ब्लॉगः आत्मबल से लबालब वायुसेना की बढ़ रही है ताकत

By योगेश कुमार गोयल | Published: October 7, 2023 03:10 PM2023-10-07T15:10:21+5:302023-10-07T15:10:38+5:30

भारतीय वायुसेना की स्थापना ब्रिटिश शासनकाल में 8 अक्तूबर 1932 को हुई थी और तब इसका नाम था ‘रॉयल इंडियन एयरफोर्स’। 1945 के द्वितीय विश्वयुद्ध में रॉयल इंडियन एयरफोर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

The strength of the Air Force is increasing, full of self-confidence | ब्लॉगः आत्मबल से लबालब वायुसेना की बढ़ रही है ताकत

ब्लॉगः आत्मबल से लबालब वायुसेना की बढ़ रही है ताकत

8 अक्तूबर को भारतीय वायुसेना अपना 91वां स्थापना दिवस मना रही है। वायुसेना द्वारा इस उपलक्ष्य में देशभर में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और इसी कड़ी में 30 सितंबर को भोपाल में एक एयर शो का आयोजन किया गया था, जिसमें तेजस, सुखोई, जगुआर, चिनूक हेलिकॉप्टर सहित 30 से भी ज्यादा लड़ाकू विमानों और हेलिकॉप्टरों ने हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए जब आसमान में अपना शौर्य दिखाया तो उनकी गर्जना से पूरा आसमान गूंज उठा था। एयर शो के दौरान चिनूक हेलिकॉप्टर ने तो भोजताल झील के ऊपर रोमांचक एरोबेटिक प्रदर्शन भी किया। 8 अक्तूबर को वायुसेना के स्थापना दिवस के अवसर पर तो प्रतिवर्ष एक भव्य एयर-शो का प्रदर्शन किया जाता है, जिसके जरिये वायुसेना के कई विमान और हेलिकॉप्टर आसमान में हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए वायुसेना की निरंतर बढ़ती ताकत का स्पष्ट अहसास कराते हैं। ‘आत्मबल से लबालब’ टैगलाइन के साथ भारतीय वायुसेना अपना दमखम अब पूरी दुनिया को दिखा रही है।

वायुसेना के 91वें स्थापना दिवस पर इस वर्ष प्रयागराज के संगम क्षेत्र में भव्य एयर डिस्प्ले में 120 लड़ाकू तथा परिवहन विमान व हेलिकॉप्टर भाग लेंगे और ये सभी उत्तर प्रदेश के 10 एयरबेस से संचालित होंगे। वायुसेना के बेड़े में हाल ही में शामिल किया गया पहला फ्रांसीसी सी-295 परिवहन विमान भी एयर डिस्प्ले का हिस्सा बनेगा और फ्लाईपास्ट में सुग्रीव फॉर्मेशन में उड़ान भरेगा। प्रयागराज के संगम क्षेत्र में लव और कुश फॉर्मेशन में दो पुराने विमान संचालित होंगे जबकि मिग-21 वायुसेना के एयर शो में अंतिम बार हिस्सा लेगा। भारतीय वायुसेना में जितने भी तरह के विमान हैं, उन सभी का प्रदर्शन इस बार वायुसेना के स्थापना दिवस के मौके पर किया जाएगा।
 
भारतीय वायुसेना की स्थापना ब्रिटिश शासनकाल में 8 अक्तूबर 1932 को हुई थी और तब इसका नाम था ‘रॉयल इंडियन एयरफोर्स’। 1945 के द्वितीय विश्वयुद्ध में रॉयल इंडियन एयरफोर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस समय वायुसेना पर आर्मी का ही नियंत्रण होता था। इसे एक स्वतंत्र इकाई का दर्जा दिलाया था इंडियन एयरफोर्स के पहले कमांडर-इन-चीफ सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट ने, जो हमारी वायुसेना के पहले चीफ एयर मार्शल बने थे। ‘रॉयल इंडियन एयरफोर्स’ की स्थापना के समय इसमें केवल चार एयरक्राफ्ट थे और इन्हें संभालने के लिए कुल 6 अधिकारी और 19 जवान थे। आज वायुसेना में डेढ़ लाख से अधिक जवान और हजारों एयरक्राफ्ट्स हैं। आजादी के बाद वायुसेना को अलग पहचान मिली और 1950 में ‘रॉयल इंडियन एयरफोर्स’ का नाम बदलकर ‘इंडियन एयरफोर्स’ कर दिया गया।

Web Title: The strength of the Air Force is increasing, full of self-confidence

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