रायबरेली से अब प्रियंका के सक्रिय होने की बारी!

By हरीश गुप्ता | Published: November 4, 2021 11:07 AM2021-11-04T11:07:23+5:302021-11-04T11:09:47+5:30

2019 में अमेठी को भाजपा से हारने के बाद अब कांग्रेस के लिए रायबरेली में अपना दबदबा कायम रखना मुश्किल हो रहा है, इसलिए प्रियंका यूपी में ज्यादा समय बिता रही हैं और लखनऊ में तैनात हैं तथा रायबरेली में भी बदलाव की हवा चल रही है।

Priyanka Gandhi will active from Rai Bareli | रायबरेली से अब प्रियंका के सक्रिय होने की बारी!

प्रियंका गांधी, कांग्रेस नेता

इस दिसंबर में चूंकि सोनिया गांधी 75 साल वर्ष पूर्ण करने जा रही हैं, इसलिए एआईसीसी के गलियारों में यह फुसफुसाहट है कि वे रायबरेली संसदीय क्षेत्र से बाहर निकल सकती हैं और राज्यसभा में जा सकती हैं। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में भी, वे अपने 10 जनपथ आवास को नए नियमों के तहत बरकरार रख सकती हैं, भले ही वे संसद सदस्य न हों। अप्रैल-मई 2024 के चुनावों में गर्मी के महीनों में प्रचार अभियान के दौरान गर्मी और धूल का सामना करना सोनिया गांधी के लिए मुश्किल प्रतीत हो रहा है। 

उनका स्वास्थ्य भी बहुत अच्छा नहीं है और वे ज्यादातर घर पर ही रहती हैं। जूम मीटिंग्स के अलावा वे लोगों से कम ही मिलती हैं। वे कभी-कभार ही सार्वजनिक रूप से देखी जाती हैं, चाहे वह इंदिरा गांधी का शहादत दिवस हो या कोई अन्य मौका। राजधानी इन खबरों से गर्म है कि अब रायबरेली से प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव लड़ने की बारी है।

2019 में अमेठी को भाजपा से हारने के बाद अब कांग्रेस के लिए रायबरेली में अपना दबदबा कायम रखना मुश्किल हो रहा है, इसलिए प्रियंका यूपी में ज्यादा समय बिता रही हैं और लखनऊ में तैनात हैं तथा रायबरेली में भी बदलाव की हवा चल रही है, हालांकि अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अंतिम फैसला जनवरी-फरवरी 2024 में ही लिया जाएगा।

निरुपम ने भी चखी राहुल की दवा

राहुल गांधी लगातार अपने ही ख्यालों की दुनिया में हैं, इस बात से बेपरवाह कि आसपास क्या हो रहा है। कांग्रेस छोड़ने वाले अनेक नेताओं ने इस बात का दिलचस्प विवरण दिया है कि जब वे राहुल गांधी से मिले तो उनके साथ कैसा व्यवहार किया गया और उन्हें कांग्रेस छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद से राहुल शायद लोगों से आमने-सामने मिलने से बचते हैं। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का अनुभव शायद नवीनतम है, जैसा कि उनकी राहुल गांधी के बारे में व्यक्त की गई राय से स्पष्ट होता है, लेकिन महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता संजय निरुपम आसानी से हार मानने वालों में से नहीं हैं।

उन्होंने इसे आजमाने का फैसला किया और अंतत: उन लोगों की श्रेणी में ही शामिल हो गए जो पहले राहुल गांधी की दवा का स्वाद चख चुके हैं। सुनने में ऐसा आया है कि संजय निरुपम एक राजनीतिक घटनाक्रम से बेहद खुश थे और उम्मीद करते थे कि उनकी पार्टी इस मौके का पूरा फायदा उठाएगी। हुआ ऐसा कि पूर्व सीएजी विनोद राय को संजय निरुपम के साथ लंबी कानूनी लड़ाई के बाद लिखित माफी मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि राय ने उनके खिलाफ 2जी घोटाले से संबंधित कुछ आरोप लगाए थे।

यह पहला मौका था जब विनोद राय 2जी घोटाला मानहानि मामले में माफी मांग रहे थे। संजय निरुपम ने इस विशेष खबर को साझा करने के लिए राहुल गांधी के कार्यालय को फोन किया। वे चाहते थे कि पार्टी इस माफी का पूरा फायदा उठाए, लेकिन वे भाग्यशाली नहीं थे। राहुल संपर्क के बाहर बने रहे और भाजपा पर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं द्वारा इस मामले में प्रहार किए बिना ही समय निकल गया।

वस्ततु: ये विनोद राय ही थे जिन्होंने 2012-13 के दौरान राष्ट्रमंडल खेलों, 2जी और कोलगेट आदि पर अपनी रिपोर्ट के माध्यम से मनमोहन सिंह की सरकार की छवि को खराब किया था। निराश
निरुपम मुंबई लौट आए क्योंकि उन्होंने पार्टी के किसी समर्थन के बिना अकेले ही इस लंबी लड़ाई को लड़ा था। मीडिया के राय के पीछे लगने के बाद ही राहुल गांधी सक्रिय हुए, लेकिन तब तक समय निकल चुका था।

हिमालय सदन में बदलाव की बयार

हिमालय सदन के नाम से मशहूर 27 सफदरजंग रोड बंगले में बदलाव की बयार बह रही है। पहले, इसे सिंधिया विला के रूप में जाना जाता था क्योंकि दिवंगत माधवराव सिंधिया दशकों तक वहां रहते थे और बाद में उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया का कब्जा था। 2019 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्हें इसे खाली करना पड़ा और पार्टी ने उन्हें राज्यसभा की सीट भी नहीं दी। नए आने वाले रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इसका नाम हिमालय सदन रखा और अब जब उन्होंने अपना मंत्री पद खो दिया, तो उन्हें इसे खाली करने के लिए कहा गया। 

नियति का खेल देखिए कि सिंधिया ही इसके नए आवंटी हैं। लेकिन पोखरियाल ने यह कहते हुए छोड़ने से मना कर दिया कि वे सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से टाइप 8 बंगले के हकदार हैं। लेकिन आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि यह बंगला उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में आवंटित किया गया था और सामान्य पूल श्रेणी में आता है। उन्हें टाइप 8 बंगला मिल सकता है लेकिन वह उन्हें लोकसभा की हाउस कमेटी द्वारा आवंटित किया जाएगा। 

वे इस बंगले पर अवैध रूप से नहीं रह सकते। कैसी विडंबना है! वे अब जयंत सिन्हा के बंगले में जाएंगे, जो पूर्व सीईसी सुनील अरोड़ा के कब्जे वाले बंगले में चले जाएंगे, जो जल्द ही खाली हो रहा है। जूनियर सिंधिया की इच्छा थी 27 सफदरजंग रोड पर रहने की, जो अब जल्द पूरी हो सकती है।

Web Title: Priyanka Gandhi will active from Rai Bareli

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