हरीश गुप्ता का ब्लॉग: सीबीआई, एनआईए के लिए चुप्पी में ही भलाई!
By हरीश गुप्ता | Published: February 10, 2022 11:50 AM2022-02-10T11:50:14+5:302022-02-10T11:54:07+5:30
जब से महाराष्ट्र कैडर के एक आईपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल ने सीबीआई निदेशक के रूप में पदभार संभाला है, नियम बदल गए हैं। जायसवाल के लिए खामोशी ही सबसे अच्छी है। वे एक गुमनाम निदेशक हैं और उन्होंने सीबीआई के मुख्यालय को किले में बदल दिया
प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग इन दिनों अपनी आए दिन की छापेमारी के जरिये सुर्खियां बटोर रहे हैं। लेकिन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), सीबीआई, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और अन्य चुप हैं। ये एजेंसियां इस तरह से खामोश हैं मानो आसपास कुछ हो ही नहीं रहा हो। वे चुप्पी में ही भलाई देख रही हैं।
ड्रग केस में कोई बड़ी मछली नहीं फंसी
सितंबर 2021 में सुर्खियों में आया कुख्यात मुंद्रा पोर्ट का 21000 करोड़ रुपए का हेरोइन तस्करी कांड याद है! यह राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) था जिसने गुजरात में अदानी के स्वामित्व वाले मुंद्रा बंदरगाह पर 2988.21 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी, लेकिन मामला चुपचाप केंद्रीय गृह मंत्रलय के तहत एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया था, जबकि इसका आतंकवाद से कोई संबंध नहीं था।
गुजरात पुलिस, डीआरआई, एनसीबी को बाहर रखा गया था, हालांकि डीआरआई ने सरकार को बताया था कि जून के दौरान मुंद्रा पोर्ट द्वारा अर्ध संसाधित टैल्क पत्थरों की एक और बड़ी खेप को मंजूरी दी गई थी। यहां तक कि वह मामला भी डीआरआई से ले लिया गया, लेकिन एनआईए अब तक के सबसे बड़े तस्करी कांड के पीछे बड़ी मछली का खुलासा करने में विफल रही, हालांकि दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
आए दिन सरकार पर आरोप लगाने वाले दल और नेता भी इस मुद्दे पर खामोश हैं। चौंकाने वाला सवाल यह है कि एनआईए द्वारा नोएडा स्थित आशी ट्रेडिंग कंपनी के परिसरों में छापे के दौरान क्या बरामद किया गया था? सितंबर में सीज किए गए सामान की कीमत है 21000 करोड़ रुपए। जून 2021 में आयातित व गायब खेप का क्या हुआ? कोई जवाब नहीं। जांच एनआईए को क्यों दी गई? कोई जवाब नहीं। खामोशी ही बेहतर है।
सीबीआई के अंदर क्या पक रहा है?
जब से महाराष्ट्र कैडर के एक आईपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल ने सीबीआई निदेशक के रूप में पदभार संभाला है, नियम बदल गए हैं। जायसवाल के लिए खामोशी ही सबसे अच्छी है। वे एक गुमनाम निदेशक हैं और उन्होंने सीबीआई के मुख्यालय को किले में बदल दिया। वे दिन गए जब निदेशक महत्वपूर्ण मुद्दों पर अनौपचारिक रूप से मीडिया से मिलते थे।
अभियान का उद्देश्य सूचना के अनधिकृत रिसाव की जांच करना और एजेंसी के कार्यालयों और उसके मुख्यालयों को सुरक्षित करना है। सीबीआई ने अब गुजरात कैडर से संबंधित एक डीआईजी रैंक के अधिकारी के तहत अपनी सुरक्षा विंग को अपग्रेड किया है। सभी अधिकारियों के पेन ड्राइव, चिप-आधारित एक्सेस कार्ड रखने या यहां तक कि बाहरी लोगों से फोन पर बात करने पर रोक लगा दी गई है।
जायसवाल का तर्क था कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ एजेंसी की जांच से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों के लीक होने से उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। लेकिन जायसवाल ने 2020 के अंत में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद ऐसा किया था। यह भी तय किया गया था कि एजेंसी अपने अधिकारियों को आधिकारिक उपयोग के लिए एक्सटर्नल हार्ड डिस्क आवंटित करेगी और सब कुछ रिकॉर्ड किया जाएगा।
सीबीआई भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने और जानकारी साझा करने के लिए है, लेकिन एजेंसी क्या कर रही है, यह कोई नहीं जानता, सिवाय इसके कि उसकी वेबसाइट पर विज्ञप्तियां कभी-कभार मिल जाती हैं। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जायसवाल सीबीआई को भ्रष्टाचार विरोधी नहीं बल्कि खुफिया एजेंसी के तौर पर चला रहे हैं।
जैकलीन फर्नांडिस का रहस्यमय मामला
ईडी भले ही खनन मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री के भतीजे के पीछे पड़ी हो, लेकिन अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस के मामले में कछुआ चाल से चल रही है। उसका नाम ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े अवैध भुगतान मामले में सामने आया था, जिसने 200 करोड़ रुपए की उगाही की थी। ईडी के पास जानकारी है कि सुकेश ने 36 वर्षीय अभिनेत्री को जेल में रहने के दौरान 10 करोड़ रुपए से अधिक का उपहार भेजा था।
बाद में, वह जेल से बाहर निकलने में कामयाब रहा और उसने जैकलीन के लिए मुंबई से चेन्नई के लिए एक चार्टर्ड फ्लाइट बुक की और वे दो दिनों तक चेन्नई के एक होटल में साथ रहे। ईडी को यह भी संदेह है कि सुकेश ने एक व्यवसायी की पत्नी से जो जबरन वसूली की, जिसकी बड़ी राशि जैकलीन फर्नांडिस को दी गई थी।
जैकलीन से ईडी द्वारा तीन बार पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन कुछ भी सामने नहीं आया कि क्या हुआ। जैकलीन का कहना है कि वह पीड़ित है और जांच में सहयोग कर रही है। जैकलीन को पिछले साल मुंबई एयरपोर्ट पर देश छोड़ने से भी रोका गया था लेकिन गिरफ्तार नहीं किया गया। पिंकी ईरानी जो कथित तौर पर ठग से जुड़ी थीं, उन्हें पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया गया था। चंद्रशेखर, उसकी पत्नी लीना मारिया पॉल और उनके दो सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया है. लेकिन जैकलीन पर चुप्पी साध ली गई है।
लताजी के अंतिम संस्कार से कांग्रेस की अनुपस्थिति
सोनिया गांधी ने गत रविवार को महान पाश्र्वगायिका लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया। लेकिन मुंबई में उनके अंतिम संस्कार में केंद्र से कांग्रेस के किसी वरिष्ठ प्रतिनिधि के न होने से वरिष्ठ नेता बेहद असहज हैं। पीएम ने अपनी बिजनौर रैली रद्द कर दी और गए। भाजपा ने अपना यूपी घोषणापत्र जारी करना टाल दिया। लेकिन राहुल गांधी ने अपनी लुधियाना रैली की।
पार्टी नेताओं को आश्चर्य है कि जब राहुल गांधी केरल में पार्टी के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल की मां को श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष विमान से उड़ान भर सकते हैं तो पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को लताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने क्यों नहीं भेजा जा सकता था? शायद चुप्पी ही बेहतर है।