वाह रे अच्छे दिन! मूर्तिपूजकों के देश में मूर्तियाँ भी सेफ नहीं रहीं

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: March 31, 2018 04:34 PM2018-03-31T16:34:38+5:302018-03-31T16:37:50+5:30

उत्तर प्रदेश में पिछले एक महीने में तीन बार बाबासाहब डॉक्टर भीमराव रामजी आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया जा चुका है। त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति गिराने से शुरू हुआ ताजा सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।

Why Dr BR Ambedkar Statue was vandalised third time in last one month in UP | वाह रे अच्छे दिन! मूर्तिपूजकों के देश में मूर्तियाँ भी सेफ नहीं रहीं

वाह रे अच्छे दिन! मूर्तिपूजकों के देश में मूर्तियाँ भी सेफ नहीं रहीं

मूर्तिपूजकों का देश भारत आजकल मूर्तियों को तोड़ने उनके अंग-भंग करने के लिए चर्चा में है। ताजा खुराफातों का सिलसिला तब शुरू हुआ जब त्रिपुरा में पहली बार बीजेपी को बहुमत मिला। बीजेपी की इस जीत से कुछ लोग इतने बावले हो गये कि उन्होंने रूसी क्रांति के नायक लेनिन की मूर्ति तोड़ दी। शायद वो लोग त्रिपुरा में पिछले ढाई दशकों के कम्युनिस्ट सरकार के प्रति अपना गुस्सा जाहिर करना चाहते थे।

लेनिन के बाद तो इस देश में मूर्तियों को जैसा जीना ही मुहाल हो गया। कब किसके संग कौन बदसलूकी कर दे कहना मुश्किल हो गया। अगर थोड़ी छूट ली जाए तो कहा जा सकता है कि भारतवर्ष में अब मूर्तियों की हालत महिलाओं की तरह हो गयी है। कोई भी जगह हो, किसी भी जाति-धर्म की हों,  वो सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं की तरह ही किसी भी पार्टी या विचारधारा की मूर्तियाँ सुरक्षित नहीं हैं। मूर्तियों की छेड़खानी के भूगोल देखिए। त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र में मूर्तियों के संग जो हो रहा है उससे साफ है कि वो देश के सभी इलाकों उनके लिए समान रूप से असुरक्षित हैं। महिलाओं ही की तरह।

कोई मनचला नेहरू के चेहरे पर स्याही या कोलतार फेंक सकता है। तो कोई महात्मा गाँधी का चश्मा और डण्डा तोड़ सकता है। किसी को श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी से खुन्नस है तो किसी को पेरियार से। और बहुतों को बाबासाहब आम्बेडकर से। उत्तर प्रदेश में पिछले एक महीने में तीन अलग-अलग जिलों में आम्बेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया जा चुका है। आखिर मूर्तिपूजक मूर्तियाँ क्यों तोड़ रहे हैं? जो खुद ही किसी ने किसी मूर्ति के आगे दीन-दुनिया न्योछावर करते हैं उन्हें मूर्तियों से क्या दिक्कत हो सकती है?

जवाब आपको भी पता है। इस देश में किसी को मूर्तियों से दिक्कत नहीं है। दिक्कत दूसरों की मूर्तियों से है। देश में ये बीमारी महामारी की तरह फैलती जा रही है। अपनी मूर्तियों की अंधभक्ति और दूसरों की मूर्तियों से अंधद्वेष। अपनी मूर्ति को सभी सेफ रखना चाहते हैं। जैसे अपने घर के महिलाओं को सब सुरक्षित रखना चाहते हैं। लेकिन विडंबना ये है कि महिलाएँ हों या मूर्तियाँ वो समाज में तभी सुरक्षित रह सकती हैं जब हम दूसरों की मूर्तियों या दूसरे के घर की महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा देने सीख जाएँगे। 

Web Title: Why Dr BR Ambedkar Statue was vandalised third time in last one month in UP

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