विवान सुंदरम: बुझ गया कला के आकाश का तारा...शख्सियत पर नजर आता था मासी अमृता शेरगिल का असर
By विवेक शुक्ला | Published: March 31, 2023 12:31 PM2023-03-31T12:31:09+5:302023-03-31T12:32:38+5:30
चित्रकार विवान सुंदरम नहीं रहे. वे 79 साल के थे. उनके जन्म से कई साल पहले अमृता शेरगिल का निधन हो गया था. पर वे अमृता शेरगिल की कूची और चित्रकारी से जुड़ी कहानियों को अपनी मां से सुन-सुनकर बड़े हुए थे. उनकी मां की बहन थीं अमृता शेरगिल. तो जिस शख्स की मासी अमृता शेरगिल होगी, उसकी शख्सियत पर कालजयी चित्रकार का असर होना लाजिमी है.
विवान सुंदरम भी प्रख्यात चित्रकार बने. वे जीवनभर युद्ध के विरुद्ध रहे. इसलिए उनके चित्रों में युद्ध की विभीषिका साफ झलकती है. विवान सुंदरम को विषम सामाजिक घटनाओं विशेषकर हिंसा पर चित्रों के जरिये विरोध दर्ज करना पसंद था. वे जामिया मिलिया इस्लामिया के विजिटिंग प्रोफेसर भी थे.
विवान सुंदरम ने अमृता शेरगिल के पुराने चित्रों को ‘रीटेक ऑफ अमृता’ शीर्षक से प्रस्तुत किया था. प्रसिद्ध कला इतिहासकार और कला समीक्षक गीता कपूर विवान सुंदरम की पत्नी हैं. दून स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करके विवान सुंदरम ने उच्च शिक्षा एम. एस. विद्यालय बड़ौदा और लंदन के स्लेड स्कूल ऑफ आर्ट से हासिल की. विवान सुंदरम ने पेंटिंग, मूर्तिकला, स्थापना कला, फोटोग्राफी और वीडियो में भी ढेरों काम किया.
विवान सुंदरम की कलाकृतियां बेहद समसामयिक रहती थीं. वो दिखाती हैं कि मानव जीवन में सुकून नहीं है स्थितियां अनुकूल नहीं हैं तो कलाकार कला में मिथ्या सौंदर्य का सृजन कहां से करे.
विवान सुंदरम अत्यंत सुसंस्कृत इंसान थे. उनका मित्रवत व्यवहार सबको अपनी तरफ खींच लेता था. विवान सुंदरम ने अपनी जीवन यात्रा में भरपूर संख्या में अभूतपूर्व और जीवंत कलाकृतियों का सृजन किया, जो भारतीय कला के लिए एक उदाहरण है. विवान सुंदरम उन थोड़े से महत्वपूर्ण कलाकारों के रूप में याद किए जाएंगे, जो बाहरी दुनिया के सरोकारों से जुड़े हुए हैं. उनके काम में अलग-अलग अभिव्यक्तियां मिलती हैं.