ब्लॉग: ‘झांकी’ को लेकर न खड़ा हो सियासी संकट

By रमेश ठाकुर | Published: December 30, 2023 10:57 AM2023-12-30T10:57:06+5:302023-12-30T10:57:14+5:30

पंजाब की झांकी में कृषि कानून आंदोलन के वक्त सैकड़ों जान गंवाने वाले किसानों को दिखाना था।

Republic Day Political crisis should not arise over 'Jhanki' | ब्लॉग: ‘झांकी’ को लेकर न खड़ा हो सियासी संकट

ब्लॉग: ‘झांकी’ को लेकर न खड़ा हो सियासी संकट

केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच ‘झांकी’ को लेकर बवाल मचा हुआ है. विवाद दरअसल ये है कि आगामी गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के दिन इंडिया गेट पर आयोजित होने वाली राष्ट्रीय परेड में दिल्ली की ‘झांकी’ को अनुमति नहीं मिली है। परेड समिति ने दिल्ली की झांकी को रिजेक्ट कर दिया। कारण बताया कि परेड के माध्यम से केजरीवाल राजनीति करना चाहते हैं।

अपने कामों का प्रचार चाहते हैं। बहरहाल, किस प्रदेश की झांकी को शामिल करना, किसे नहीं, ये निर्णय तो हो चुका है। 26 जनवरी को आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली और पंजाब की झांकी को शामिल नहीं किया जाएगा। ये सूचना जब से केजरीवाल को मिली है, वह तमतमाए हुए हैं।

बकौल केजरीवाल, झांकी की तैयारी वह बीते सितंबर माह से कर रहे थे। इस बार दिल्ली सरकार की योजना थी कि शिक्षा और स्वास्थ्य के मॉडल को झांकी के जरिये प्रस्तुत कर न सिर्फ हिंदुस्तान को, बल्कि समूचे संसार को दिखाएंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति समारोह के मेहमान हैं, वो भी देखेंगे कि दिल्ली की हुकूमत स्वास्थ्य-शिक्षा पर अच्छा काम करती है। लेकिन केंद्र ने केजरीवाल की तैयारियों पर पानी फेर दिया।

बहरहाल, झांकियों को शामिल करने की एक प्रक्रिया होती है। राज्यों की तरफ से कुछ माह पहले प्रस्ताव केंद्र को भेजे जाते हैं जिसमें दिल्ली सरकार को थोड़ा विलंब हुआ। यह लगातार तीसरा गणतंत्र दिवस होगा, जब दिल्ली की झांकी देश के मुख्य समारोह का हिस्सा नहीं होगी। इससे पहले वर्ष-2021 में दिल्ली की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुई थी।

तब, चांदनी चौक में किए गए री-डेवलपमेंट की थीम पर आधारित झांकी निकाली गई थी। लेकिन इस दफे केजरीवाल अपने राजनीतिक मॉडल की प्रस्तुति चाहते थे। विवाद यहीं से आरंभ हुआ। समिति ने उनके समक्ष प्रस्ताव रखा भी था कि दिल्ली अपनी संस्कृति की छवि झांकी के माध्यम से पेश कर सकती है, पर केजरीवाल अपनी जिद पर अड़े रहे तब हार कर समिति ने निर्णय लिया।

वहीं, दिल्ली सरकार मानती है कि अमृतकाल का दौर चल रहा है इसलिए उन्होंने 26 जनवरी पर ‘विकसित भारत’ की थीम पर आधारित झांकी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, जिसमें दिल्ली के विकास की नई तस्वीर पेश होती।

झांकी में दिल्ली के नए सरकारी स्कूलों, अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों के मॉडल को दर्शाना था, जिसने राजधानी को एक नई पहचान दिलाई है पर केंद्र सरकार की स्क्रीनिंग कमेटी को यह थीम नहीं जंची और रिजेक्ट कर दिया।

दिल्ली के अलावा केंद्र सरकार ने पंजाब की भी झांकी को परेड में शामिल नहीं करने का निर्णय किया है जिससे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान भी नाराज हो गए हैं। उन्होंने इस निर्णय को पंजाबियों के अपमान से जोड़ दिया है।

पंजाब की झांकी में कृषि कानून आंदोलन के वक्त सैकड़ों जान गंवाने वाले किसानों को दिखाना था। इसके अलावा पंजाबी खेती, खानपान और आर्मी गतिविधियों को प्रदर्शित करना था, लेकिन उन्हें भी अनुमति नहीं मिली।

Web Title: Republic Day Political crisis should not arise over 'Jhanki'

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