वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: यह जासूसी कौन करवा रहा है?

By वेद प्रताप वैदिक | Published: November 2, 2019 06:00 AM2019-11-02T06:00:05+5:302019-11-02T06:00:05+5:30

देश के ऐसे कई पत्नकारों, प्रोफेसरों, समाजसेवियों, वकीलों के नाम उजागर हुए हैं, जिनके मोबाइल फोन को अप्रैल-मई के महीनों में टेप किया गया है. कांग्रेस का आरोप है कि यह भाजपा सरकार ने करवाया है और नागरिकों की निजता व गोपनीयता भंग करने के लिए भाजपा सरकार विदेशी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है.

Vedapratap Vedic's blog: Who is spying this? | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: यह जासूसी कौन करवा रहा है?

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: यह जासूसी कौन करवा रहा है?

इजराइल की एनएसओ नामक साइबर इंटेलिजेंस कंपनी की एक जबर्दस्त तिकड़म पकड़ी गई है. इस कंपनी ने दुनिया के अनेक देशों के लगभग 1400 लोगों की व्हाट्सएप्प पर जासूसी की है. सारी दुनिया में यह माना जाता है कि व्हाट्सएप्प पर होने वाली बातचीत या भेजे जाने वाले संदेशों में कोई सेंध नहीं लगा सकता लेकिन अब यह भ्रम टूट चुका है. इस विवाद में भारत भी घिर गया है.

देश के ऐसे कई पत्नकारों, प्रोफेसरों, समाजसेवियों, वकीलों के नाम उजागर हुए हैं, जिनके मोबाइल फोन को अप्रैल-मई के महीनों में टेप किया गया है. कांग्रेस का आरोप है कि यह भाजपा सरकार ने करवाया है और नागरिकों की निजता व गोपनीयता भंग करने के लिए भाजपा सरकार विदेशी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है. जबकि सरकार ने इन आरोपों को बिल्कुल झूठा बताया है और व्हाट्सएप्प से सारे मामले पर सफाई मांगी है. विरोधी नेताओं का कहना है कि उस इजराइली कंपनी का बयान पढ़िए.

वह कहती है कि हम नागरिकों की निजता भंग नहीं करते हैं बल्किसिर्फ सरकारों को अपना सॉफ्टवेयर बेचते हैं ताकि अपराधियों और देशद्रोहियों को वे पकड़ सकें. यदि यह सच है तो भी इस बात की संभावना कम है कि भाजपा सरकार बड़ी मुसीबत में फंस सकती है. इस तरह की निगरानी तो भारत सरकार खुद कर सकती है, कुछ कानून-कायदों के तहत लेकिन हो सकता है कि व्हाट्सएप्प संदेश उसकी पकड़ के बाहर रहे हों. इस तरह की जासूसी 10 लोगों की करने के लिए एनएसओ कंपनी 5 से 10 करोड़ रु. तक लेती है.

जिन लोगों की जासूसी की गई है, वे लोग सरकार विरोधी जरूर हैं लेकिन वे इतने खतरनाक नहीं हैं कि उनके खिलाफ विदेशी जासूस कंपनी को लगाया जाए. यदि भारत सरकार को यही करना था तो उसके लिए असली खतरा पैदा करने वाले कई दूसरे लोग हैं. मामला तूल पकड़ेगा, लेकिन भारतीय और अमेरिकी अदालतें इस पर क्या कहती हैं, यह जानने की उत्सुकता बनी रहेगी. अभी तक ठीक से पता नहीं चला है कि यह जासूसी कौन करवा रहा है.

Web Title: Vedapratap Vedic's blog: Who is spying this?

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