ब्लॉग: क्वाड शिखर बैठक रद्द होने से उठते सवाल और चीन की नई चाल

By शोभना जैन | Published: May 19, 2023 07:01 AM2023-05-19T07:01:58+5:302023-05-19T07:04:03+5:30

क्वाड गैर-पारंपरिक सुरक्षा वाला समूह है लेकिन हाल फिलहाल में क्वाड के सदस्य देशों की गतिविधि ने चीन को कुछ हद तक चितिंत तो जरूर किया है. ऐसे में इसकी बैठक का रद्द होना चीन के लिए फिलहाल भले ही अच्छी खबर कही जा सकती है.

Questions rising due to cancellation of quad meeting | ब्लॉग: क्वाड शिखर बैठक रद्द होने से उठते सवाल और चीन की नई चाल

ब्लॉग: क्वाड शिखर बैठक रद्द होने से उठते सवाल और चीन की नई चाल

ऑस्ट्रेलिया में आगामी 24 मई को प्रस्तावित  क्वाड शिखर बैठक अचानक रद्द कर दी गई है. चार देशों- अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के गैर-पारंपरिक सुरक्षा समूह की शिखर बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा अपने देश के भीषण आर्थिक संकट के कारण शिखर बैठक में हिस्सा लेने पर असमर्थता की वजह से रद्द कर दी गई है. बाइडेन के बाद जापान ने भी इस शिखर बैठक में हिस्सा लेने में असमर्थता व्यक्त की जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने शिखर बैठक रद्द करने की घोषणा कर दी. 

अहम बात यह है कि एक तरफ जहां सिडनी में होने वाली बैठक बाइडेन की गैरमौजूदगी की वजह से रद्द की गई वहीं इससे ठीक चार दिन पहले जापान के हिरोशिमा में जी-7 शिखर बैठक में ये चारों नेता भी हिस्सा लेंगे, जिसमें अमेरिका सहित यूरोप की सात बड़ी आर्थिक ताकतें, भारत और जापान हिस्सा ले रहे हैं. भारत इस बैठक में प्रेक्षक के नाते हिस्सा ले रहा है, जहां चारों शिखर नेताओं की क्वाड के एजेंडा पर भी कुछ चर्चा होने की संभावना है. 

क्वाड शिखर बैठक को रद्द किए जाने को विदेश नीति के अनेक जानकार जहां क्वाड के लिए धक्का मान रहे हैं, वहीं दिलचस्प बात यह है कि तेजी से घट रहे विश्व घटनाक्रम में चीन जी-7 के मुकाबले एक नई चाल चल रहा है. चीन ने कजाकिस्तान जैसे मध्य एशियाई देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए और उन्हें आर्थिक सहायता देने के लिए बीजिंग में अपनी तरह की एक पहली शिखर बैठक बुलाई है. इसमें सहयोग के ब्लूप्रिंट पर चर्चा की जानी है. 

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस शिखर बैठक का आज शुक्रवार को उद्घाटन करेंगे. दूसरी तरफ जबकि हिरोशिमा में जी-7 देश जैसी मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देश कई मुद्दों पर अलग-अलग राय होने के बीच मुख्य मुद्दों पर एक राय करने पर जोर देंगे. वैसे ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा है ‘‘क्वाड हमारे लिए एक बेहद अहम समूह है. हम चाहते हैं कि सदस्य देशों के नेताओं की बैठक जारी रहे. इसे लेकर इस सप्ताहांत हम बातचीत करेंगे.’’ 

जी-7 समिट के दौरान क्वाड देश के सदस्य आपस में मिल सकते हैं. इसी कड़ी से जुड़ी एक और अहम बात. बाइडेन सिडनी पहुंचने से पहले पापुआ न्यू गिनी का कुछ घंटों का दौरा करने वाले थे. चीन का पापुआ न्यू गिनी पर प्रभाव है. अमेरिका बाइडेन के इस दौरे के जरिये यह संदेश देना चाहता था कि वह प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर कितना गंभीर है. इसे लेकर वहां के नेताओं और जनता के बीच भारी उत्साह था. जो बाइडेन की यात्रा को देखते हुए पापुआ न्यू गिनी ने सार्वजनिक अवकाश का ऐलान कर दिया था. 

दूसरी अहम बात यह कि प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है. बाइडेन का न्यू पापुआ गिनी का कुछ घंटे का दौरा जिस तरह से रद्द किया, जिसका वहां का नेतृत्व व जनता बेहद बेसब्री से इंतजार कर रही थी, उससे अमेरिका में प्रशांत क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं. ऐसे तमाम घटनाक्रम के बीच हवा में तैरते सवाल हैं कि यूक्रेन युद्ध की गहराती छाया में रूस की भूमिका और चीन के बढ़ते दबदबे के बीच अमेरिका के भीषण आर्थिक संकट और घरेलू संकट में उलझने को लेकर क्या इस धारणा को बल मिल रहा है कि अमेरिका के लिए एशिया प्रशांत की बढ़ती चुनौतियां यानी क्वाड की प्रथमिकता कुछ कम हो गई है? क्या अमेरिका के भीषण चुनौतियों से घिरे इस दौर में उसकी घरेलू आर्थिक चुनौतियों से उसकी विदेश नीति प्रभावित हो रही है, खासतौर पर ऐसे में जबकि एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव की चुनौतियों पर अंकुश लगना शुरू  हुआ है?

एक पश्चिमी अखबार से जुड़े एक वरिष्ठ पत्रकार का आकलन है कि बाइडेन के ऑस्ट्रेलिया दौरा रद्द करने से जिसकी सबसे बड़ी जीत हुई है, वो है चीन. चीनी मीडिया में अमेरिका के लिए ये लिखा जा रहा है कि घरेलू राजनीति और आर्थिक संकट से जूझ रहा अमेरिका एक ऐसा पार्टनर बन गया है, जिसने अपने साझेदारों को छोड़ दिया है, जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता. चीन के अखबारों को वार करने का मौका मिल गया है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिडनी में क्वाड शिखर बैठक रद्द होने के बाद ऑस्ट्रेलिया का अपना द्विपक्षीय दौरा यथावत रखा है, जहां वे ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा के अलावा सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे.

साथ ही वहां के शीर्ष व्यापारिक नेताओं के साथ भारत में निवेश लाने पर चर्चा करेंगे. उनकी सिडनी यात्रा का प्रमुख आकर्षण भारतीय मूल के लोगों की विशाल जनसभा होगी, जहां उनका नागरिक अभिनंदन किया जाएगा. साथ ही वे जनसमूह को संबोधित करेंगे, जिसकी महीनों से तैयारियां चल रही हैं. यात्रा के प्रथम चरण में पीएम मोदी 19-20 मई को हिरोशिमा में होंगे. वहां से पपुआ न्यू गिनी जाएंगे जहां वे हिंद प्रशांत द्वीप सहयोग समूह की तीसरी शिखर बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे.

क्वाड गैर-पारंपरिक सुरक्षा वाला समूह है लेकिन हाल फिलहाल में क्वाड के सदस्य देशों की गतिविधि ने चीन को कुछ हद तक चितिंत तो जरूर किया है. ऐसे में इसकी बैठक का रद्द होना चीन के लिए फिलहाल भले ही अच्छी खबर हो, और इसे क्वाड के लिए भले ही एक झटका माना जाए, लेकिन भारत के लिए यह सकारात्मक भावना से इन देशों के साथ आपसी सहयोग बढ़ाने और अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों से जुड़ा गैर-पारंपरिक सुरक्षा समूह है. क्वाड पर चारों सदस्य देशों के सुरक्षा समूह का आरोप लगाए जाने पर भारत ने सदैव ही आपत्ति जताई है.

Web Title: Questions rising due to cancellation of quad meeting

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