वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः चीन और सऊदी अरब के बजाय भारत से मदद मांगें इमरान खान

By वेद प्रताप वैदिक | Published: November 20, 2018 07:41 AM2018-11-20T07:41:37+5:302018-11-20T07:41:37+5:30

पाकिस्तान और भारत तो हजारों साल से एक ही मुल्क, एक ही तहजीब और एक ही दुख-दर्द वाले देश रहे हैं. इमरान के लिए यह मौका है, दोनों देशों के बीच एक नई इबारत लिखने का।

Ved Pratap Vaidik's blog: Imran demands help from India | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः चीन और सऊदी अरब के बजाय भारत से मदद मांगें इमरान खान

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः चीन और सऊदी अरब के बजाय भारत से मदद मांगें इमरान खान

मैं पिछले तीन-चार दिन से दुबई-अबुधाबी में हूं. आज मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्नी इमरान खान के बारे में आपको बता रहा हूं. इमरान का कितना दुर्भाग्य है कि प्रधानमंत्नी बनते ही उन्हें भिक्षाटन पर निकलना पड़ा है. सबसे पहले वे सऊदी अरब गए, फिर चीन गए और अब वे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आए हैं. इन तीनों देशों में जाने का उनका असली मकसद क्या है? यह कि पाकिस्तान की डगमगाती नाव को ये मुल्क कुछ टेका लगा दें. 

इमरान चाहते हैं कि इस अरब राष्ट्र से उन्हें चीन और सऊदी की तरह कम से कम 6 बिलियन डॉलर की मदद मिल जाए. यदि मोदी को 3 बिलियन देने की घोषणा हुई थी तो इमरान को 6 बिलियन तो मिलने ही चाहिए. अगले हफ्ते इमरान मलेशिया जाकर प्रधानमंत्नी महाथिर मोहम्मद के सामने अपना दामन फैलाएंगे. यह दृश्य देखकर इमरान के प्रति मेरे मन में सहानुभूति का भाव तो पैदा होता है कि इस स्वाभिमानी पठान की आत्मा इस समय कितना कष्ट झेल रही होगी. लेकिन मैं यह भी सोचता हूं कि पाकिस्तान का सबसे निकट पड़ोसी देश भारत है फिर भी इमरान भारत से कोई मदद क्यों नहीं मांग रहे हैं?

शायद उन्हें डर है कि उनकी बेइज्जती हो जाएगी. हालांकि मैं उन्हें बता दूं कि पाकिस्तान के संकट के समय भारत ने सेवा-सहायता का हाथ दो-तीन बार अपने आप आगे बढ़ाया था लेकिन पाकिस्तान झिझका रहा. इमरान के दर्जनों मित्न भारत में हैं. वे यदि खुद पहल करते हुए नहीं दिखाई पड़ना चाहते हैं तो अपने दोस्तों से कहें. क्या नरेंद्र मोदी मना कर देंगे? जो मोदी मियां नवाज के यहां शादी में अचानक चले गए, उनके इरादों पर इमरान को शक क्यों होना चाहिए? 

भारत बड़ा मालदार देश नहीं हैं लेकिन बड़ा दिलदार देश है. और फिर पाकिस्तान और भारत तो हजारों साल से एक ही मुल्क, एक ही तहजीब और एक ही दुख-दर्द वाले देश रहे हैं. इमरान के लिए यह मौका है, दोनों देशों के बीच एक नई इबारत लिखने का

Web Title: Ved Pratap Vaidik's blog: Imran demands help from India

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