ब्लॉगः रूस ने कराया जनमत संग्रह...यूक्रेन की 15 प्रतिशत भूमि को रूस में मिला लेगा, लाखों यूक्रेनी भागे

By वेद प्रताप वैदिक | Published: September 30, 2022 03:49 PM2022-09-30T15:49:22+5:302022-09-30T15:50:36+5:30

इस जनमत संग्रह में 87 से 99 प्रतिशत लोगों ने रूस में विलय के पक्ष में वोट दिए हैं। यूक्रेनी नेताओं ने कहा है कि यह जनमत संग्रह शुद्ध पाखंड है। रूसी फौजियों ने घर-घर जाकर पेटियों में लोगों से जबर्दस्ती वोट डलवाए हैं। यह पता नहीं कि वोटों की गिनती भी ठीक से हुई है या नहीं? या गिनती के पहले ही परिणामों की घोषणा हो गई है?

Blog Russia's referendum is dangerous will annex 15 percent of Ukraine's land to Russia millions of Ukrainians fled | ब्लॉगः रूस ने कराया जनमत संग्रह...यूक्रेन की 15 प्रतिशत भूमि को रूस में मिला लेगा, लाखों यूक्रेनी भागे

ब्लॉगः रूस ने कराया जनमत संग्रह...यूक्रेन की 15 प्रतिशत भूमि को रूस में मिला लेगा, लाखों यूक्रेनी भागे

यूक्रेन के चार क्षेत्रों में रूस ने जनमत संग्रह करवा लिया और अब अगले सप्ताह उन चारों क्षेत्रों को वह रूस में मिला लेगा। उन्हें वह रूस का हिस्सा बना लेगा। ये चार क्षेत्र हैं- दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसान और जापोरिज्जिया। इन चारों क्षेत्रों से लाखों यूक्रेनी भागकर अन्य यूरोपीय देशों में चले गए हैं। ये चारों क्षेत्र मिलकर यूक्रेन की 15 प्रतिशत भूमि में हैं। इन क्षेत्रों में ज्यादातर रूसी मूल के लोग रहते हैं। यूक्रेन कई दशकों तक सोवियत रूस का एक प्रांत बनकर रहा है। इसके पहले भी दोनों देशों में सदियों से घनिष्ठता रही है।

यूक्रेनी लोग रूस में बसते रहे और रूसी लोग यूक्रेन में लेकिन सोवियत संघ के टूटने के बाद यानी यूक्रेन के अलग होने के बाद रूसी और यूक्रेनी लोगों के मतभेद बढ़ते गए। उक्त चारों इलाकों के रूसी मूल के लोग रूस में मिलने के छोटे-मोटे आंदोलन भी चलाते रहे हैं लेकिन रूस ने उस पर कोई खास ध्यान नहीं दिया। अब क्योंकि नाटो देशों ने यूक्रेन पर भी डोरे डालने शुरू कर दिए थे, इसीलिए रूसी नेता व्लादीमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है। उन्होंने इन चारों क्षेत्रों में पांच दिनों तक जनमत संग्रह करवाकर इन्हें रूस में मिलाने की घोषणा कर दी है। इस जनमत संग्रह में 87 से 99 प्रतिशत लोगों ने रूस में विलय के पक्ष में वोट दिए हैं। यूक्रेनी नेताओं ने कहा है कि यह जनमत संग्रह शुद्ध पाखंड है। रूसी फौजियों ने घर-घर जाकर पेटियों में लोगों से जबर्दस्ती वोट डलवाए हैं। यह पता नहीं कि वोटों की गिनती भी ठीक से हुई है या नहीं? या गिनती के पहले ही परिणामों की घोषणा हो गई है?

यूक्रेन की इस आपत्ति को रूसी नेताओं ने निराधार कहकर निरस्त कर दिया है लेकिन असली सवाल यह है कि क्या इस तरह का जनमत-संग्रह उचित और व्यावहारिक है? रूस ने सीधे कब्जा नहीं किया और उसकी जगह जनमत संग्रह करवाया यह बेहतर बात है लेकिन यदि इसे सही मान लिया जाए तो आज की दुनिया के कई देशों के टुकड़े हो जाएंगे। पड़ोसी देशों के लोग लाखों-करोड़ों की संख्या में आकर किसी भी देश में बस जाएं तो क्या वे अपना अलग देश बनाने या अपने मूल देश में मिलने के अधिकारी हो सकते हैं? यदि ऐसा होने लगे तो पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और म्यांमार जैसे कई देशों के टुकड़े होने लगेंगे, क्योंकि इन देशों के कई जिलों और प्रांतों में पड़ोसी देशों के लोगों की बहुतायत है। दक्षिण एशिया ही नहीं, दुनिया के अनेक देशों में यह उपक्रम संकट पैदा कर सकता है।  

Web Title: Blog Russia's referendum is dangerous will annex 15 percent of Ukraine's land to Russia millions of Ukrainians fled

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