Bhanu Athaiya: कॉस्ट्यूम डिजाइनर भानु अथैया का निधन, फिल्म 'गांधी' के लिए जीता था पहला ऑस्कर अवार्ड

By सतीश कुमार सिंह | Published: October 15, 2020 06:02 PM2020-10-15T18:02:05+5:302020-10-15T18:39:25+5:30

साल 1983 में भानु अथैया को डायरेक्टर रिचर्ड एटनबरो की फिल्म 'गांधी' के लिए ऑस्कर में बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइनर अवार्ड से नवाजा गया।

Academy award winning designer Bhanu Athaiya passes away | Bhanu Athaiya: कॉस्ट्यूम डिजाइनर भानु अथैया का निधन, फिल्म 'गांधी' के लिए जीता था पहला ऑस्कर अवार्ड

कॉस्टयूम डिजाइनर के तौर पर उन्होंने 100 से ज्यादा बॉलिवुड फिल्मों में काम किया है।

Highlightsबेटी ने बताया कि वह लंबे समय से बीमार थीं। 91 साल की उम्र में भानु ने अपनी आखिरी सांस ली।आखिरी बार आमिर खान की फिल्म लगान और शाहरुख खान की फिल्म स्वदेस के लिए काम किया था।

मुंबईः कॉस्ट्यूम डिजाइनर और भारत की पहली ऑस्कर विजेता भानु अथैया का निधन हो गया। उनकी बेटी ने बताया कि वह लंबे समय से बीमार थीं। 91 साल की उम्र में भानु ने अपनी आखिरी सांस ली।

वह अपने पीछे भारतीय कॉस्ट्यूम डिजाइन की बहुत बड़ी विरासत छोड़कर गई हैं। साल 1983 में भानु अथैया को डायरेक्टर रिचर्ड एटनबरो की फिल्म 'गांधी' के लिए ऑस्कर में बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइनर अवार्ड से नवाजा गया। कॉस्टयूम डिजाइनर के तौर पर उन्होंने 100 से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है।

उन्होंने आखिरी बार आमिर खान की फिल्म लगान और शाहरुख खान की फिल्म स्वदेस के लिए काम किया था। भानु अथैया का जन्म 28 अप्रैल, 1929 को महाराष्ट्र राज्य के कोल्हापुर में हुआ था। इनका पूरा नाम 'भानुमति अन्नासाहेब राजोपाध्येय' रखा गया था। इनके पिता का नाम अन्नासाहेब और माता शांताबाई राजोपाध्येय थीं।

बेटी राधिका गुप्ता ने कहा, ‘‘आज सुबह उनका निधन हो गया

उनकी बेटी राधिका गुप्ता ने कहा, ‘‘आज सुबह उनका निधन हो गया। आठ साल पहले उनके मस्तिष्क में ट्यूमर होने का पता चला था। पिछले तीन साल से वह बिस्तर पर थीं क्योंकि उनके शरीर के एक हिस्से को लकवा मार गया था। ’’ उनके पार्थिव शरीर की अंत्येष्टि दक्षिण मुंबई के चंदनवाड़ी शवदाह गृह में की जाएगी।

अथैया का जन्म कोल्हापुर में हुआ था। उन्होंने हिंदी सिनेमा में गुरु दत्त की 1956 की सुपहरहिट फिल्म ‘‘सीआईडी’’में कॉस्ट्यूम डिजाइनर के रूप में अपने करियर की शुरूआत की थी। रिचर्ड एटेनबॉरो की फिल्म ‘‘गांधी’’ के लिये उन्हें (ब्रिटिश कॉस्ट्यूम डिजाइनर) जॉन मोलो के साथ ‘‘बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन’’ का ऑस्कर पुरस्कार मिला था।

अथैया ने 2012 में अपना ऑस्कर सुरक्षित रूप से रखे जाने के लिये एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स आर्ट्स एंड साइंसेज को लौटा दिया था। अथैया ने पांच दशक के अपने लंबे करियर में 100 से अधिक फिल्मों के लिये अपना योगदान दिया। उन्हें गुलजार की फिल्म ‘‘लेकिन’’ (1990) और आशुतोष गोविरकर की फिल्म ‘‘लगान’’ (2001) के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था।

पहली भारतीय महिला हैं, जिन्हें 'ऑस्कर अवार्ड' से नवाजा गया

वह ऐसी पहली भारतीय महिला हैं, जिन्हें 'ऑस्कर अवार्ड' से नवाजा गया है। भानु अथैया साढ़े पाँच दशक से हिन्दी सिनेमा में सक्रिय थीं और इस दौरान उन्होंने ड्रेस डिज़ाइनिंग को नित नये आयाम दिए। उन्हें प्रसिद्ध फ़िल्म निर्मात-निर्देशक रिचर्ड एटनबरो की फ़िल्म "गाँधी" के लिए सर्वेश्रेष्ठ ड्रेस डिज़ाइनर का 'ऑस्कर' मिला था।

भानु अथैया 100 से भी अधिक फ़िल्मों के लिए डिज़ाइनिंग कर रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। फ़िल्म जगत् में अपने खट्टे-मीठे अनुभवों के साथ कॉस्ट्यूम डिज़ाइनिंग और फ़ैशन में आए बदलावों को उन्होंने हाल ही में प्रकाशित पुस्तक "भानु राजोपाध्ये अथैया-द आर्ट ऑफ़ कॉस्ट्यूम डिज़ाइन" में समेटने की कोशिश की है।

भानु के माता-पिता ने अपनी बेटी को खूब पढ़ाया

भानु के माता-पिता ने अपनी बेटी को खूब पढ़ाया और उसकी रुचियों और प्रतिभा को देखते हुए उसे मुंबई के जे. जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट्स में शिक्षा के लिए भेजा। यहाँ से उन्होंने स्नातक की उपाधि गोल्ड मेडल के साथ प्राप्त की। इसके बाद वे 'प्रोग्रेसिव आर्ट ग्रुप' की सदस्य के लिये भी नामित हुईं।

माता-पिता ने जब अपनी बेटी भानु को रेखाचित्र बनाते देखा था तो उसे प्रोत्साहित किया और आग्रह किया कि वह गांधी जी का रेखाचित्र बनाए। इसे संयोग ही कहा जायेगा कि बचपन में गाँधीजी का रेखाचित्र बनाने वाली भानु को ही कुछ दशक बाद सर रिचर्ड एटनबरो की अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म 'गाँधी' की वेशभूषा बनाने के लिए ऑस्कर से नवाजा गया।

भानु अथैया ने दूसरा विवाह भी नहीं किया

हिन्दी फ़िल्मों के जाने-माने गीतकार और एक कवि के रूप में पहचाने जाने वाले सत्येन्द्र अथैया के साथ भानु अथैया का विवाह सम्पन्न हुआ था। अथैया दम्पत्ति का यह रिश्ता अधिक दिनों तक नहीं चल सका। भानु अथैया ने दूसरा विवाह भी नहीं किया। इनकी एक बेटी भी हुई, जो अब अपने परिवार के साथ कोलकाता में रहती हैं।

भारत के लिए आस्कर जीत चुकीं ड्रेस डिजाइनर भानु अथैया का मानना था की एटनबरो ने गाँधी फ़िल्म में भारत का वास्तविक चित्रण किया है। 100 से अधिक फिल्मों में ड्रेस डिजाइन कर रिकार्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा चुकी थीं।

अथैया ने कहा, “एटनबरो ने जुलाई 1982 में मेरा साक्षात्कार लिया था। इसके बाद उन्होंने मेरा ऑडिशन किया। 15 मिनट के भीतर उन्होंने अपने दफ्तर में फोन करके यह सूचना दे दी कि उन्हें ड्रेस डिजायनर मिल गई है। उन्होंने मुझे एक सितंबर को नई दिल्ली के अशोक होटल पहुंचने को कहा। फिल्म की शूटिंग एक नवंबर से होनी थी। आथैया के अनुसार गाँधी फ़िल्म में कॉस्ट्यूम डिज़ाइन करना बहुत बड़ी चुनौती थी।

(इनपुट एजेंसी)

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