ब्लॉग: कठोर परिश्रम और संकल्प से ही मिलती है सफलता

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: April 18, 2024 04:10 PM2024-04-18T16:10:09+5:302024-04-18T16:13:18+5:30

यूपीएससी में सफल युवाओं के अभिभावकों के जज्बे की भी प्रशंसा करनी होगी। बच्चों को लक्ष्य हासिल करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाने के साथ-साथ अनुकूल माहौल भी बनाना पड़ता है।

Successful got from Hard work and determination | ब्लॉग: कठोर परिश्रम और संकल्प से ही मिलती है सफलता

फाइल फोटो

HighlightsUPSC की परीक्षा में बाजी मारने वाली प्रतिभाओं को बधाईयूपीएससी में सफल युवाओं के अभिभावकों के जज्बे की भी प्रशंसा करनी होगीबच्चों को लक्ष्य हासिल करने में माहौल भी बनाना पड़ता है

संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में बाजी मारने वाली प्रतिभाओं को बधाई। ये देश की उस प्रतिभावान और क्षमतावान पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो भविष्य में समृद्ध एवं विकसित भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। इन युवाओं ने कड़ी मेहनत, लगन तथा प्रतिभा के बल पर यह साबित कर दिया कि अगर संकल्प कर लिया जाए तो मंजिल को हासिल करने से कोई बाधा आपको रोक नहीं सकती। 

लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव हों या पुणे के कुश मोटवानी या दक्षिण भारत की अनन्या रेड्डी अथवा समीर खोड़े, अनिमेष प्रधान, नेहा राजपूत, अनिकेत हिडे, विनय पाटिल, विवेक सोनवणे, तेजस सारडा, जाह्नवी शेखर, आशिष पाटिल, अर्चित डोंगरे, तन्मई देसाई, ऋषिकेश ठाकरे, अभिषेक टाले, समर्थ शिंदे, मनीषा धारवे, संस्कार गुप्ता, ऐश्वर्या उके, शुभम डोंगरदिवे, मुकेश बोरकर, समीर खोड़े, प्रांजलि खांडेकर एवं अन्य सफल युवा, इन सबने उन लाखों युवक-युवतियों को राह दिखाई है जो आंखों में उज्ज्वल भविष्य का सपना संजोए हुए हैं। 

यूपीएससी में सफल युवाओं के अभिभावकों के जज्बे की भी प्रशंसा करनी होगी। बच्चों को लक्ष्य हासिल करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाने के साथ-साथ अनुकूल माहौल भी बनाना पड़ता है। बच्चों को ये सब मुहैया करवाने के लिए माता-पिता को कई तरह के त्याग करने पड़ते हैं। हर किसी का सपना होता है कि वह आईएएस, आईपीएस बने या राजस्व सेवा, विदेश सेवा एवं अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं में उच्च पद पर पहुंचकर अपने परिवार, अपने शहर, गांव तथा राज्य का नाम रोशन करने के साथ-साथ राष्ट्र के विकास का महत्वपूर्ण अंग बन सकें। 

वह ऐसे पद पर पहुंचें, जहां रहते हुए वह शोषित-वंचित तबकों के उत्थान के लिए कुछ कर सकें। यूपीएससी जैसा लक्ष्य हासिल करने के लिए मेहनत सभी करते हैं लेकिन सफलता कुछ लोगों के ही हाथ लगती है। जरूरी नहीं कि आप पहली बार में ही सफलता हासिल करें। कई बार कुछ कोशिशों के बाद मेहनत सफल होती है। नागपुर के शुभम डोंगरदिवे को आठवें प्रयास में सफलता मिली। असफलता से परिश्रम करने के हमारे इरादे ज्यादा मजबूत होने चाहिए। यूपीएससी तथा अन्य प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफल युवाओं के जीवन पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि कैसी भी हो लेकिन आपके इरादे मजबूत हों तो सफलता आपके कदम चूमती है। 

विदर्भ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बतौर पुलिस अधीक्षक उत्कृष्ट सेवा दे चुके भारतीय पुलिस सेवा के अफसर मनोज शर्मा के जीवन पर तो 12वीं फेल फिल्म बन चुकी है और इसने सफलता के झंडे गाड़े। कुछ वर्ष पूर्व कुलदीप द्विवेदी नामक युवक ने यूपीएससी में शानदार सफलता हासिल की थी। कुलदीप के पिता लखनऊ विश्वविद्यालय में सिक्योरिटी गार्ड थे। इसी तरह पांच साल पहले यूपीएससी के एक और सफल युवा अंसार अहमद शेख के पिता ऑटो चलाते थे। 

महाराष्ट्र में जालना के इस युवक के पास यूपीएससी की कोचिंग के लिए पैसे नहीं थे लेकिन उसने तीन साल तक कड़ी मेहनत की और असंभव को संभव कर दिखाया। म।प्र। में भिंड जिले के मऊ गांव के नीरीश राजपूत के पिता टेलर थे। गरीबी उसके हौसलों को पस्त नहीं कर सकी और उसने भी तीन बार असफल रहने के बावजूद घुटने नहीं टेके और चौथी बार सफलता पाई। यूपीएससी उत्तीर्ण करने वाले युवकों की सफलता की ऐसी ढेरों गाथाएं मिल जाएंगी। 

समृद्ध घरों के जिन युवक-युवतियों ने यूपीएससी में सफलता प्राप्त की, उन्होंने भी कड़ी मेहनत की। सफलता अमीर या गरीब में भेद नहीं करती। वह उसी को चुनती है जिसके इरादे फौलादी हों और जो कठोर परिश्रम में विश्वास करता हो। देश को पूरा यकीन है कि यूपीएससी में कामयाबी पाने वाली प्रतिभाएं दुनियाभर में भारत का नाम रोशन करेंगी।

Web Title: Successful got from Hard work and determination

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