अवधेश कुमार का ब्लॉग: विदेश में पाक प्रायोजित विरोध

By अवधेश कुमार | Published: August 21, 2019 09:22 AM2019-08-21T09:22:05+5:302019-08-21T09:22:05+5:30

इस तरह के असभ्य और हिंसक विरोध प्रदर्शनों की मिसाल शायद ही मिले. इनकी ओर से जूते, अंडे, पत्थर, जमे हुए पानी की बोतलें, शीशे की बोतलें, टमाटर, आलू, रंग और न जाने किन-किन सामानों से हमला किया जाने लगा.

Awadhesh Kumar's blog: Pak sponsored protest abroad | अवधेश कुमार का ब्लॉग: विदेश में पाक प्रायोजित विरोध

अवधेश कुमार का ब्लॉग: विदेश में पाक प्रायोजित विरोध

लंदन स्थित इंडिया हाउस के बगल में स्थित इंडिया प्लेस में स्वतंत्नता दिवस मनाने तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने के लिए एकत्रित भारतीय या भारतीय मूल के भारतवंशी निस्संदेह इस बात से अनजान थे कि पाकिस्तान वहां बड़े हिंसक विरोध प्रदर्शन की योजना बना चुका है.

जब अचानक भारी संख्या में पाकिस्तानी और उनके समर्थक बसों से उतरकर वहां पाकिस्तानी झंडा लहराते हुए भारत, प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी के विरोध में नारे लगाने लगे, गालियां देने लगे तो कुछ समय के लिए किसी की समझ में नहीं आया कि क्या करें.

इस तरह के असभ्य और हिंसक विरोध प्रदर्शनों की मिसाल शायद ही मिले. इनकी ओर से जूते, अंडे, पत्थर, जमे हुए पानी की बोतलें, शीशे की बोतलें, टमाटर, आलू, रंग और न जाने किन-किन सामानों से हमला किया जाने लगा. इनकी संख्या 10 हजार के आसपास बताई जाती है. कई भारतीय घायल हुए. इनके हमले के निशान भारतीय उच्चायोग भवन की दीवारों पर कोई भी देख सकता है. 

ये सब बसों में भरकर करीब 11.30 बजे लाए गए और साढ़े पांच घंटे इन्होंने वहां अपना कब्जा बनाए रखा. इन्होंने धुएं के बम भी फोड़े. भय और आतंक का वातावरण वहां था. वे धीरे-धीरे दूसरी दिशा से इंडिया प्लेस में पहुंचने की कोशिश करने लगे. भारतीय मूल के लोगों से कुछ गज की दूरी पर ये रह गए थे. कुछ भारतीय एक बाइलेन में फंस गए जहां से निकलने का रास्ता नहीं था. उच्चायोग के कुछ कर्मचारी भी फंसे थे. वातावरण पूरा डरावना था लेकिन आमना-सामना होने पर जितने भारतीय-भारतवंशी थे वे भारत जिंदाबाद, मोदी-मोदी का नारा लगाने लगे. हालांकि इन्होंने किसी अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया. भारत के लिए भले पाकिस्तान का यह व्यवहार चिंताजनक है, पर ब्रिटेन की राजधानी लंदन में ऐसा होना उनके लिए तो शर्मनाक है. प्रश्न है कि क्या लंदन पुलिस और प्रशासन को इसकी पूर्व सूचना नहीं थी? थी तो इसे रोकने के लिए क्या किया गया?   

इस घटना पर गहराई से विचार करना इसलिए जरूरी है क्योंकि पाक सरकार ने योजनापूर्वक ऐसा किया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्नी इमरान खान ने 14 अगस्त को अपने आजादी के दिन पाक अधिकृत कश्मीर की विधानसभा में बोलते हुए कहा था कि कल देखना लंदन में कितनी पब्लिक इकट्ठी होती है. ये इतने होंगे जितने पहले कभी नहीं हुए. यह संदेश ब्रिटिश सरकार तथा लंदन प्रशासन तक पहुंचा होगा. फिर उन्होंने इसे क्यों नहीं रोका?

Web Title: Awadhesh Kumar's blog: Pak sponsored protest abroad

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