लाइव न्यूज़ :

डॉक्टर विजय दर्डा का ब्लॉग: कुर्सी ने कुर्सी पर साधा निशाना !

By विजय दर्डा | Published: February 05, 2024 6:48 AM

जनवरी के पहले सप्ताह में हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब लक्षद्वीप पहुंचे तो किसी को भी कूटनीति के समुद्र में ऐसी तरंग उठने का अंदाजा नहीं था। तरंग का प्रभाव देखिए कि महज एक महीने की अवधि में मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू पर महाभियोग लाने की तैयारियां प्रारंभ हो चुकी हैं।

Open in App
ठळक मुद्देमालदीव हर जरूरत के लिए भौगोलिक रूप से भारत पर निर्भर रहा हैलेकिन मुइज्जू ने परंपरा को तोड़ा, वे पहले तुर्की गए, फिर यूएई और उसके बाद चीन गयेचीन की गोद में खेलने वाले मुइज्जू ने अपने चुनाव में ‘इंडिया आउट’ लिखा हुआ, टी-शर्ट पहना था

कूटनीति के इतिहास में संभवत: ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई प्रधानमंत्री अपने देश के समुद्र किनारे कुर्सी लगा कर आराम की मुद्रा में बैठा, महज एक डुबकी लगाई और तरंग इतनी तीव्रता से फैली कि समुद्र में करीब 800 किलोमीटर दूर एक देश के राष्ट्रपति की कुर्सी खतरे में पड़ गई! मुहावरे की भाषा में कहें तो कुर्सी ने कुर्सी पर निशाना साधा। जनवरी के पहले सप्ताह में हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब लक्षद्वीप पहुंचे तो किसी को भी कूटनीति के समुद्र में ऐसी तरंग उठने का अंदाजा नहीं था। तरंग का प्रभाव देखिए कि महज एक महीने की अवधि में मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू पर महाभियोग लाने की तैयारियां प्रारंभ हो चुकी हैं। उनकी कुर्सी खतरे में है!

भारत और मालदीव के बीच इस कटु प्रसंग के बीच मुझे मालदीव की अपनी वो यात्रा याद आ रही है जब वहां के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल गयूम से मेरी मुलाकात हुई थी। साउथ एशिया एडिटर्स फोरम के अध्यक्ष के नाते मैंने फोरम की एक बैठक मालदीव में रखी थी। हम कुछ पत्रकारों ने अब्दुल गयूम के कार्यालय से संपर्क किया कि हम मिलना चाहते हैं और हमें बुलावा भी आ गया। 

गयूम और उनकी पत्नी नसरीना इब्राहिम ने हमारे स्वागत में पलक-पांवड़े बिछा दिए थे। हमने साथ में उनके घर पर भोजन किया। बातचीत के दौरान गयूम दंपति ने बड़े पुलकित अंदाज में कहा था कि भारत और मालदीव के संबंध चुंबक की तरह हैं। दोनों देश एक-दूसरे से अलग राह चलने के बारे में सपने में भी नहीं सोच सकते! भारत, मालदीव का सबसे गहरा दोस्त है।

मौजूदा संदर्भों में मैं सोच रहा हूं कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति मुइज्जू अलग राह पर चल निकले? गयूम के बाद मोहम्मद नशीद से लेकर इब्राहिम सोलिह तक की भारत के साथ गहरी जुगलबंदी रही है। मालदीव में परंपरा रही है कि निर्वाचित होने के बाद हर राष्ट्रपति पहले भारत जाएगा। इसका कारण दोनों देशों के बीच प्यार जैसी स्थिति रही है। वैसे भी मालदीव हर जरूरत के लिए भौगोलिक रूप से भारत पर निर्भर रहा है, लेकिन मुइज्जू ने परंपरा को तोड़ा। वे पहले तुर्की गए, फिर यूएई और उसके बाद भारत के सबसे बड़े दुश्मन चीन जा पहुंचे।

चीन की गोद में वे पहले से खेलते रहे हैं। यहां तक कि अपने चुनाव में उन्होंने ‘इंडिया आउट’ लिखा हुआ टी-शर्ट भी पहना था। चुनाव के दौरान उन्होंने कहा था कि जीते तो भारतीय सैनिकों को मालदीव से बाहर करेंगे। भारत ने समुद्री निगरानी, खोज और मालदीव के लोगों के लिए मेडिकल इमरजेंसी के लिए दो हेलिकॉप्टर और एक विमान दिया था। इसकी देखरेख और संचालन के लिए भारत के कुछ सैनिक वहां हैं। 

मुइज्जू ने मार्च तक उन्हें हटाने की चेतावनी दे दी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के बेहद खूबसूरत द्वीप लक्षद्वीप जा पहुंचे. उन्होंने वहां स्नॉर्कलिंग की और थोड़ी देर समुद्र  के किनारे बैठे और लोगों से आग्रह किया कि वे अपने देश के खूबसूरत समुद्र तटों का लुत्फ उठाएं। इसके बाद मुइज्जू की मंत्री मरियम शिउना ने नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। मालशा शरीफ और महजूम माजिद ने भी भारत के खिलाफ बातें कीं।

विवाद बढ़ा और सोशल मीडिया पर बायकॉट मालदीव ट्रेंड करने लगा। एक भारतीय पर्यटन कंपनी ने तो मालदीव के लिए निर्धारित सारी बुकिंग ही कैंसिल कर दी। दिसंबर 2023 तक मालदीव के पर्यटन में भारत शीर्ष पर था। जाहिर सी बात है कि मालदीव का पर्यटन उद्योग घबरा गया। पर्यटन उद्योग के दबाव में मुइज्जू को अपने तीनों मंत्रियों को निलंबित करना पड़ा लेकिन उन्होंने मंत्रियों को बर्खास्त नहीं किया।

मुइज्जू के भारत विरोधी रवैये के दुष्परिणाम को लेकर मालदीव में बेचैनी की स्थिति है क्योंकि तमाम दैनिक जरूरतों से लेकर दवाइयों और कलपुर्जों तक के लिए मालदीव भारत पर आश्रित है। वहां का विपक्ष इस बात को अच्छी तरह से समझ रहा है कि मुइज्जू की अकड़ मालदीव को तबाह कर सकती है। अपनी मालदीव यात्रा में मैंने महसूस किया था कि मालदीव के सामान्य लोग भारत से बहुत प्यार करते हैं।

भारत को अपना बड़ा भाई मानते हैं जो हर संकट में काम आता है। भारत ने वहां सत्ता पलट की कोशिशों को नाकाम किया था। सुनामी के समय भारी मदद की थी। कोविड के समय वैक्सीन की बड़ी खुराक तो दी ही थी, कोविड की रोकथाम और उपचार में भी बड़ा योगदान दिया था। हर साल भारत बड़ी आर्थिक मदद भी करता है।

विपक्ष इस बात को समझता है। इसीलिए मालदीव के विपक्षी दल जम्हूरी पार्टी के नेता कासिम इब्राहिम ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मुइज्जू को अपनी हरकतों के लिए भारत और उसके प्रधानमंत्री से माफी मांगनी चाहिए। चीन को लेकर वहां का विपक्ष आक्रामक हो चुका है। विपक्ष के तेवर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां की संसद में हाथापाई भी हो गई! 

विपक्ष मुइज्जू के खिलाफ अब महाभियोग की तैयारी कर रहा है। मुइज्जू के सामने अब दो ही रास्ते हैं या तो भारत से संबंध सुधारें या फिर कुर्सी गंवाएं! इतना तो तय है कि मालदीव चीन की गोद में नहीं जा सकता क्योंकि भारत की तुलना में वह कई गुना दूर है। उम्मीद करें कि मुइज्जू को ये बात समझ में आ जाएगी! मालदीव और भारत के दिल के रिश्ते बने रहेंगे। यही दोनों के हक में है।

टॅग्स :मालदीवभारतनरेंद्र मोदी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPM Modi Patna Roadshow: पटना में पहली बार पीएम मोदी करेंगे रोड-शो, एसपीजी ने सुरक्षा पर किया फोकस, इन रास्ते पर जानें से बचिए, देखिए रूट

भारतMother’s Day 2024: जानिए मदर्स डे का इतिहास, पढ़िए मां पर लिखे गए ये खूबसूरत शेर, 12 मई को मनाया जाएगा मातृ दिवस

भारतAmit Shah Reply Arvind Kejriwal: '75 साल का रिटायरमेंट नरेंद्र मोदी के लिए नहीं', केजरीवाल पर बोले अमित शाह

भारतArvind Kejriwal In AAP Office: '21 दिन में पूरे देश में घूमूंगा, 1 दिन में 36 घंटे काम करूंगा', 'आप', कार्यालाय से बोले केजरीवाल

भारतLok Sabha Election 2024: "भाजपा जीतती है, तो PM नरेंद्र मोदी नहीं अमित शाह बनेंगे", CM अरविंद केजरीवाल का दावा

विश्व अधिक खबरें

विश्वIsrael–Hamas war: इजरायल ने राफा को खाली करने का नया आदेश जारी किया, सेना उत्तरी गाजा में भी घुस रही है

विश्वPakistan Punjab: 27 आरक्षित सीट गंवायी, पीएमएल-एन की अगुवाई वाले सत्तारूढ़ गठबंधन को बड़ा झटका, उच्चतम न्यायालय ने पलट दी फैसला

विश्वCrown Prince of Saudi Arabia Mohammed bin Salman: पाकिस्तान यात्रा कैंसिल!, सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने पीएम शरीफ को दिया झटका

विश्वNorth Afghanistan Flash Floods: एक दिन में 50 की मौत, बघलान में बारिश के बाद बाढ़, घरों और संपत्तियों को नुकसान, कई लापता

विश्वDR Congo Displacement Camps Bomb Attack: "बर्बरता ने मानवता को शर्मसार किया", विस्थापितों शिविरों पर हमला, 35 लोगों की मौत