दादा सुखराम के निधन पर टूटे सलमान खान के बहनोई आयुष शर्मा, सोशल मीडिया पर यूं दी श्रद्धांजलि
By अनिल शर्मा | Published: May 11, 2022 02:45 PM2022-05-11T14:45:15+5:302022-05-11T15:15:15+5:30
आयुष शर्मा ने अपने दादा सुखराम को याद करते हुए लिखा, बहुत भारी मन से मैं अपने प्यारे दादा जी पंडित सुखराम शर्मा को आखिरी विदाई दे रहा हूं।

दादा सुखराम के निधन पर टूटे सलमान खान के बहनोई आयुष शर्मा, सोशल मीडिया पर यूं दी श्रद्धांजलि
नई दिल्लीः सलमान खान के बहनोई व अभिनेता आयुष शर्मा ने अपने दादा सुखराम शर्मा के निधन पर दुख जाहिर किया है।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम का मंगलवार देर रात दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 94 वर्ष के थे। दादा के निधन पर आयुष ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि आप हमेशा मेरे साथ रहेंगे।
गौरतलब है कि आयुष अपने दादा के काफी करीब थे। आयुष ने उन्हें याद करते हुए लिखा, "बहुत भारी मन से मैं अपने प्यारे दादा जी पंडित सुखराम शर्मा को आखिरी विदाई दे रहा हूं। भले ही आप चले गए हैं, लेकिन मुझे पता है कि आप हमेशा मेरे साथ रहेंगे, मुझे राह दिखाएंगे, मेरा ध्यान रखेंगे और मुझे आशीर्वाद देंगे, जैसे हमेशा देते थे। आपकी आत्मा को शांति मिले, हम आपको बहुत याद करेंगे।"
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि सुखराम का निधन देर रात एक बजकर 35 मिनट पर हुआ। सुखराम को मनाली में मस्तिष्काघात हुआ था। इसके बाद उन्हें मंडी के एक क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से शनिवार को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) लाया गया था।
सुखराम के पोते आश्रय शर्मा ने बताया कि उनका शव हिमाचल प्रदेश के मंडी में सेरी मंच पर बृहस्पतिवार को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इससे पहले, आश्रय शर्मा ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर देर रात दो बजे लिखा था, ‘‘अलविदा दादा जी...’’ शर्मा ने एक अन्य पोस्ट में बताया कि सुखराम का शव बुधवार शाम करीब छह बजे उनके गृह नगर मंडी लाया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सुखराम के निधन पर शोक व्यक्त किया। सुखराम 1993 से 1996 तक केंद्रीय संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। वह हिमाचल प्रदेश के मंडी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य थे। सुखराम ने पांच बार विधानसभा चुनाव और तीन बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। उन्हें 2011 में भ्रष्टाचार के एक मामले में पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। यह मामला 1996 का था, जब वे संचार मंत्री थे।