अब नशे का सौदागर भी बन गया है पाकिस्तान
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: July 3, 2025 07:25 IST2025-07-03T07:24:42+5:302025-07-03T07:25:52+5:30
ड्रग्स कारोबार के तार भारत के विभिन्न राज्यों से भी जुड़े पाए गए हैं. यह पहला मौका नहीं है जब बड़ी मात्रा मेंं ड्रग्स की जब्ती हुई है.

अब नशे का सौदागर भी बन गया है पाकिस्तान
इस बात में अब कोई संदेह नहीं रह जाना चाहिए कि पंजाब के युवाओं को ड्रग्स के नशे में झोंकने वाला और कोई नहीं बल्कि पाकिस्तान ही है. अभी राजस्थान के बाड़मेर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने 60 किलो और पंजाब के जालंधर से 13 किलो हेरोइन जब्त करने के साथ जिस गिरोह का पर्दाफाश किया है, उसके सूत्र सीधे-सीधे पाकिस्तान से जुड़ते हैं.
इस गिरोह का सरगना पाकिस्तान में बैठा तस्कर तनवीर सिंह और कनाडा में बैठा अपराधी जोबन कालेर है. ये दोनों स्थानीय ड्रग तस्कर गुरसाहिब सिंह के माध्यम से भारत में ड्रग्स पहुंचा रहे थे. कमाल की बात है कि गुरसाहिब सिंह इस वक्त पंजाब की एक जेल में बंद है लेकिन मोबाइल के माध्यम से वह गिरोह का संचालन कर रहा था.
वह अपने भतीजे जशनप्रीत सिंह और साथी गगनदीप सिंह को निर्देश देता था और वे दोनों गिरोह को दिशा-निर्देश देते थे. सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि गुरसाहिब सिंह के पास जेल में मोबाइल कैसे पहुंचा? यदि किसी पुलिस वाले की मिलीभगत नहीं होगी तो जेल में मोबाइल पहुंच ही नहीं सकता. इस बात की सख्ती से जांच की जानी चाहिए कि वो कौन से पुलिस वाले हैं जो ड्रग्स तस्करों की मदद कर रहे हैं.
ड्रग्स के खिलाफ कोई भी अभियान तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक कि घर के भेदियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती है. ड्रग्स के इस ताजा मामले में अभी तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें दो महिलाएं भी हैं. गिरफ्तारी का यह आंकड़ा अत्यंत छोटा है क्योंकि ड्रग्स कारोबार के तार भारत के विभिन्न राज्यों से भी जुड़े पाए गए हैं. यह पहला मौका नहीं है जब बड़ी मात्रा मेंं ड्रग्स की जब्ती हुई है.
खासकर पंजाब से लेकर दिल्ली तक में ड्रग्स जब्त किए जाते रहे हैं और यह भी सुनिश्चित हो चुका है कि भारत में खासतौर पर चार क्षेत्रों से ड्रग्स की तस्करी हो रही है. पहला इलाका है पंजाब और दूसरा इलाका है राजस्थान जहां पाकिस्तान से ड्रग्स विभिन्न माध्यमों से भेजे जा रहे हैं. कई बार तो ड्रग्स पहुंचाने वाले ड्रोन भी पकड़े गए हैं.
पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के माध्यम से ड्रग्स इस ओर भेज दिए जाते हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय तस्करों के गुर्गे इन्हें छिपा देते हैं. फिर इन्हें दूसरे राज्यों में भेज दिया जाता है. पाकिस्तानी ड्रग्स तस्करों ने पहले पंजाब के युवाओं को नशे की लत लगाई और फिर उन्हें ही तस्करी में झोंक दिया. यही स्थिति राजस्थान में भी है लेकिन राजस्थानी युवा नशे से ज्यादातर दूर ही रहे इसलिए पाकिस्तान ने पंजाब के तस्करों के माध्यम से राजस्थान में तस्करी का जाल बिछाया.
तीसरा सबसे बड़ा इलाका उत्तर-पूर्वी राज्यों का है जहां बांग्लादेश से सटी सीमा और म्यांमार की सीमा से ड्रग्स की तस्करी होती है. इसमें पाकिस्तान के साथ ही चीन और बांग्लादेश की बड़ी भूमिका है. और चौथा रास्ता भारत-नेपाल सीमा से है. इस रास्ते का उपयोग पाकिस्तान भी करता है और अब तो चीन भी काफी करने लगा है. ड्रग्स के धंधे में चूंकि बहुत पैसा है इसलिए स्थानीय युवा प्रलोभन का शिकार हो जाते हैं.
कुछ तो नशे के कारण भी शिकार बनते हैं. उत्तर-पूर्वी राज्यों में नशे की लत लगातार बढ़ती जा रही है जहां छोटे-छोटे चरमपंथी संगठनों के माध्यम से भी ड्रग्स की तस्करी हो रही है. उस इलाके से ड्रग्स देश के दूसरे राज्यों तक पहुंचता रहा है. बिहार में तो जन सुराज पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर लगातार कह रहे हैं कि बिहार में शराबबंदी भले ही हो लेकिन ड्रग्स का कारोबार तेजी से फलफूल रहा है और आने वाले वर्षों में उड़ता पंजाब की तरह बिहार भी उड़ता बिहार हो जाएगा.
निश्चित रूप से केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें ड्रग्स के फैलते नेटवर्क से चिंतित हैं और लगातार बड़ी कार्रवाइयां हो रही हैं. ड्रग्स भी जब्त किए जा रहे हैं और लोगों की गिरफ्तारियां भी हो रही हैं लेकिन यह इतना बड़ा नेक्सस है कि उसके लिए और भी व्यापक पैमाने पर कार्रवाई की जरूरत है. सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि ड्रग्स के खिलाफ यह लड़ाई तक तक निर्णायक साबित नहीं हो सकती जब तक कि इसमें सामान्य नागरिक अपनी भूमिका न निभाएं.
आज हमारे युवाओं को यह समझाने की जरूरत है कि हमारा दुश्मन पाकिस्तान और चीन यह चाहता है कि भारत के युवा नशे के शिकार हो जाएं ताकि देश तरक्की न कर सके! सबको सचेत रहना होगा और नशे को ना कहना होगा, तभी हम नशे के खिलाफ यह जंग जीत सकते हैं.