माफी पर माफी माँगते अरविंद केजरीवाल, ज्यादा घिसने से मुलम्मा छूट जाता है

By रंगनाथ | Published: March 19, 2018 03:21 PM2018-03-19T15:21:42+5:302018-03-19T15:25:26+5:30

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अकाली नेता बिक्रम मजीठिया के बाद बीजेपी नेता नितिन गडकरी और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल से भी माफी माँगी है।

Punjab AAP kejriwal and his apologies from bikram singh majithia, nitin gadkari and kapil sibal | माफी पर माफी माँगते अरविंद केजरीवाल, ज्यादा घिसने से मुलम्मा छूट जाता है

माफी पर माफी माँगते अरविंद केजरीवाल, ज्यादा घिसने से मुलम्मा छूट जाता है

कहते हैं माफी से बड़ी कोई चीज़ नहीं लेकिन आज लाखों पंजाबियों को लग रहा है कि "माफी" से ओछी कोई चीज़ नहीं। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अकाली दल के नेता विक्रम सिंह मजीठिया से माँगी गई लिखित माफी की जिसे लेकर पंजाब का बड़ा तबका आहत नजर आ रहा है। सीएम केजरवाल ने मानहानि का मुकदमा खत्म करवाने के लिए लिखित तौर पर बिक्रम मजीठिया को "ड्रग्स माफिया" कहने के लिए माफी माँगी है। जिस पंजाब ने पहली बार आम आदमी पार्टी को देश की संसद का मुँह दिखाया, जिस पंजाब ने केंद्र-शासित प्रदेश से बाहर आम आदमी पार्टी को पहली बार विधान सभा पहुँचाया, वही पंजाब आज आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री की माफी से आहत है। पंजाबियों की ये नाराजगी केवल मीडिया की जुमलेबाजी नहीं है। आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई टूट के कगार पर है। पंजाब विधान सभा में पार्टी के नेता विपक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने खुलकर अरविंद केजरीवाल से असहमति जाहिर की है। आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सांसद भगवंत मान और उपाध्यक्ष अमन अरोड़ा पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर चुके हैं। आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास ने ट्विटर पर इशारों में इसे "थूक कर चाटना" कहा है।पंजाब में आम आदमी पार्टी के 20 विधायक हैं। माफीनामे पर विवाद होने के बाद दिल्ली आकर अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया से मिलने सभी विधायक नहीं आए। आम आदमी पार्टी की साझीदार पंजाब की स्थानीय पार्टी लोक इंसाफ पार्टी (एलआईपी) ने गठबंधन तोड़ने की घोषणा की है।

पढ़ें- सीएम अरविंद केजरीवाल ने अब बीजेपी और कांग्रेस नेताओं से माँगी माफी

बॉलीवुड की भाषा में कहें तो पिछले एक दशक में सफ़ेद पाउडर (चिट्टे) की वजह से पंजाब "उड़ता पंजाब" में बदल चुका है। राज्य में साल 2007 से 2017 के बीच करीब 10 सालों तक बीजेपी और अकाली दल गठबंधन की सरकार रही। अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया पर ड्रग्स के कारोबार से जुड़े होने के आरोप लगते रहे हैं। मजीठिया पंजाब की प्रकाश सिंह बादल सरकार में मंत्री थे। मजीठिया की बहन हरसिमरत कौर प्रकाश सिंह बादल की बहू हैं। हरसिमरत कौर नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं। हरसिमरत के पति सुखबीर सिंह बादल पंजाब में अपने पिता की सरकार में मंत्री थे। मजीठिया के पिता सत्यजीत सिंह मजीठिया देश के उप-रक्षा मंत्री रहे थे। साफ है कि बादल-मजीठिया परिवार के पास राजनीतिक रसूख, पैसा और पॉवर है। लेकिन अरविंद केजरीवाल के पास क्या नहीं है? उनकी पार्टी पंजाब में मुख्य विपक्षी पार्टी है। दिल्ली में उनकी सरकार है। फिर भी उन्होंने मजीठिया से माफी माँग ली।

एक रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के करीब 73 प्रतिशत युवा नशे (ड्र्ग्स) के शिकार हैं। पंजाब के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य के हर तीसरे छात्र ने कभी न कभी नशे का सेवन किया है। इनमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं। पंजाब के अमृतसर, जालंधर, पटियाला और भटिंडा जैसे जिलों में नशाखोरी महामारी बन चुकी है। किसी अदालत में भले ही ये साबित न हो सके लेकिन नशे के कारोबार को मजीठिया के संरक्षण के आरोप बारहा लगते रहे हैं। केजरीवाल ने मजीठिया पर आरोप लगाकर एक तरफ से वही बात कही थी जिसे बहुत से लोग दबी जुबान से कहते थे। केजरीवाल ने जिस तरह खुलकर मजीठिया का नाम लिया था उससे पंजाब की जनता में उनका क़द बढ़ा था। मजीठिया तो बस एक प्रतीक थे। केजरीवाल के बयान से लोगों को लगा था कि वो ड्रग्स माफिया से लड़ सकते हैं। भले ही वो कोई हो। संदेश ये था कि ड्रग्स कारोबार के पीछे चाहे जितने भी ताकतवर लोग हों "झाड़ू" उनकी सफाई कर सकता है। लेकिन केजरीवाल के माफीनामे से पंजाब की जनता की उम्मीदों पर झाड़ू फिर गया।

केजरीवाल को शायद याद न हो कि करीब 100 साल पहले मोहनदास करमचंद गांधी ने अंग्रेजी शासन की चूलें यहकर हिला दी थीं कि वो अदालत में माफी नहीं माँगेगा, सजा काटेगा। नील किसानों की दुर्दशा से द्रवित राजकुमार शुक्ल के निमंत्रण पर महात्मा गांधी 15 अप्रैल 1917 को चंपारण पहुँचे थे। तत्कालीन जिला कलक्टर ने "अशांति का खतरा" बताकर गांधी की यात्रा पर रोक लगा दी। गाँधी ने आज्ञा का उल्लंघन किया। उन्हें गिरफ्तार कर के अदालत में पेश किया गया। गांधी ने जज से कहा कि वो मानते हैं कि उन्होंने जिलाधिकारी का आदेश नहीं माना और वो चाहते हैं कि उन्हें इसके लिए सजा दी जाए। गाँधी का संदेश साफ था कि भले ही तत्कालीन कानून की नज़र में वो अपराधी थे लेकिन देशहित में उनका फैसला सही था और वो उसके लिए सजा काटने को ही वो अपना नैतिक कर्तव्य समझते थे। अगर अरविंद केजरीवाल भी मजीठिया से माफी माँगने के बजाय अदालत से खुद के लिए सजा माँगते तो उनका फैसला देश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाता। अब खबर आ रही है कि अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल से भी गलत आरोप लगाने के लिए लिखित तौर पर खेद जता दिया है। कभी देश में भ्रष्टाचार के प्रतीक माने जाने वाले अरविंद केजरीवाल की इस स्थिति को देखते हुए अज्ञेय की कविता "कलगी बाजरे की" की पंक्तियाँ याद आती हैं-

ये उपमान मैले हो गये हैं।
देवता इन प्रतीकों के कर गये हैं कूच।
कभी बासन अधिक घिसने से मुलम्मा छूट जाता है। 

Web Title: Punjab AAP kejriwal and his apologies from bikram singh majithia, nitin gadkari and kapil sibal

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