रमेश ठाकुर का ब्लॉगः झूठी खबरों के पर कतरना जरूरी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 14, 2019 07:24 AM2019-05-14T07:24:05+5:302019-05-14T07:24:05+5:30

सिंगापुर में कानून बनने के बाद भारत में भी उम्मीद जगी है कि देर-सवेर यहां भी ऐसा ही कानून बनेगा.    हिंदुस्तान के भीतर पूर्व में घटी तमाम ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाएं फेक न्यूज की ही देन रहीं. अफवाहों के चलते भीड़ ने कई लोगों को मौत के घाट उतारा है.

singapore passed New law to stop Fake News | रमेश ठाकुर का ब्लॉगः झूठी खबरों के पर कतरना जरूरी

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रमेश ठाकुर

फर्जी खबरें बड़ी समस्या बन चुकी हैं. समूचा भारत बिना सिर-पैर यानी फर्जी खबरों के जंजाल से आहत है. तेज गति से बढ़ते सूचना संसार ने कई तरह की मुसीबतें खड़ी कर दी हैं. हिंदुस्तान में फर्जी खबरों को लेकर कई बड़ी घटनाएं पूर्व में घट चुकी हैं. झूठी खबरों से भारत ही आहत नहीं, बल्कि दूसरे मुल्क भी परेशान हैं. लेकिन इस समस्या का तोड़ कानूनी रूप से सिंगापुर ने खोजा है. सिंगापुर की सरकार ने विगत दस मई को बाकायदा संसद का विशेष सत्र बुलाकर फेक न्यूज को रोकने के लिए नया कानून पारित कर दिया.  

सिंगापुर में कानून बनने के बाद भारत में भी उम्मीद जगी है कि देर-सवेर यहां भी ऐसा ही कानून बनेगा.    हिंदुस्तान के भीतर पूर्व में घटी तमाम ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाएं फेक न्यूज की ही देन रहीं. अफवाहों के चलते भीड़ ने कई लोगों को मौत के घाट उतारा है. राजस्थान की वह घटना आज भी जेहन में आते ही रूह कांप उठती है. सोशल मीडिया पर किसी ने झूठी खबर फैला दी थी कि विशेष समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कुछ लोग गोमांस ले जा रहे हैं. झूठी खबर इलाके में आग की तरह फैल गई. देखते ही देखते हजारों की भीड़ एकत्र हो गई. 

बेकाबू भीड़ ने एक बेकसूर व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला. लेकिन सच्चाई सामने आई तो पता चला उक्त मांस गाय का था ही नहीं! यह घटना तो मात्र एक उदाहरण है, ऐसी न जाने कितनी घटनाएं हिंदुस्तान के कई हिस्सों में घट चुकी हैं. झूठी खबरों की समस्या का विस्तार लगातार होता जा रहा है. एंड्रॉयड फोन की जब से क्रांति आई है तब से फर्जी खबरों का संकट भी बढ़ा है. कई लोग मोबाइल पर आने वाले संदेश की बिना सत्यता जाने ही आगे भेजने में देरी नहीं करते. मुख्य समस्या यहीं से उत्पन्न हुई है. लेकिन निवारण को लेकर कोई इस मसले को छूना नहीं चाहता. 

फेक न्यूज का मुद्दा सियासी दलों के लिए बर्र के छत्ते की तरह है क्योंकि अगर किसी एक पार्टी ने फेक न्यूज पर अंकुश लगाने की बात कही तो दूसरी पार्टी उसके विरोध में खड़े होने में देर नहीं लगाएगी. सोशल मीडिया के बल पर आज देश की राजनीति चल रही है. सियासी पार्टियां सबसे ज्यादा पैसा सोशल मीडिया पर व्यय कर रही हैं.

Web Title: singapore passed New law to stop Fake News

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