Promise Day: ऑफिस के ई-मेल और एक्सेल शीट के बीच आप भी भूल गए हैं खुद से किया ये वादा

By मेघना वर्मा | Published: February 10, 2020 12:43 PM2020-02-10T12:43:25+5:302020-02-10T12:45:05+5:30

Promise Day: प्ले स्टेशन या पब जी खेलकर चेहरे पर वो हंसी क्यों नहीं आती जो टूटे हुए बैट से घर की छत पर चौका लाने में आती थी?

promise with your self on Promise Day for be happy on each and every day | Promise Day: ऑफिस के ई-मेल और एक्सेल शीट के बीच आप भी भूल गए हैं खुद से किया ये वादा

Promise Day: ऑफिस के ई-मेल और एक्सेल शीट के बीच आप भी भूल गए हैं खुद से किया ये वादा

Highlightsप्रॉमिस डे, हर साल 11 फरवरी को मनाया जाता है। अपने प्यार अपने चाहने वाले और ना जाने किससे-किससे आज आप वादा करेंगे।

ऑफिस की अर्ली मॉर्निंग कैब, एक कप कॉपी, लैपटॉप बैग, हाथ में फॉसिल की वॉच और सामने खुला लैपटॉप। कैब के अंदर एक्सेल शीट में फंसे हुए आप जिस चीज को मिस कर देते हैं वो है कार के बाहर नारंगी रंग का आसमान। उगते हुए सूरज के साथ चिड़ियों की आवाज आपके ब्लूटूथ हेडफोन में किसी एनर्जेटिक गाने में खो जाती है। जिंदगी की आपा-धापी में आप सब कुछ करते हैं बस खुश नहीं रहते। 

सुई को जरा पीछे घुमाइए, याद कीजिए जब स्कूल के रिक्शा में दोस्तों के साथ टीचरों का मजाक बनाया करते थे। वो समय याद कीजिए जब स्कूल ट्रॉली में बैठकर खुद को राजा समझा करते थे। आज भी रूटीन कुछ वैसा ही है सुबह उठना, ऑफिस जाना बस एक चीज नहीं है- वो अल्लहड़पन वो मस्ती और वो दोस्त। 

इंस्टा पर बात-बात में स्टोरी लगाते हैं। कभी कॉफी के बगल रखा आई-मैक, तो कभी चीज टोस्ट की फोटो। हजारों लाइक्स सैकड़ों कमेंट्स देखकर क्यों वो खुशी नहीं होती जो आज भी एलबम में लगी अपनी ही पुरानी फोटो देखकर होती है? बार और पब के बीच ड्रिंक्स के बीच भी वो नशा क्यों नहीं चढ़ता जो मां के हाथों की चाय पीकर चढ़ता था। 

खुद के लिए महंगा समान खरीदते समय क्यों चेहरे पर वो खुशी नहीं होती जो पापा की जेब से चुराए दो रुपए और उससे खरीदे च्विइंगम चबाने में होती थी। प्ले स्टेशन या पब जी खेलकर चेहरे पर वो हंसी क्यों नहीं आती जो टूटे हुए बैट से घर की छत पर चौका लाने में आती थी? क्योंकि आप खुद से किया एक वादा भूल गए हैं। 

वैलेंटाइन वीक के प्रॉमिस डे पर अपने प्यार अपने चाहने वाले और ना जाने किससे-किससे आज आप वादा करेंगे। क्यों नहीं आज आप खुद से एक वादा करें। वही वादा जो आपने कभी बचपन में किया होगा। बस अपने घर की चाभी और अपने लंच बॉक्स की तरह कहीं भूल गए हैं। खुश रहने का वादा। खुद को किसी दूसरे से कम्पेयर ना करने का वादा। खुद को स्पेशल फील करने का वादा। 

ये वादा चाभी है उस खुशीनुमा ताले की जिसे आपने अपनी टेंशन के बीच फंसा रखा है। जो ऑफिस के मेल्स की ही तरह आपके लाइफ के लिए भी जरूरी है। जिस दिन आप खुद से ये वादा कर लेंगे यकीन मानिए उस दिन खुश रहने के लिए किसी खास 'डे' की जरूरत नहीं होगी।

Web Title: promise with your self on Promise Day for be happy on each and every day

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