वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: आतंक पर करें संयुक्त हमला
By वेद प्रताप वैदिक | Published: February 26, 2019 04:24 PM2019-02-26T16:24:19+5:302019-02-26T16:24:19+5:30
दहशतगर्दी जितनी भारत की दुश्मन है, उससे ज्यादा पाकिस्तान की है. भारत इतना मजबूत है कि आतंकवाद हजार साल में भी उसका बाल भी बांका नहीं कर सकता जबकि पाकिस्तान को वह समूचा निगल सकता है.
पेरिस स्थित 37 देशों के ‘वित्तीय अनुशासन कार्रवाई संगठन’ (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान का नाम अपनी काली सूची में नहीं जोड़ा है लेकिन उसका नाम ‘ग्रे लिस्ट’ में पहले से है. इस संगठन ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि यदि वह अपने आतंकवादी गिरोहों पर काबू नहीं करेगा तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा.
यानी उसे विदेशों से मिलनेवाली आर्थिक सहायता पर रोक लग सकती है और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसी संस्थाएं उसे कर्ज देने से मना कर सकती हैं. इस संगठन ने पाकिस्तान को मई 2019 तक का समय दिया है.
कुछ इसी तरह की हिदायतें सुरक्षा परिषद के 1267 वें प्रस्ताव में पाकिस्तान को दी गई हैं. सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों के संयुक्त वक्तव्य में पुलवामा हत्याकांड की निंदा की गई है. इन अंतर्राष्ट्रीय कदमों का असर पाकिस्तान पर पड़ा जरूर है. उसने हाफिज सईद के संगठनों पर दुबारा प्रतिबंध लगा दिए हैं. लेकिन ये सारे काम कोरी खानापूर्ति की तरह हैं.
आतंकवादी गिरोहों के खिलाफ प्रधानमंत्नी इमरान खान भारत से प्रमाण मांग रहे हैं. कोई इमरान से पूछे कि आतंकवादियों को, उनके ठिकानों को, उनके मददगारों को, उनके धन के स्नेतों को पाकिस्तान की सरकार और फौज से ज्यादा कौन जानता है? इमरान को खुद प्रमाण हाजिर करना चाहिए और उन्हें मोदी को बताकर आतंकियों पर संयुक्त हमला बोलना चाहिए.
दहशतगर्दी जितनी भारत की दुश्मन है, उससे ज्यादा पाकिस्तान की है. भारत इतना मजबूत है कि आतंकवाद हजार साल में भी उसका बाल भी बांका नहीं कर सकता जबकि पाकिस्तान को वह समूचा निगल सकता है. इसके पहले कि पहले से आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान की ज्यादा दुर्गति हो, इमरान खान को चाहिए कि वे आगे बढ़कर भारत के साथ सहयोग करें और आतंकवाद की जड़ों को मट्ठा पिलाएं.