वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: आतंकियों की कायराना हरकत
By वेद प्रताप वैदिक | Published: October 31, 2019 06:09 AM2019-10-31T06:09:57+5:302019-10-31T06:09:57+5:30
यूरोपीय सांसदों के कश्मीर-भ्रमण के समाचार अखबारों के पिछले पृष्ठों पर सरक गए. जो लोग मारे गए, वे कौन थे? वे सब पश्चिम बंगाल के नागरिक थे और रोजी-रोटी कमाने कश्मीर आए थे.
कश्मीर के हाल देखने के लिए मंगलवार को इधर 23 यूरोपीय सांसद श्रीनगर पहुंचे और उधर कुलगाम में आतंकवादियों ने पांच निरीह मजदूरों की हत्या कर दी. हत्यांकाड की इस खबर के आगे मोदी की सऊदी अरब की यात्रा और बगदादी की हत्या की खबर भी फीकी पड़ गई.
यूरोपीय सांसदों के कश्मीर-भ्रमण के समाचार अखबारों के पिछले पृष्ठों पर सरक गए. जो लोग मारे गए, वे कौन थे? वे सब पश्चिम बंगाल के नागरिक थे और रोजी-रोटी कमाने कश्मीर आए थे. पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद के निवासी इन मजदूरों का राजनीति से क्या लेना-देना लेकिन आतंकवादियों ने इन्हें मार गिराया. यह कौन सी बहादुरी है ? यह तो शुद्ध कायरता है. निहत्थे मजदूरों को मारनेवालों को नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी.
इन हत्यारों को आप क्या कहेंगे ? क्या वे जिहादी हैं ? उन्हें पता नहीं कि उनकी यह हरकत, यह बेवजह की हिंसा किसी भी कायराना हरकत से कम नहीं है. ये दहशतगर्द लोग कश्मीरी आवाम के घोर शत्रु हैं. कश्मीर के हालात धीरे-धीरे ठीक हो रहे थे लेकिन अब सरकार को भी सोचना पड़ेगा कि सारे प्रतिबंध इतनी जल्दी हटा लेना ठीक है या नहीं ?
ये आतंकवादी समझ रहे हैं कि ये हत्याएं करके वे कश्मीर आए यूरोपीय सांसदों को भारत के दावों के बारे में एक निषेधात्मक संदेश दे सकेंगे लेकिन कश्मीर में उनकी (यूरोपीय सांसदों) उपस्थिति में ये हिंसा आतंकियों के क्रूर चेहरे को सामने लाती है.
यूरोपीय सांसदों से उम्मीद थी कि वे कश्मीर के हालात के बारे में अपनी निष्पक्ष और निडर राय देंगे लेकिन अब जरा सोचिए कि इन हत्याओं का उनके मन पर क्या असर पड़ेगा. मैं पहले भी लिख चुका हूं कि यदि कश्मीरी लोग शांति और सद्भावना का रास्ता पकड़ेंगे तो भारत के करोड़ों लोग उनके अधिकारों, सुविधाओं और सम्मान के लिए जी-जान लगा देंगे. वरना कश्मीर का यह संकट बढ़ता ही चला जाएगा और उसका मामला उलझता ही चला जाएगा.