2019 चुनाव से पहले राज्यसभा का दंगल, क्या कांग्रेस बचा पाएगी अपनी साख?
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 1, 2018 06:52 AM2018-07-01T06:52:41+5:302018-07-01T06:52:41+5:30
मानसून सत्र में राज्यसभा का दंगल दिलचस्प होने की पूरी उम्मीद है!
2019 लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर का राजनीतिक माहौल गरमा रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी रणनीतियों पर फोकस कर रही हैं। लेकिन 2019 चुनाव से पहले सभी को राज्यसभा का दंगल देखने को मिलेगा। राज्यसभा के भीतर पक्ष और विपक्ष के बीच खींचतान का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। दरअसल, कांग्रेस के पीजे कुरियन का कार्यकाल बतौर राज्यसभा उपसभापति समाप्त हो चुका है।
18 जुलाई से मानसून सत्र भी शुरू हो रहा है। ऐसे मे जहां एक तरफ सत्ता पक्ष ने अपना प्रत्याशी उतारने की कवायद शुरू कर दी है तो वहीं विपक्षी दलों में भी उपसभापति के नाम की चर्चा ज़ोरों पर है। उपसभापति के चुनाव को एक और लिहाज़ से देखा जाए तो 2019 के पहले यह विपक्ष के लिए एकजुट होने का अच्छा मौक़ा है वहीं सत्ता पक्ष के लिए अपनी सरकार को मजबूत बनाए रखने की चुनौती है।
भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम पर कोई स्पष्ट राय नहीं रखी है लेकिन संभावित है कि महागठबंध में सेंध लगाने के लिए बीजेपी, एनडीए के किसी दल का उम्मीदवार उतार सकती है। बीजेपी की प्राथमिकता सबसे पहले तो खुद उनके दल का ही कोई प्रत्याशी होगा लेकिन समर्थन ना जुटा पाने की स्थिति में एनडीए के किसी दल का प्रत्याशी बीजेपी का बैक-अप प्लान हो सकता है। बीजेपी के लिए फिलहाल के लिए सबसे बड़ी समस्या शिवसेना और जनता दल युनाइटेड हैं। इन दोनों दलों के रुख से बीजेपी को इनका साथ मिलने की उम्मीद भी कम ही नज़र आती है।
क्या है राज्यसभा का वर्तमान गणित
राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं। जिसमें फिलहाल यूपीए के पास कुल 70 सांसद हैं और एनडीए के पास 85। इसके अलावा 69 सांसद ऐसी पार्टियों के पास हैं जिनका इन दोनों से गठबंधन नहीं है। शिवसेना और जेडीयू को हटा दें तो बीजेपी के पास मदद के लिए निहारने को अन्नाद्रमुक, बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति जैसे दल हैं।
वहीं 51 सीटों वाली कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है महागठबंधन के सभी दलों को एक साथ बनाए रखना क्योंकि आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और कई वाम दल विपक्ष को मज़बूत बना रहे हैं लेकिन इसके बावजूद अनेक बीजेपी विरोधी दल हैं जिनका साथ कांग्रेस के लिए ज़रूरी है। मानसून सत्र में राज्यसभा का दंगल दिलचस्प होने की पूरी उम्मीद है!
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