वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः इतनी देर से नींद क्यों खुली?

By वेद प्रताप वैदिक | Published: January 7, 2019 06:39 AM2019-01-07T06:39:32+5:302019-01-07T06:39:32+5:30

मायावती पर मुकदमा चल ही रहा है, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्नी भूपेंद्र हुड्डा भी अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं और उ.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्नी अखिलेश यादव से भी कहा जा रहा है कि तैयार रहो, तुम्हारे खिलाफ खदान घोटाले की जांच चल रही है और कहीं ऐसा न हो कि 2019 के चुनाव के पहले तुम जेल काटने लगो.

Ved Pratap Vaidik's blog: Why sleep so late? | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः इतनी देर से नींद क्यों खुली?

फाइल फोटो

इधर खबरें गर्म हैं कि अलग-अलग प्रांतों में विरोधी दलों के बीच गठबंधन बन रहे हैं, जैसे मायावती और अखिलेश का उत्तर प्रदेश में, शरद पवार और कांग्रेस का महाराष्ट्र में, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का दिल्ली में आदि और दूसरी तरफ खबर है कि विपक्ष के नेताओं को जेल जाने की तैयारी के लिए कहा जा रहा है.

मायावती पर मुकदमा चल ही रहा है, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्नी भूपेंद्र हुड्डा भी अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं और उ.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्नी अखिलेश यादव से भी कहा जा रहा है कि तैयार रहो, तुम्हारे खिलाफ खदान घोटाले की जांच चल रही है और कहीं ऐसा न हो कि 2019 के चुनाव के पहले तुम जेल काटने लगो. ओमप्रकाश चौटाला और लालू प्रसाद यादव को देख रहे हो या नहीं? उधर कांग्रेस के प्रवक्ता कह रहे हैं, बस चार-छह महीने की देर है. जैसे ही कांग्रेस सत्ता में आएगी, राफेल-सौदे की जांच होगी और दोषी अंदर हो जाएंगे.

सबको पता है कि भ्रष्टाचार के बिना आज की राजनीति हो ही नहीं सकती. सारे नेता जानते हैं कि जैसे सत्ता में रहते हुए उन्होंने बेलगाम भ्रष्टाचार किया है, बिल्कुल वैसा ही अब उनके विरोधी भी कर रहे हैं या कर रहे होंगे. लेकिन यहां एक प्रश्न है. यदि आपको यह शक है या पूरा विश्वास है कि सत्ता में रहते हुए इन विरोधी नेताओं ने भ्रष्टाचारकिया है तो सरकार साढ़े चार साल से क्या कर रही थी?

आपने अखिलेश, मायावती, हुड्डा वगैरह पर तभी मुकदमे क्यों नहीं चलाए? यदि उन्हें मुख्यमंत्नी रहते सजा होती तो अदालत की तो साख बढ़ती ही, आपके बारे में भी यह राय बनती कि यह उन राष्ट्रभक्तों की सरकार है, जो किसी का लिहाज नहीं करती, ‘न खुद खाती है और न किसी को खाने देती है.’ लेकिन अब चुनाव के वक्त आपके पिंजरे का तोता (सीबीआई) चाहे जितना रोए-पीटे, उसकी कद्र होनेवाली नहीं है. कुछ नेताओं ने सचमुच कुछ गंभीर अपराध यदि किए हों तब भी लोग यही मानेंगे कि सरकार अपनी खाल बचाने के लिए इनकी खाल उधेड़ने में जुटी है. महागठबंधन की खबरों बीच सरकार इस वक्त यह पैंतरा अपनाएगी तो वह अपना नुकसान ही करेगी. 

Web Title: Ved Pratap Vaidik's blog: Why sleep so late?

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