त्रिपुरा में समुदायों के बीच संघर्ष से बढ़ता जा रहा तनाव, दिनकर कुमार का ब्लॉग

By दिनकर कुमार | Published: August 10, 2021 05:37 PM2021-08-10T17:37:48+5:302021-08-10T17:40:22+5:30

उत्तर त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक भानुपद चक्रवर्ती ने कहा कि दमचेरा में स्थिति शांतिपूर्ण है. चोराई समुदाय के 640 लोग असम भाग गए हैं.

Tripura Tension rising conflict Bru and Chorai communities in Damchera Dinkar Kumar blog  | त्रिपुरा में समुदायों के बीच संघर्ष से बढ़ता जा रहा तनाव, दिनकर कुमार का ब्लॉग

त्रिपुरा सरकार से दोषियों को कानून के अनुसार दंडित करने का आह्वान करते हैं. (फाइल फोटो)

Highlightsब्रूनो ने त्रिपुरा सरकार से घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने और उन्हें दंड देने को कहा.शरणार्थी नेताओं ने घटना में घायल हुए आठ ब्रू प्रवासियों के लिए वित्तीय मुआवजे की भी मांग की.त्रिपुरा-मिजोरम सीमा के पास दमचेरा और गौरंगोपारा के बीच 20 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि देने का अनुरोध किया.

उत्तरी त्रिपुरा जिले के पानीसागर उप-मंडल के दमचेरा में ब्रू और चोराई समुदायों के लोगों के बीच संघर्ष के बाद मिजोरम के ब्रू शरणार्थियों के नेताओं, जो वर्तमान में त्रिपुरा में स्थायी पुनर्वास के दौर से गुजर रहे हैं, ने कहा कि संघर्ष कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा उकसाया गया था.

 

शरणार्थी नेताओं ने राज्य सरकार से ऐसे लोगों की पहचान करने और उनके लिए दंड निर्धारित करने का आग्रह किया है. उत्तर त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक भानुपद चक्रवर्ती ने कहा कि दमचेरा में स्थिति शांतिपूर्ण है और त्रिपुरा पुलिस, त्रिपुरा राज्य राइफल्स और केंद्रीय रिजर्व अर्धसैनिक बल की टुकड़ियों को क्षेत्नों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘स्थानीय प्रशासन की एक टीम को त्रिपुरा से भागकर असम जाने वालों से बात करने के लिए भेजा गया था. उन्हें हमारी ओर से भोजन और चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गईं. चोराई समुदाय के 640 लोग असम भाग गए हैं. वे वापस आने के लिए राजी हो गए हैं. हमने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच कर रहे हैं.’

अगरतला प्रेस क्लब में पत्नकारों से बात करते हुए मिजोरम ब्रू विस्थापित पीपुल्स फोरम (एमबीडीपीएफ) के महासचिव ब्रूनो माशा ने कहा कि उन्हें और तीन अन्य ब्रू शरणार्थियों के संगठनों को लगता है कि चोराई लोगों को कथित खतरों के लिए कुछ अन्य लोगों द्वारा भड़काया गया था. ‘हमें लगता है कि ये धमकी और हमारे प्रवासी भाइयों पर हमले त्रिपुरा में हमारे पुनर्वास को बाधित करने के प्रयास का हिस्सा हैं.

हम उन लोगों से अपील करना चाहते हैं असम से वापस आएं. हम उनके दोस्त हैं.’ उन्होंने कहा कि  चार ब्रू प्रवासी संगठनों-एमबीडीपीएफ, एमबीडीपीसी, बीटीडीएस और बीडीडब्ल्यूओ ने कहा है कि उन्हें लगता है कि चोराई लोगों को ब्रू के खिलाफ दूसरों द्वारा ‘उकसाया’ और ‘प्रोत्साहित’ किया गया था. ब्रूनो ने त्रिपुरा सरकार से घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने और उन्हें दंड देने को कहा.

शरणार्थी नेताओं ने घटना में घायल हुए आठ ब्रू प्रवासियों के लिए वित्तीय मुआवजे की भी मांग की और राज्य सरकार से पिछले दो दशकों से त्रिपुरा में रह रहे प्रवासियों के लिए छह पारगमन शिविरों में से एक कास्काओपारा में 345 ब्रू प्रवासी परिवारों को समायोजित करने के लिए त्रिपुरा-मिजोरम सीमा के पास दमचेरा और गौरंगोपारा के बीच 20 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि देने का अनुरोध किया.

शरणार्थियों ने राज्य सरकार से पुनर्वास प्रक्रिया में तेजी लाने और उनके लिए सुरक्षा प्रदान करने का भी अनुरोध किया. ‘हम दशकों से चोराई लोगों के साथ शांति के साथ रह रहे हैं. 26 जुलाई की घटना से पहले उन्होंने हमें तीन बार धमकाया लेकिन हम शांत रहे. चौथे मामले में जान-माल की सुरक्षा के लिए हमारे लोगों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी.

हमने सुना है कि कुछ चोराई लोग असम भाग गए हैं और आरोप लगाया है कि उन्हें पीटा गया था. यह झूठ और निराधार है.’ ब्रूनो  ने कहा. इस बीच मिजोरम के एक नागरिक समाज, यंग मिजो एसोसिएशन (वाईएमए) ने बिप्लब देब सरकार से जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने का आग्रह किया है.

‘26 जुलाई को दमचेरा इलाके में लगभग 11 बजे कास्काओ के कुछ ब्रू ने कुछ चोराई लोगों पर हिंसक कार्रवाई की और उनके घरों को जला दिया और महिलाओं और बच्चों को धमकाया. हम इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण पाते हैं और पीड़ितों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करते हैं.

भारतीय संविधान सांप्रदायिक हिंसा पर रोक लगाता है और हम त्रिपुरा सरकार से दोषियों को कानून के अनुसार दंडित करने का आह्वान करते हैं. हम त्रिपुरा सरकार से यह भी सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि चोराई आदिवासी लोग दमचेरा क्षेत्न में शांतिपूर्वक लौटने में सक्षम हों.’ वाईएमए के लंगकैह समूह के सचिव और इसके अध्यक्ष जोनुनथंगा द्वारा जारी एक बयान में कहा गया.

मिजोरम के ममति, कोलासिब और लुंगलेई जिलों के 35000 ब्रू शरणार्थी पिछले 24 वर्षो से त्रिपुरा के उत्तरी जिले में रह रहे हैं. उनमें से लगभग 5000 प्रत्यावर्तन के आठ चरणों में घर लौट आए थे. हालांकि मिजोरम में नए सिरे से तनाव के बाद 2009 में कई लोग त्रिपुरा वापस आ गए थे. केंद्र, मिजोरम और त्रिपुरा सरकारों और ब्रू प्रवासियों के बीच हस्ताक्षरित एक समझौते के अनुसार वे अब त्रिपुरा में स्थायी पुनर्वास
प्रक्रिया के बीच में हैं.

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