वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: मालदीव में भारत के खिलाफ अभियान क्यों हो रहा तेज?

By वेद प्रताप वैदिक | Published: February 3, 2022 12:20 PM2022-02-03T12:20:51+5:302022-02-03T12:22:23+5:30

मालदीव में पिछले कई महीनों से भारत विरोधी अभियान चल रहा है. इसके पीछे पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन का हाथ है. आखिर यामीन का भारत-विरोधी अभियान इतनी रफ्तार क्यों पकड़ता जा रहा है?

Ved pratap Vaidik blog: Campaign against India in Maldives | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: मालदीव में भारत के खिलाफ अभियान क्यों हो रहा तेज?

मालदीव में भारत के खिलाफ अभियान! (फाइल फोटो)

हम भारतीयों को यह जानकर बहुत आश्चर्य होगा कि हमारे पड़ोसी देश मालदीव में आजकल एक जबर्दस्त अभियान चल रहा है, जिसका नाम है- ‘भारत भगाओ अभियान’! भारत-विरोधी अभियान कभी-कभी नेपाल और श्रीलंका में भी चलते रहे हैं लेकिन इस तरह के जहरीले अभियान की बात किसी पड़ोसी देश में पहली बार सुनने में आई है. 

इसका कारण क्या है, यह जानने के लिए हमें मालदीव की अंदरूनी राजनीति को जरा खंगालना होगा. यह अभियान चला रहे हैं, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन, जो लगभग डेढ़ माह पहले ही जेल से छूटे हैं. उन्हें रिश्वतखोरी और सरकारी लूटपाट के अपराध में सजा हुई थी. उन्होंने सत्तारूढ़ मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी के खिलाफ जन-अभियान छेड़ दिया है.

यह अभियान इसलिए भारत-विरोधी बन गया है कि ‘माडेपा’ के दो नेताओं राष्ट्रपति मोहम्मद सालेह और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को कट्टर भारत-समर्थक माना जाता है. यामीन को अपना गुस्सा नशीद और सालेह पर उतारना है तो उन्हें भारत को ही मालदीव का दुश्मन घोषित करना जरूरी है. 

यामीन का यह भारत-विरोधी अभियान इतनी रफ्तार पकड़ता जा रहा है कि सत्तारूढ़ ‘माडेपा’ अब संसद से ऐसा कानून पास करवाना चाह रही है, जिसके तहत उन लोगों को छह माह की जेल और 20 हजार रु. जुर्माना भरना पड़ेगा, जो मालदीव पर यह आरोप लगाएंगे कि वह किसी विदेशी राष्ट्र के नियंत्रण में चला गया है. इसे वह राष्ट्रीय अपमान कहकर संबोधित कर रहे हैं. 

यह कानून आसानी से पास हो सकता है, क्योंकि संसद में सत्तारूढ़ दल के पास प्रचंड बहुमत है. यामीन की प्रोग्रेसिव पार्टी में कोई दम नहीं है कि वह सत्तारूढ़ पार्टी को संसद में नीचा दिखा सके लेकिन मालदीव की जनता में उसकी लोकप्रियता बढ़ती चली जा रही है. उसके कई कारण हैं. 

पहला कारण तो यही है कि सत्तारूढ़ ‘माडेपा’ में अंदरूनी खींचतान चरमोत्कर्ष पर है. सालेह और नशीद के मतभेद का कुप्रभाव प्रशासन पर हो रहा है. दूसरा, महंगाई और कोरोना बीमारी ने मालदीव की अर्थव्यवस्था को लगभग चौपट कर दिया है. तीसरा, यद्यपि भारत पूरी मदद कर रहा है लेकिन यामीन-राज में चीन ने जिस तरह से अपनी तिजोरियां खोलकर मालदीवी नेताओं की जेबें भर दी थीं और उन्हें अपनी जेब में डाल लिया था, वैसा नहीं होने के कारण वर्तमान नेतृत्व काफी सांसत में है. 

चौथा, सालेह-नशीद सरकार पर उसके विरोधी यह आरोप भी जड़ रहे हैं कि उसने भारत से सामरिक सहयोग करने के बहाने मालदीव की संप्रभुता को भारत के हाथ गिरवी रख दिया है. भारत के लिए यह गहन चिंता का विषय है.

Web Title: Ved pratap Vaidik blog: Campaign against India in Maldives

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