ब्लॉग: ओलंपिक की मेजबानी से बढ़ेगा भारत का रुतबा

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 17, 2023 10:27 AM2023-10-17T10:27:16+5:302023-10-17T10:30:05+5:30

भारत में राजधानी दिल्ली में अस्सी के दशक में हुए एशियाई खेलों के आयोजन से लेकर अब तक के तमाम अनुभव इसकी पुष्टि करते हैं।

India's status will increase by hosting Olympics | ब्लॉग: ओलंपिक की मेजबानी से बढ़ेगा भारत का रुतबा

फाइल फोटो

भारत वर्ष 2036 के ओलंपिक की मेजबानी की दावेदारी पेश करने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 141वें अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) सत्र के उद्घाटन अवसर पर इसकी पुष्टि की. इसे महज प्रधानमंत्री की घोषणा तक सीमित नहीं रखा जा सकता। इसके संकेत अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक भी दे चुके हैं।

बाक के अनुसार, भारत न केवल आर्थिक रूप से बल्कि खेल के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय खेलकूद के मंच पर भारत ने हाल में हांगझोउ (चीन) में आयोजित 19वें एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन के साथ 107 पदक जीतकर इसकी बानगी भी पेश की है। जाहिर है भारत इस आकर्षक प्रदर्शन का लाभ उठाना चाहेगा।

 बीजिंग-2008 के ओलंपिक में स्टार निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने जब देश का पहला व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण जीता, तो इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला।  इसके बाद अनेक खेलों की स्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।  

अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के हाल के प्रदर्शन को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि पेरिस-2024 के ओलंपिक में भारत दहाई अंकों में पदक जीतेगा। ओलंपिक खेलों की मेजबानी किसी चुनौती से कम भी नहीं है।  इसके लिए भारत को कई मानकों से गुजरना होगा। ओलंपिक की मेजबानी में सबसे बड़ी बाधा इसके आयोजन के लिए लगने वाली मोटी राशि है।  

एथेंस (2004), रियो डि जनेरियो (2016), टोक्यो (2020) की मेजबानी में आयोजित ओलंपिक इन सभी देशों की आर्थिक तंगी के लिए जिम्मेदार बताए जाते हैं। टोक्यो के मामले में वित्तीय बोझ बढ़कर 15.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो शुरुआती अनुमान के दोगुने से ज्यादा था।  अक्सर ओलंपिक खेलों के दौरान मेजबानों को तीखे जनाक्रोश का भी सामना करना पड़ा है। हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई राज्य विक्टोरिया लगातार बढ़ते खर्च के चलते 2026 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी से पीछे हट गया।  

ओलंपिक खेलों के लिए विशेष रूप से बनाए जाने वाले बड़े-बड़े स्टेडियम आयोजनों के बाद खंडहरों में तब्दील होते रहे हैं। हालांकि ओलंपिक जैसे आयोजनों की मेजबानी को केवल आर्थिक मामलों से जोड़ना उचित नहीं होगा।  इन आयोजनों के लिए जिस तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास की जरूरत होती है, वह खासकर विकासशील देशों के लिए लंबे समय तक फायदेमंद साबित होता है।

भारत में राजधानी दिल्ली में अस्सी के दशक में हुए एशियाई खेलों के आयोजन से लेकर अब तक के तमाम अनुभव इसकी पुष्टि करते हैं। इसके अलावा ऐसे आयोजन देश की विभिन्न क्षेत्रों में हासिल उपलब्धियों से दुनिया को परिचित कराने का अच्छा मौका होता है। इससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की साख मजबूत होती है।

हालांकि 2036 के लिए मेजबान शहर के नाम पर मुहर लगने में समय लगेगा और दूसरे दावेदार भी होंगे, लेकिन यह कोशिश भारत की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को जाहिर करती है। ओलंपिक मेजबान का ठप्पा उसे बदलती विश्व व्यवस्था में रणनीतिक बढ़त की स्थिति में ला सकता है। 

Web Title: India's status will increase by hosting Olympics

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