अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी, तालिबान के कब्जे के बाद उत्तर कोरिया तानाशाह किम जोंग उन के घातक इरादों से रहना होगा सावधान 

By प्रमोद भार्गव | Published: September 3, 2021 02:32 PM2021-09-03T14:32:15+5:302021-09-03T14:33:38+5:30

उत्तर कोरिया 10 हजार किलोमीटर की दूरी की मारक क्षमता वाली केएल-02 बैलेस्टिक मिसाइल बनाने में सफल हो चुका है.

Afghanistan Withdrawal US forces Taliban world careful deadly intentions of North Korean dictator Kim Jong Un | अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी, तालिबान के कब्जे के बाद उत्तर कोरिया तानाशाह किम जोंग उन के घातक इरादों से रहना होगा सावधान 

अंतरराष्ट्रीय आणविक ऊर्जा एजेंसी ने भी कहा है कि तानाशाह किम जोंग परमाणु कार्यक्रम तेजी से बढ़ा रहे हैं.

Highlightsउत्तर कोरिया ने तीन साल से बंद पड़े योंगब्योन प्लांट में परमाणु हथियार बनाने का सिलसिला शुरू कर दिया है. पांच मेगावॉट का उसका यह सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र है.अमेरिका के साथ हुई निष्क्रिय परमाणु कूटनीतिक संधि के तीन साल बाद उत्तर कोरिया ने फिर से परमाणु शस्त्रागार बढ़ाने की धमकी दी है.

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी और तालिबान के कब्जे के बाद उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के घातक इरादे दिखने लगे हैं.

 

परमाणु हथियारों का बड़ी मात्रा में भंडार रखने वाले उत्तर कोरिया ने तीन साल से बंद पड़े योंगब्योन प्लांट में परमाणु हथियार बनाने का सिलसिला शुरू कर दिया है. पांच मेगावॉट का उसका यह सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र है. संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी रिपोर्ट में चिंता जताते हुए कहा गया है कि दुनिया को उत्तर कोरिया से तुरंत बात करनी चाहिए, क्योंकि अमेरिका के साथ हुई निष्क्रिय परमाणु कूटनीतिक संधि के तीन साल बाद उत्तर कोरिया ने फिर से परमाणु शस्त्रागार बढ़ाने की धमकी दी है. अंतरराष्ट्रीय आणविक ऊर्जा एजेंसी ने भी कहा है कि तानाशाह किम जोंग परमाणु कार्यक्रम तेजी से बढ़ा रहे हैं.

इस वजह से अंतरराष्ट्रीय संधियों व प्रतिबंधों का खुला उल्लंघन हो रहा है. योंगब्योन संयंत्र के निकट ठंडे पानी का प्रवाह बढ़ गया है. गोया, आशंका है कि अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम परमाणु र्इंधन का उत्पादन शुरू हो गया है. चार साल पहले एकाएक उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण कर अमेरिका, जापान और भारत समेत दुनिया को चौंका दिया था.

उसका यह छठा परमाणु परीक्षण, पांचवें परीक्षण से छह गुना शक्तिशाली था. उन्नत तकनीक के इस हाइड्रोजन बम का निर्माण लंबी दूरी की मिसाइल के लिए डिजाइन किया गया था. इस बम की खासियत यह है कि इसके सभी उपकरण उत्तर कोरिया में ही तैयार किए गए थे. इसकी क्षमता सैकड़ों किलो टन है. जब इसका समुद्र में परीक्षण किया गया, तब जापान में भूकंप के झटके अनुभव किए गए थे.

इनकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 6.3 आंकी गई थी. इस परीक्षण के बाद परमाणुशक्ति-संपन्न देशों द्वारा अनेक प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उत्तर कोरिया ने योंगब्योन संयंत्र को बंद कर दिया था, जो अब फिर शुरू कर दिया गया है. दुनिया के मानचित्र पर देखने में तो उत्तर कोरिया एक छोटा सा देश है, किंतु वह लगातार परमाणु विस्फोट और नई-नई मिसाइलों का परीक्षण करके अमेरिका जैसे ताकतवर देश को भी धमकाता रहता है. इसी कारण कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव की स्थिति बनी रहती है. उत्तर कोरिया की इन हरकतों के चलते अमेरिका उसे खतरनाक शत्रु देश मानता रहा है.

जापान भी इस देश के परमाणु परीक्षणों को उचित नहीं मानता, क्योंकि जापान दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जो अमेरिका द्वारा किए गए परमाणु हमलों की मार झेल चुका है. पाकिस्तान ने ही तस्करी के जरिए उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार निर्माण तकनीक हस्तांतरित की और वह परमाणु शक्तिसंपन्न देश बन गया है. उसने पहला परमाणु परीक्षण 2006, दूसरा 2009, तीसरा 2013, चौथा 2014, पांचवां 2015 और छठा हाइड्रोजन बम के रूप में 3 सितंबर 2017 को किया था. उत्तरी कोरिया के इन परीक्षणों से पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में बहुत गहरा असर पड़ा है.

चीन का उसे खुला समर्थन प्राप्त है. अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया को वह अपना दुश्मन देश मानता है. इसीलिए यहां का तानाशाह किम जोंग उन अमेरिका और दक्षिण कोरिया को आणविक युद्ध की खुली धमकी देता रहता है. उत्तर कोरिया की सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी ने जब अपनी आजादी की 70 वीं वर्षगांठ मनाई थी, तब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारी लिऊ युनशान भी मौजूद थे.

इसी समय किम ने कहा था कि कोरिया की सेना तबाही के हथियारों से लैस है. इसके मायने हैं कि हम अमेरिका जैसे साम्राज्यवादी देश की ओर से छेड़ी गई किसी भी जंग के लिए तैयार हैं. अमेरिका के अधिकारी इस समारोह के ठीक पहले यह आशंका जता भी चुके थे कि उत्तर कोरिया के पास अमेरिका के विरुद्ध परमाणु हथियार दागने की क्षमता है.

दरअसल, कोरिया 10 हजार किलोमीटर की दूरी की मारक क्षमता वाली केएल-02 बैलेस्टिक मिसाइल बनाने में सफल हो चुका है. वह अमेरिका से इसलिए नाराज है क्योंकि उसने दक्षिण कोरिया में सैनिक अड्डे बनाए हुए हैं.

अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की नाकामी से दुनिया में यह मानसिकता बन रही है कि अमेरिका की चौधराहट सिमट रही है और अब वह किसी आतंकी एवं उत्पाती देश पर नियंत्रण की स्थिति मेंं नहीं रह गया है. इसी का परिणाम है कि गुफाओं में बंद पड़े आतंकी संगठन खुले में बंदूकें लहराने लगे हैं और उ. कोरिया जैसे देश सिर उठाने लगे हैं. 

Web Title: Afghanistan Withdrawal US forces Taliban world careful deadly intentions of North Korean dictator Kim Jong Un

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