वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: भारत को कोरोना-मुक्त कैसे करें?
By वेद प्रताप वैदिक | Published: March 26, 2020 02:57 PM2020-03-26T14:57:44+5:302020-03-26T14:57:44+5:30
इस वक्त कोरोना किसी न किसी रूप में सारे भारत में फैल गया है. केरल से कश्मीर और गुजरात से मणिपुर तक उसने लगभग सभी प्रांतों को छू लिया है. लोग भयभीत तो हो ही गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सारे देशवासियों को जमकर फिर प्रेरित किया ताकि कोरोना के राक्षस को हराया जा सके. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया ने कोरोना को हराने में भारत के प्रयत्नों की भरपूर प्रशंसा की है. इसमें शक नहीं है कि दुनिया के महासंपन्न और महाशक्ति देशों के मुकाबले भारत में कोरोना पर अब तक उल्लेखनीय नियंत्नण है. लेकिन अगले दो-तीन हफ्तों में यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ सकती है, जैसा कि यूरोपीय देशों, अमेरिका और ईरान में हुआ है. इसीलिए मोदी ने अगले तीन हफ्ते तक सारे देश की तालाबंदी घोषित की है और कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 15 हजार करोड़ रु. की सरकारी मदद की घोषणा की है.
मोदी ने देश के लोगों को वे सब सावधानियां बताईं, जिनका पालन करने से कोरोना को पराजित किया जा सकता है. ये सब सावधानियां पिछले कुछ दिनों से सभी टीवी चैनल और अखबार दोहरा रहे हैं लेकिन इस समय प्रधानमंत्नी राष्ट्र की आवाज बन गए हैं. उनके आग्रह पर चमत्कारी असर की उम्मीद है. यदि यही पहल एक माह पहले शुरू हो जाती तो भारत भी द. कोरिया या सिंगापुर की तरह सुरक्षित हो जाता लेकिन अब भी भारत सरकार को चीन से वे रहस्य तुरंत जानने चाहिए, जिनके चलते पूरा चीन और खासकर वुहान प्रांत कोरोना-मुक्त हो गया है.
इस वक्त कोरोना किसी न किसी रूप में सारे भारत में फैल गया है. केरल से कश्मीर और गुजरात से मणिपुर तक उसने लगभग सभी प्रांतों को छू लिया है. लोग भयभीत तो हो ही गए हैं, उन्हें अब आर्थिक चिंता भी सता रही है. वित्त मंत्नी ने आज व्यापारियों और उद्योगपतियों के लिए बहुत-सी रियायतों की घोषणा तो कर दी है लेकिन देश के दिहाड़ी मजदूरों, छोटे व्यापारियों और किसानों के घावों के लिए मरहम की घोषणा पता नहीं कब होगी? मोदी ने लोगों को ऊटपटांग दवाइयां लेने पर सावधान किया है, यह तो ठीक है लेकिन भारत में विषाणु संक्र मण की रोकथाम की जो पारंपरिक औषधियां हैं और हवन-सामग्रियां हैं, उनका जिक्र नहीं किया. उनसे कोरोना पर यदि काबू नहीं हुआ तो कोई नुकसान भी नहीं हो सकता.