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ब्लॉगः चुनाव के बाद अलग आदिवासी राज्य की मांग होगी पूरी, नगा अलगाववादी झमेले का क्या अमित शाह निकालेंगे हल?

By शशिधर खान | Updated: February 25, 2023 11:13 IST

2003 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक कदम आगे बढ़कर कोहिमा में चुनावी रैली में कहा था कि नगा झमेले का हल निकालने के लिए अगर जरूरत पड़ी तो वे संविधान में संशोधन को तैयार हैं। उसका अच्छा संदेश मतदाताओं के बीच गया और भाजपा का खाता खुला। पहली बार भाजपा ने विधानसभा की 7 सीटें जीतीं।

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नगालैंड के 6 पूर्वी जिलों को मिलाकर अलग आदिवासी राज्य की मांग पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चुनाव के बाद उनकी मांगें पूरी की जाएंगी। 27 फरवरी को होनेवाले मतदान के लिए प्रचार के दौरान राज्य के मोन जिले में उन्होंने 20 फरवरी को एक चुनावी सभा में यह वायदा किया। केंद्रीय गृह मंत्री के साथ मंच पर पूर्वी नगालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष सापिकू सेंगटम, कोन्यक आदिवासी यूनियन के प्रमुख टिंगथोक कोन्यक और नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो भी मौजूद थे। केंद्रीय गृह मंत्री ने नगा शांति प्रक्रिया और सबसे पुराने अलगाववादी झमेले के हल का जिक्र नहीं किया। मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने सिर्फ इतना कहा कि भाजपानीत केंद्र नगा राजनीतिक समस्या का समाधान निकालने के लिए काम कर रहा है।

‘अलग संविधान और अलग झंडा’ के बिना कोई समझौता न करने पर अड़े नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम (एनएससीएन-IM-आइसाक मुइवा) समेत विभिन्न नगा गुटों से वार्ता लगभग ठप है। संघर्षविराम सहमति और 2015 में हुई समाधान की ‘फ्रेमवर्क डील’ के आगे कुछ ठोस सामने नहीं आया है। अलग ‘स्वतंत्र संप्रभु नगालिम’(राष्ट्र) ऐसी मांग है, जो भारत के संवैधानिक ढांचे के अंतर्गत पूरी नहीं की जा सकती। लेकिन 2003 के बाद से नगालैंड का यह पहला विधानसभा चुनाव है, जिसमें भाजपा के किसी वरिष्ठ नेता ने पार्टी के पक्ष में प्रचार के दौरान इस नगा राजनीतिक समस्या के हल का जिक्र नहीं किया।

2003 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक कदम आगे बढ़कर कोहिमा में चुनावी रैली में कहा था कि नगा झमेले का हल निकालने के लिए अगर जरूरत पड़ी तो वे संविधान में संशोधन को तैयार हैं। उसका अच्छा संदेश मतदाताओं के बीच गया और भाजपा का खाता खुला। पहली बार भाजपा ने विधानसभा की 7 सीटें जीतीं। अभी नेफियू रियो के नेतृत्ववाली नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी गठजोड़ में भाजपा शामिल है। भाजपा के वाई पेट्टन उपमुख्यमंत्री हैं।

आजादी के समय से चला आ रहा नगा उग्रवाद वास्तव में अलगाववाद है। नगा उग्रवादियों को भारत की संघीय व्यवस्था के दायरे से बाहर स्वतंत्र अस्तित्व चाहिए। केंद्र पर दबाव बनाने के लिए इस मांग के समर्थन में हिंसा और संविधान सम्मत लोकतांत्रिक प्रक्रिया चुनाव के बायकाट के लिए मतदाताओं को उकसाने का प्रयास किया गया था। नगालैंड, मणिपुर समेत अमूमन सभी पूर्वोत्तर राज्यों में अफ्स्पा को लेकर रोष है, जिसके तहत सेना और अर्द्धसैनिक बलों को केंद्र तैनात करता है। इस बार नगालैंड से पहले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान ही अमित शाह ने बार-बार कहा कि पूर्वोत्तर के अधिकांश इलाकों से अफ्स्पा हटा लिया गया है।

टॅग्स :नगालैंड विधानसभा चुनाव 2023नागालैंडअमित शाह
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