वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः चीन-अमेरिका व्यापारिक टकराव

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 14, 2019 07:23 AM2019-05-14T07:23:49+5:302019-05-14T07:23:49+5:30

अमेरिका चीन को जितना माल बेचता है, चीन उससे लगभग चार गुना अमेरिका को बेचता है. अमेरिका के शहरों और दूरदराज के गांवों की दुकानें भी चीनी माल से पटी रहती हैं. चीन और अमेरिका के बीच लगभग साढ़े सात सौ बिलियन डॉलर का व्यापार है.

China-America trade conflicts | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः चीन-अमेरिका व्यापारिक टकराव

File Photo

व्यापार को लेकर आजकल अमेरिका और चीन के बीच ऐसी ठन गई है कि यह मामला अगर शीघ्र नहीं सुलझा तो इसका बुरा असर सारी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है. जैसा मंदी का दौर 2008-09 में सारी दुनिया में छा गया था, वैसा या उससे भी बदतर दौर अगले एक-दो साल में देखा जा सकता है. ट्रम्प ने अमेरिका में खपनेवाले चीनी माल पर तटकर 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया है. 

अमेरिका चीन को जितना माल बेचता है, चीन उससे लगभग चार गुना अमेरिका को बेचता है. अमेरिका के शहरों और दूरदराज के गांवों की दुकानें भी चीनी माल से पटी रहती हैं. चीन और अमेरिका के बीच लगभग साढ़े सात सौ बिलियन डॉलर का व्यापार है. पहले चीन ने अमेरिकी सामान पर तटकर बढ़ाया तो अमेरिका ने भी नहले पर दहला मार दिया. दोनों देश एक-दूसरे के माल पर तटकर बढ़ाना यह कहकर उचित ठहरा रहे हैं कि उन्हें अपने-अपने उद्योग-धंधों की रक्षा करनी है. यदि तटकर बढ़ेगा तो वे चीजें महंगी हो जाएंगी और स्थानीय चीजों के मुकाबले कम खरीदी जाएंगी. यदि इस तटकर विवाद को विश्व व्यापार संगठन में ले जाया जाएगा तो वहां तो पहले से ही अमेरिका ने चीन को 19 मामलों में मात दे रखी है.  

इस तनाव के कारण मुंबई का शेयर बाजार हिलने लगा है लेकिन भारत को इससे फायदा भी हो सकता है. भारत का माल अमेरिका और चीन, दोनों जगह ज्यादा बिक सकता है, हालांकि भारत और अमेरिका के बीच भी व्यापारिक तनाव चल रहा है. चीन की अर्थव्यवस्था इस समय अधोगामी हो गई है. 

उसकी विकास-दर 2-3 प्रतिशत पर अटकी है. उसका कर्ज उसके जीडीपी से तीन गुना ज्यादा है. चीन के मेगा स्टोर और मॉल खाली पड़े हैं और हजारों फ्लैटों में कोई रहनेवाला नहीं है. यदि अमेरिका से व्यापारिक संबंध विच्छेद हो गए तो चीनी अर्थव्यवस्था को ढेर होते देर नहीं लगेगी. ट्रम्प ने चीन को धमकाया है कि वह अगली अमेरिकी सरकार का इंतजार न करे. उसे जो समझौता करना है, अभी करे. अगली सरकार भी ट्रम्प की ही होगी. तब चीन की मुश्किलें और बढ़ेंगी.

Web Title: China-America trade conflicts

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