योगेश कुमार गोयल का ब्लॉगः प्रत्येक प्राणी के प्रति दयाभाव रखने का संदेश

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 18, 2019 08:30 AM2019-05-18T08:30:08+5:302019-05-19T12:50:32+5:30

भगवान बुद्ध का जीवन दर्शन और उनके विचार आज ढाई हजार से अधिक वर्षो के बेहद लंबे अंतराल बाद भी उतने ही प्रासंगिक हैं. उनके प्रेरणादायक जीवन दर्शन का जनजीवन पर अमिट प्रभाव रहा है. हिंदू धर्म में जो अमूल्य स्थान चार वेदों का है, वही स्थान बौद्ध धर्म में ‘पिटकों’ का है, जो तीन प्रकार के हैं - विनय पिटक, सुत्त पिटक तथा अभिधम्म पिटक. इनमें भगवान बुद्ध के उपदेश संग्रहीत हैं.

gautam buddha: Message of mercy to every creature | योगेश कुमार गोयल का ब्लॉगः प्रत्येक प्राणी के प्रति दयाभाव रखने का संदेश

योगेश कुमार गोयल का ब्लॉगः प्रत्येक प्राणी के प्रति दयाभाव रखने का संदेश

योगेश कुमार गोयल

563 ईसा पूर्व वैशाख मास की पूर्णिमा को लुम्बिनी वन में शाल के दो वृक्षों के बीच एक राजकुमार ने उस समय जन्म लिया, जब उनकी मां कपिलवस्तु की महारानी महामाया देवी अपने पीहर देवदह जा रही थीं और रास्ते में ही उन्हें प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी. इस राजकुमार का नाम रखा गया सिद्धार्थ, जो आगे चलकर गौतम बुद्ध के नाम से विख्यात हुए.

भगवान बुद्ध का जीवन दर्शन और उनके विचार आज ढाई हजार से अधिक वर्षो के बेहद लंबे अंतराल बाद भी उतने ही प्रासंगिक हैं. उनके प्रेरणादायक जीवन दर्शन का जनजीवन पर अमिट प्रभाव रहा है. हिंदू धर्म में जो अमूल्य स्थान चार वेदों का है, वही स्थान बौद्ध धर्म में ‘पिटकों’ का है, जो तीन प्रकार के हैं - विनय पिटक, सुत्त पिटक तथा अभिधम्म पिटक. इनमें भगवान बुद्ध के उपदेश संग्रहीत हैं.

भगवान बुद्ध जब उपदेश देते जगह-जगह घूमते तो कुछ लोग उनका खूब आदर-सत्कार करते तो कुछ उन्हें भला-बुरा बोलकर खरी-खोटी भी सुनाते. लेकिन वे सदैव शांतचित्त रहते. एक बार वे भिक्षाटन के लिए शहर में निकले और उच्च जाति के एक व्यक्ति के घर के समीप पहुंचे ही थे कि उस व्यक्ति ने उन पर जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया और कहा कि नीच, तुम वहीं ठहरो, मेरे घर के पास भी मत आओ.

बुद्ध ने उससे पूछा, ‘‘भाई, यह तो बताओ कि नीच आखिर होता कौन है और कौन-कौनसी बातें किसी व्यक्ति को नीच बताती हैं?’’
उस व्यक्ति ने जवाब दिया, ‘‘मैं नहीं जानता.’’

इस पर भगवान बुद्ध ने बड़े प्यार भाव से उस व्यक्ति को समझाते हुए कहा, ‘‘जो व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से ईष्र्या करता है, उससे वैर भाव रखता है, किसी पर बेवजह क्रोध करता है, निरीह प्राणियों पर अत्याचार या उनकी हत्या करता है, वही व्यक्ति नीच होता है. जब कोई किसी पर चिल्लाता है या उसे अपशब्द कहता है अथवा उसे नीच कहता है तो ऐसा करने वाला व्यक्ति ही वास्तव में नीचता पर उतारू होता है क्योंकि असभ्य व्यवहार ही नीचता का प्रतीक है.’’  

भगवान बुद्ध के तर्को से प्रभावित हो वह व्यक्ति उनके चरणों में गिरकर उनसे क्षमायाचना करने लगा. बुद्ध ने उसे उठाकर गले से लगाया और उसे सृष्टि के हर प्राणी के प्रति मन में दयाभाव रखने तथा हर व्यक्ति का सम्मान करने का मूलमंत्न देकर वे आगे निकल पड़े.

Web Title: gautam buddha: Message of mercy to every creature

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