि कई फिल्मों में उन्होंने क्रमश: सीआईडी का ‘जाता है कहां दीवाने।’ और शानदार में ‘ओ नींद न मुझको आए।’ जैसे ऑलटाइम फेवरेट गानों को रीक्रिएट किया। इसकी क्या जरूरत थी, यह बात आज तक किसी के पल्ले नहीं पड़ी है। क्योंकि हेमंत कुमार का गाया ‘नींद न मुझको आए’ और गीता दत्त का गाया ‘जाता है कहां दीवाने’ आज भी सर्वाधिक सुना जाता है। इससे एक बात साफ हो जाती है कि आज के कई संगीतकार नकल के भरोसे ही चल रहे हैं। ऐसे में किसी गाने को रीक्रिएट करना सबसे आसान काम है।

यह अभय चोपड़ा कौन है? 

दरअसल अभय चोपड़ा की पहचान कुछ यूं है कि वे विख्यात फिल्कार बीआर चोपड़ा परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इसका लाभ उठाकर उन्होंने महान यश चोपड़ा की एक फिल्म इत्तेफाक का रीमेक बनाया। एक अच्छी फिल्म उनके हाथ में थी, इसलिए रीक्रिएटेड के नाम पर उसे कचरा बनाने में उन्होंने कोई कमी नहीं बरती। इसलिए फिल्म की रिलीज के बाद उनसे ढेरों सवाल पूछे गए। जैसे 1969 की एक खूबसूरत फिल्म को दोबारा तीन-तीन लेखकों को लिखने की क्या जरूरत आन पड़ी? इसमें निर्देशक अभय चोपड़ा कहां है? जाहिर है अभय चोपड़ा इन सारे सवालों का जवाब नहीं दे पाए। बस इसके बाद से ही वे कहीं लुप्त हो गए। 

कहां हैं ‘जंजीर’ के निर्देशक

बिग बी की पहली सुपरहिट फिल्म जंजीर के रीमेक का निर्देशन उनके एक प्रिय पात्र अपूर्व लखिया ने किया। अपूर्व को वैसे तो निर्देशन में कोई खास सफलता नहीं मिली है पर उनकी किस्मत अच्छी है। अपनी अच्छी सेटिंग के चलते उन्हें फिल्में मिलती रहती हैं। बहरहाल साउथ के सुपरहिट हीरो रामचरन तेजा और प्रियंका चोपड़ा की जोड़ी  बनाकर उन्होंने जंजीर के रीमेक के तौर पर बेहद घटिया फिल्म बनाई। इस रीमेक का हश्र सभी जानते हैं और अब इसके बारे में ज्यादा लिखना बेमानी होगा।

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चोरी और सीनाजोरी

सच तो यह है कि इस चलन का कोई अंत नहीं है। रीक्रिएटेड और रीमेक के नाम पर ढेरों निर्देशक और संगीतकार इन दिनों बॉलीवुड में सक्रिय हैं। इनकी चोरी और सीनाजीरी की ढेरों मिसालें आए दिन मिलती रहती हैं। अब जैसे कि हाल में एक नवोदित लेखक ने महबूब खान की कालजयी फिल्म मदर इंडिया को आधुनिक संदर्भ में जोड़-तोड़ कर एक पत्रकार को सुना दिया। जब इस पत्रकार ने आपत्ति की तो उनकी सीनजोरी का आलम यह था कि उन्होंने अंतत: इसे अपनी कहानी ही बताया। इसके बाद तो इस पत्रकार के पास माथा पीटने के अलावा कोई चारा नहीं था।

Web Title: Bollywood Dhadak Shashank Khaitan Anu Malik Neha Kakkar Amit Trivedi Abhay Chopra

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