वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: ट्रम्प की कुर्सी पूरी तरह सुरक्षित

By वेद प्रताप वैदिक | Published: December 20, 2019 12:28 PM2019-12-20T12:28:09+5:302019-12-20T12:28:09+5:30

इस समय ट्रम्प-विरोधी डेमोक्रेट्स को सीनेट में दो-तिहाई तो क्या, बहुमत भी हासिल नहीं है. सीनेट के 100 सदस्यों में से 53 रिपब्लिकन हैं यानी ट्रम्प का स्पष्ट बहुमत है.

Vedapratap Vedic blog: Trump U.S. President chair fully secured | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: ट्रम्प की कुर्सी पूरी तरह सुरक्षित

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: ट्रम्प की कुर्सी पूरी तरह सुरक्षित

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ऐसे तीसरे राष्ट्रपति हैं, जिन पर वहां की संसद महाभियोग चलाएगी. उनके पहले 1868 में एंड्रयू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन पर यह मुकदमा चल चुका है. ये दोनों ही बच गए थे लेकिन जब राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन पर 1974 में वाटरगेट को लेकर मुकदमा चलने की तैयारी हुई तो उन्होंने खुद ही इस्तीफा दे दिया था. ज

हां तक ट्रम्प का सवाल है, उनके इस्तीफे की तो जरा-सी भी संभावना नहीं है और जहां तक महाभियोग का सवाल है, उनका बाल भी बांका नहीं होगा, क्योंकि जब तक सीनेट यानी उच्च सदन दो-तिहाई मत से उनका विरोध नहीं करे, तब तक वे सुरक्षित हैं.

इस समय ट्रम्प-विरोधी डेमोक्रेट्स को सीनेट में दो-तिहाई तो क्या, बहुमत भी हासिल नहीं है. सीनेट के 100 सदस्यों में से 53 रिपब्लिकन हैं यानी ट्रम्प का स्पष्ट बहुमत है. इसके अलावा राष्ट्रपति के चुनाव में ट्रम्प को ऐसे कई डेमोक्रेटिक सीनेटरों के निर्वाचन-क्षेत्नों में बहुमत मिला है कि वे घबराए हुए हैं कि यदि उन्होंने ट्रम्प के खिलाफ सीनेट में वोट कर दिया तो वे दुबारा सीनेटर चुने जाएंगे भी या नहीं. हो सकता है कि वे तटस्थ रहें. दूसरे शब्दों में यह महाभियोग की नौटंकी सिर्फदिखावे के लिए है.  

ट्रम्प पर दो आरोप हैं. एक तो उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेन्स्की पर दबाव बनाया था कि उनके खिलाफ 2020 में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने को तैयार डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बिडन के खिलाफ भ्रष्टाचार के दावों की जांच करें, क्योंकि वे और उनका बेटा यूक्रे न की किसी कंपनी के साथ मिल व्यापार कर रहे थे.

ट्रम्प ने यूक्रेन को दी जाने वाली 40 करोड़ डॉलर की मदद बंद करने की भी धमकी दी थी. दूसरा, जब ट्रम्प के इस कारनामे की जांच होने लगी तो उन्होंने उसमें भी अड़ंगा लगा दिया. इन मुद्दों पर अमेरिका के अखबारों और टीवी चैनलों पर कई रहस्योद्घाटन हो रहे हैं. कई अफसर गुस्से में आकर अपने इस्तीफे दे रहे हैं. अमेरिकी राजनीति में कड़वाहट घुल गई है.

रिपब्लिकन उम्मीद कर रहे हैं कि 2020 के राष्ट्रपति के चुनाव में इसका फायदा उन्हें मिलेगा. लेकिन पिछले तीनों महाभियोगों के मुकाबले इस महाभियोग का आधार कमजोर है. वह संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन जरूर है लेकिन उसमें असली मामला विदेशी है और वह भी अमेरिकी नागरिकों को सीधा प्रभावित करनेवाला नहीं है.

Web Title: Vedapratap Vedic blog: Trump U.S. President chair fully secured

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