शोभना जैन का ब्लॉग: पाक के सामने है प्रभावी कार्रवाई करने का मौका

By शोभना जैन | Published: July 20, 2019 06:24 AM2019-07-20T06:24:41+5:302019-07-20T06:24:41+5:30

पिछले कुछ दिन भारत-पाकिस्तान रिश्तों के लिए घटनाओं से भरे रहे. इन घटनाओं के साथ ही भारत के साथ रिश्तों को सहज करने के लिए बार-बार ‘वार्ता’ की गुहार करने वाले ‘नए पाकिस्तान’ के प्रधानमंत्नी इमरान खान के सम्मुख तनाव का केंद्र रहे दो फौरी मुद्दों पर ‘प्रभावी कार्रवाई’ करने का फिर एक मौका आया है.

Shobhana Jain blog: Pakistan has opportunity to take effective action | शोभना जैन का ब्लॉग: पाक के सामने है प्रभावी कार्रवाई करने का मौका

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की फाइल फोटो।

पिछले कुछ दिन भारत-पाकिस्तान रिश्तों के लिए घटनाओं से भरे रहे. इन घटनाओं के साथ ही भारत के साथ रिश्तों को सहज करने के लिए बार-बार ‘वार्ता’ की गुहार करने वाले ‘नए पाकिस्तान’ के प्रधानमंत्नी इमरान खान के सम्मुख तनाव का केंद्र रहे दो फौरी मुद्दों पर ‘प्रभावी कार्रवाई’ करने का फिर एक मौका आया है.

गत 14 जुलाई को करतारपुर गलियारे पर पाकिस्तान के ‘नकारात्मक रुख’ में कुछ सकारात्मक बदलाव के बाद इसी हफ्ते पाकिस्तान ने एक बार फिर दुर्दात आतंकी और मुंबई आतंकी हमलों के सरगना हाफिज सईद को ‘गिरफ्तार’ किया और दूसरी तरफ जाधव मामले में अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) में वियना समझौते और अन्य प्रावधानों के सरासर उल्लंघन का दोषी पाए जाने और मामले को ले कर अदालत से खासी खरी-खोटी सुनने के बाद पाकिस्तान ने अदालत के निर्देशों के अनुसार अपनी जेल की काल कोठरी में मौत की सजा प्राप्त भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को अंतत: ‘कॉन्स्युलर एक्सेस’ की अनुमति दे दी.

इससे पूर्व पाकिस्तान, द्विपक्षीय तौर पर  भारत की जाधव के लिए ‘कॉन्स्युलर एक्सेस’ के लिए 16 बार की गई अपील को नामंजूर कर चुका था. इस घटनाक्रम के  साथ ही यह भी देखना होगा कि आतंकी हाफिज सईद के खिलाफ दिखावटी की जगह क्या इस बार पाकिस्तान आतंक के खिलाफ ठोस कार्रवाई करता है. यानी कम से कम इन दोनों मामलों में पाकिस्तान के पास मौका है कि वह ऐसे ‘फौरी कदम’ उठाए जो सही मायने में प्रभावी हो.

वैसे यह जानना दिलचस्प है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्नी इमरान खान आगामी 22 जुलाई को अमेरिका में वहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिलने से पहले अमेरिका सहित विश्व बिरादरी को यह संकेत देना चाहते हैं कि आतंक के खिलाफ उनका रुख कड़ा है और हाफिज की गिरफ्तारी का वक्त भी खासा महत्वपूर्ण है.

अहम बात यह है कि इसे आतंकी गतिविधियों के लिए टेरर फंडिंग रोकने के लिए गठित अंतर्राष्ट्रीय फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के शिकंजे से बचने के पाकिस्तान के कदम बतौर देखा जा रहा है. बहरहाल, पाकिस्तान की नीयत और मंशा हमेशा बेभरोसे से भरी रही है लेकिन एक बार फिर एक मौका तो उसके सामने है ही. भले ही ये सब अंतर्राष्ट्रीय दबाव में हो. जाधव के मामले में भी अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करता है.

इमरान खान जिस ‘नए पाकिस्तान’ की बात करते हुए बार-बार भारत के साथ संबंध सहज करने के लिए बातचीत की पेशकश कर रहे हैं, अब उनके पास एक और मौका आया है कि वह ‘आतंक और वार्ता साथ-साथ नहीं’ के भारत के पक्ष को गंभीरता से समझें।

Web Title: Shobhana Jain blog: Pakistan has opportunity to take effective action

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