बर्थडे स्पेशल बप्पी दा: साल 2006 नहीं बल्कि ये फिल्म रही बप्पी दा का कमबैक, जानिए दिल की बात
By असीम चक्रवर्ती | Published: November 27, 2019 08:19 AM2019-11-27T08:19:23+5:302019-11-27T08:19:42+5:30
'जूबी-जूबी', 'याद आ रहा है तेरा प्यार', 'यार बिना चैन कहां रे' जैसे बेहतरीन गानों (songs) को अपनी लाजवाब आवाज देने वाले बप्पी लेहरी (bappi lahiri) आज अपना 67वां जन्मदिन (birthday) मना रहे हैं
बप्पी लाहिरी बुधवार को 67 साल के होने जा रहे हैं. 27 नवंबर 1952 को जन्में बप्पी दा का म्यूजिक वर्ल्ड में 45 साल से लंबा अर्सा बीत चुका है. बप्पी दा को यह बात बहुत उत्साहित करती है. वह बताते हैं, ''मैं यह सोचकर बहुत प्रफुल्लित हो जाता हूं कि मैंने इस दौरान काफी कुछ नया करने की कोशिश की है.
बीच में ऐसा भी हुआ जब मैं तीन-चार साल बॉलीवुड संगीत से थोड़ा दूर हो गया था, पर संगीत के प्रति मेरा मन हमेशा ही रचा-बसा रहा. मैं पहले की तरह ही म्यूजिक को लेकर कुछ न कुछ प्रयोग करता रहा. 2006 मेरे कमबैक का साल कहा गया, पर मैं इसे नहीं मानता हूं.'' असली कमाल 'डर्टी पिक्चर' के गाने 'उलाला' ने किया.
इस गाने ने उनके पुराने सफल दिनों की यादें ताजा कर दी. फिर 'स्पेशल 26' में गाया गाना 'धर-पकड़', 'जॉली एलएलबी' का 'मेरी तो एल लग गई' जैसे कई गानों ने उन्हें इस उम्र में फिर से सक्रिय कर दिया. सच तो यह है कि पिछले 45 साल से संगीत के साथ उनका दिन-रात का रिश्ता रहा है. इसलिए उन्होंने कभी ब्रेक के बारे में नहीं सोचा. 2006 में उन्होंने फिल्म 'मैंने गांधी को क्यों मारा' का संगीत दिया था. इससे पहले अपने जैज म्यूजिक एलबम 'वॉकिंग ऑन लव स्ट्रीट' की वजह से उन्हें लगातार अमेरिका की यात्रा करनी पड़ी थी, जिस वजह से हिंदी फिल्मों के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिला.
अब उनका ढेर सारी फिल्में करने का कोई इरादा नहीं है. उनका बेटा बाप्पा भी संगीतकार है. अब वह उसे ज्यादा सक्रिय देखना चाहते हैं. बप्पी कहते हैं, ''मैं हमेशा अपने क्रिएशन को लेकर मशगूल रहना चाहता हूं ,बाकी कौन क्या कह रहा है इसकी मुझे परवाह नहीं है. मैं सबसे सिर्फ इतना ही कहूंगा, ''तुम्हारा प्यार चाहिए, मुझे जीने के लिए...''