रमेश ठाकुर का ब्लॉग: तंबाकू सेवन के दुष्परिणामों को लेकर जनजागृति जरूरी

By रमेश ठाकुर | Published: May 31, 2021 02:52 PM2021-05-31T14:52:28+5:302021-05-31T14:52:28+5:30

दुनिया में आज भी तंबाकू-खैनी से होने वाली आकस्मिक मौतों का आंकड़ा बहुत ज्यादा है।

Ramesh Thakur blog about Awareness about the ill effects of tobacco is necessary | रमेश ठाकुर का ब्लॉग: तंबाकू सेवन के दुष्परिणामों को लेकर जनजागृति जरूरी

(फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

Highlightsतंबाकू ऐसी लत है जिसकी चपेट में इस वक्त प्रत्येक तीसरा व्यक्ति है। खैनी चबाने वाला प्रत्येक दसवां व्यक्ति कैंसर से पीड़ित है। सभी जानते हैं कि मुंह का कैंसर तंबाकू के सेवन से फैलता है।

तंबाकू की लत की समस्या किसी महामारी से कम नहीं है। यह दूसरी मर्तबा है जब हम कोरोना काल में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मना रहे हैं, वरना प्रत्येक वर्ष तंबाकूजन्य पदार्थो से छुटकारे के बाबत केंद्र सरकार से लेकर राज्यों की सरकारों व सामाजिक संगठनों द्वारा कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें सामूहिक रूप से जनमानस को इससे होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराया जाता है।

तमाम तरह के दुष्परिणामों को जानते हुए भी लोग अपनी कमाई तंबाकू चबाने में उड़ा देते हैं। ये ऐसी लत है जो एक बार लग गई तो फिर आसानी से नहीं छूटती।  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि धूम्रपान करने वालों में गंभीर बीमारी का खतरा तो होता ही है, कोविड-19 की चपेट में आने से इनमें मौत का खतरा भी बढ़ जाता है। धूम्रपान करने वालों में कोरोना की गंभीरता और मौत का जोखिम 50 प्रतिशत ज्यादा होता है। भारत में कुल बीमारियों में से 40 प्रतिशत तंबाकू-धूम्रपान से होती हैं।

पूरे विश्व में प्रतिवर्ष 50 लाख से 60 लाख लोग तंबाकू से होने वाली बीमारियों से मरते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार अप्रत्यक्ष धूम्रपान से प्रतिवर्ष मरने वालों की संख्या छह लाख है। धूम्रपान और तंबाकू सेवन से दिल की बीमारी होने की संभावना दो से चार गुना तक बढ़ जाती है। तंबाकू से होने वाले नुकसान को देखते हुए सन् 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके द्वारा 7 अप्रैल, 1988 से इस दिवस को मनाने का फैसला किया गया। 

इसके बाद हर 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस मनाने का फैसला किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने 31 मई का दिन निर्धारित करके धूम्रपान के सेवन से होने वाली हानियों और खतरों से विश्व जनमत को अवगत कराके इसके उत्पाद एवं सेवन को कम करने की दिशा में आधारभूत कार्रवाई करने का प्रयास किया है। इसी दिशा में प्रतिवर्ष प्रतीकात्मक रूप में एक नारा निर्धारित किया जाता है। 

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021 की थीम ‘छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध’ है। ये अभियान लोगों को स्वस्थ जीवन के लिए तंबाकू छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। लोगों को इसके हानिकारक प्रभावों को समझाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के जरिये जागरूकता पैदा करने के लिए कई प्रदर्शनियों और कार्यक्र मों का आयोजन किया जाता है। हालांकि, पिछले साल की तरह, इस साल भी,ङ्ककोविड-19 महामारी की वजह से कोई सार्वजनिक अभियान नहीं होगा। लेकिन लोग एक वर्चुअल इवेंट ऑर्गनाइज कर सकते हैं जिसमें वे लोगों को खेल या रीयल-लाइफ की कहानियों के जरिए शिक्षित कर सकते हैं।

एक जिम्मेदार इंसान होने के नाते हमें शुरु आत अपने घरों से ही करनी चाहिए। अगर घर का कोई सदस्य खुलेआम या चुपके से धूम्रपान करता है, तो उन्हें दुष्परिणामों से अवगत कराएं और उसका घर के दूसरे सदस्यों पर कितना प्रतिकूल असर पड़ता है उससे परिचित कराएं। क्योंकि चेतना का आरंभ खुद से हो, तभी समाज से अपेक्षा की जानी चाहिए।

Web Title: Ramesh Thakur blog about Awareness about the ill effects of tobacco is necessary

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