डॉ. विजय दर्डा का ब्लॉग: 'किराये की खबरें भारत को नहीं हिला सकतीं'

By विजय दर्डा | Published: April 8, 2024 06:42 AM2024-04-08T06:42:57+5:302024-04-08T06:42:57+5:30

भारत पर टार्गेट किलिंग का आरोप तो कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी लगा दिया था। वहां खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर आपसी रंजिश में मारा गया था। आरोप के बावजूद कनाडा कभी कोई सबूत नहीं दे पाया।

Rental news cannot shake India says Dr Vijay Darda on his Blog | डॉ. विजय दर्डा का ब्लॉग: 'किराये की खबरें भारत को नहीं हिला सकतीं'

फाइल फोटो

Highlights कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर मारा गया था उसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर टार्गेट किलिंग का आरोप लगाया थाहालांकि ट्रूडो ने भारत के खिलाफ तमाम तरह के आरोप लगाये, बावजूद उसके वो कोई सबूत न दे सके

ब्रिटिश अखबार गार्जियन ने खुलासा किया है कि 2020 से लेकर अब तक भारत ने पाकिस्तान में टार्गेट किलिंग की है और 20 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। मैं इसे कोई खुलासा नहीं मानता क्योंकि गार्जियन की इस रिपोर्ट का कोई पुख्ता आधार नहीं है।

केवल कुछ पाकिस्तानी अधिकारियों के बयान को आधार बनाकर इस तरह की रिपोर्ट छापना हर हाल में गैरजिम्मेदाराना पत्रकारिता की श्रेणी में ही रखा जाएगा। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि भारत में ठीक चुनाव के बीच इस तरह की रिपोर्ट छापे जाने का आखिर मकसद क्या है?

चलिए, सबसे पहले यह जानते हैं कि गार्जियन ने लिखा क्या है? उसका कहना है कि 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) ने एक मिशन पर काम करना शुरू किया कि आतंकी हमले के खतरे को पनपने से पहले ही खत्म कर दिया जाए। भले ही वह विदेशी धरती पर क्यों न हो। इसी के तहत पाकिस्तान में अभी तक 20 हत्याएं हो चुकी हैं।

यह भी बात रिपोर्ट में है कि रॉ को पीएम नरेंद्र मोदी का ऑफिस नियंत्रित करता है। आप समझ सकते हैं कि गार्जियन के कहने का आशय क्या है। उसकी नीयत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गार्जियन ने ये सारी बातें पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से मिले दस्तावेजों के आधार पर की हैं। जाहिर सी बात है कि वह तो ऐसे ही दस्तावेज तैयार करेगा जो भारत को बदनाम कर सके।

मसलन यह कहना कि टार्गेट किलिंग का यह मिशन संयुक्त अरब अमीरात से भारत संचालित कर रहा था। इसके लिए बाकायदा स्लीपर सेल तैयार किया गया। अच्छी-खासी राशि खर्च हुई। इसमें दो साल का वक्त लगा। तो सवाल यह है कि इन दो सालों में पाकिस्तान क्या कर रहा था? संयुक्त अरब अमीरात में स्लीपर सेल बना और उसे भनक भी नहीं लगी?

यह पूरी रिपोर्ट ही फर्जी तौर पर तैयार की गई लगती है। रिपोर्ट में खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू को मरा हुआ लिख दिया गया जबकि वह जिंदा है। इस पर जब लोगों ने सवाल उठाए तो गार्जियन ने तत्काल इसमें सुधार तो कर लिया लेकिन कोई टिप्पणी नहीं की कि एक जिंदा व्यक्ति को उसने मरे हुए लोगों की सूची में कैसे डाल दिया?

भारत पर टार्गेट किलिंग का आरोप तो कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी लगा दिया था। वहां खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर आपसी रंजिश में मारा गया था। आरोप के बावजूद कनाडा कभी कोई सबूत नहीं दे पाया। अमेरिका ने भी भारत को घेरने की कोशिश की। ब्रिटेन में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के प्रमुख अवतार सिंह खांडा की रहस्यमयी मौत और पाकिस्तान में आतंकवादी परमजीत सिंह पंजवार की गोली मारकर हत्या के मामले को भी भारत से जोड़ा गया।

भारत ने हमेशा ऐसे आरोपों को खारिज किया है। मैं हमारे विदेश मंत्री एस. जयशंकर की इस बात से पूरी तरह इत्तेफाक रखता हूं कि विदेशी धरती पर टार्गेट किलिंग भारत की नीतियों के अनुरूप नहीं है। मेरा सवाल तो यह है कि कौन किसको मार रहा है? पाकिस्तान में जितने भी लोग अज्ञात हमलावरों की गोली से मरे हैं वे कोई पाकिस्तान के राजनेता नहीं थे, न ही भलेमानुष थे।

वे आतंकवादी थे और आतंकवादियों के बीच खतरनाक रंजिशें होती हैं क्योंकि अब आतंकवाद के पीछे ड्रग्स माफिया, हथियारों के सौदागरों का हाथ होता है। आतंकवाद का किसी विचारधारा से अब कोई लेना-देना नहीं है। आपसी रंजिश में हत्याएं होती हैं। इसमें भारत को क्यों घसीटा जाता है? अपने चुनावी फायदे के लिए कनाडा खालिस्तानियों को पालता-पोसता है। अमेरिका में ट्रम्प और जो बाइडेन के बीच संघर्ष की स्थिति है।

भारत में चुनाव चल ही रहे हैं। ऐसे माहौल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को धूमिल करना ही गार्जियन की रिपोर्ट का मकसद नजर आता है। एक समय था जब ब्रिटेन की पत्रकारिता की पूरी दुनिया में साख थी। उसका आदर था लेकिन उसकी पत्रकारिता में भारत के प्रति विद्वेष साफ दिख रहा है। कई देशों को भारत का विकास हजम नहीं हो रहा है। ये हमले इसीलिए हो रहे हैं।

हमला करने वालों से मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि भारत का लोकतंत्र कच्ची मिट्टी का बना शेर नहीं है। इसकी जड़ें बहुत गहरी हैं। इन जड़ों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान ने सींचा है। इस देश का हर व्यक्ति राष्ट्रभक्त है। अलग-अलग पार्टियों की विचारधारा कुछ भी हो सकती है, चुनाव में डट कर लड़ते भी हैं लेकिन हमारे देश के राजनेता अपने देश के खिलाफ षड्यंत्र नहीं रचते, न देश को लूटकर अपना घर भरते हैं।

ऐसे लुटेरे जब नसीहत देते हैं तो उन पर तरस आता है। उनकी वह ताकत नहीं कि हमारे देश के लोकतंत्र की नींव को छू भी सकें। एक बात और बता देना चाहूंगा कि हम भगवान महावीर, भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी के अनुयायी जरूर हैं। हम अहिंसा में विश्वास करते हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम कमजोर हैं। घर में घुसकर मारने का ठेका किसी एक राष्ट्र ने नहीं लेकर रखा है।

भारत भी यह कर सकता है। जरूरत पड़ी तो हम घर में घुसेंगे। दुनिया ध्यान रखे कि हमारी आन-बान-शान को यदि कोई हाथ लगाने का प्रयास करेगा तो हम उसे नेस्तनाबूद कर देने में जरा भी नहीं हिचकेंगे। 

Web Title: Rental news cannot shake India says Dr Vijay Darda on his Blog

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे