अवधेश कुमार का ब्लॉग: मूसेवाला की हत्या से उठते सवाल
By अवधेश कुमार | Published: June 1, 2022 03:25 PM2022-06-01T15:25:39+5:302022-06-01T15:26:46+5:30
ज्ञानी दविंदर बंबीहा समूह ने कहा कि मूसेवाला उनसे जुड़ा नहीं था लेकिन उनके साथ नाम जोड़ा जा रहा है तो वे इसका बदला लेंगे. जाहिर है, इससे पंजाब में नए गैंगवार की आशंका बढ़ी है. पंजाब सुरक्षा की दृष्टि से हमेशा संवेदनशील प्रदेश रहा है. सीमा पार से अलगाववाद आतंकवाद को बढ़ावा देने की हरसंभव कोशिशें हो रही हैं. पिछले एक वर्ष में काफी संख्या में हथियार और संदिग्ध आतंकवादी पकड़े गए हैं.
पंजाब में सिद्धू मूसेवाला की दिनदहाड़े हत्या सन्न करने वाली घटना है. पंजाब के मानसा में उनके पैतृक गांव मूसा के पास हत्यारों ने केवल दो मिनट में शरीर में इतनी गोलियां मारीं कि पोस्टमार्टम में ही 24 गोलियां निकलीं. हत्यारे भी वहां दो ही मिनट रुके. दो गाड़ियों ने मूसेवाला की कार को ओवरटेक किया. इससे पहले उन्होंने मूसेवाला की गाड़ी के पिछले टायर पर गोली मारी जिससे संतुलन बिगड़ गया.
मूसेवाला ने कार को संभालने की कोशिश की लेकिन उनमें से 7 लोग उतरे और ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे. हमलावरों ने ऐसा डर का माहौल बनाया कि लोग घरों में घुसने को विवश हो गए. विडंबना देखिए कि गांव के लोगों ने मूसेवाला को घायल स्थिति में अस्पताल ले जाने का भी साहस नहीं दिखाया. एक अनजान व्यक्ति ने मोटरसाइकिल से मूसेवाला को अस्पताल पहुंचाया. आखिर क्यों?
इसकी चर्चा इसलिए आवश्यक है ताकि समझा जाए कि पंजाब के अंदर अपराधियों और गैंगस्टरों ने कैसी स्थिति पैदा कर दी है. गांव में जाने-माने शख्स की शाम साढ़े पांच बजे के आसपास हत्या होती है, हत्यारों के डर से लोग घरों में दुबके रहते हैं और उनके चले जाने के बाद भी लंबे समय तक घर से निकलने का साहस नहीं करते.
अभी तक की जानकारी यही है कि तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात अपराधी लॉरेंस ने कनाडा में बैठे गोल्डी बरार के साथ मिलकर मूसावाला की हत्या को अंजाम दिया. लॉरेंस गैंग ने हत्या की जिम्मेदारी ली है. लॉरेंस गैंग और गोल्डी बरार ने कहा है कि हमने मोहाली में विक्की मिट्ठू खेरा की हत्या का बदला लिया है. इसके अनुसार मूसेवाला भी उसके विरोधी गैंग से जुड़ा था. इस पर अंतिम मत देना कठिन है.
ज्ञानी दविंदर बंबीहा समूह ने कहा कि मूसेवाला उनसे जुड़ा नहीं था लेकिन उनके साथ नाम जोड़ा जा रहा है तो वे इसका बदला लेंगे. जाहिर है, इससे पंजाब में नए गैंगवार की आशंका बढ़ी है. पंजाब सुरक्षा की दृष्टि से हमेशा संवेदनशील प्रदेश रहा है. सीमा पार से अलगाववाद आतंकवाद को बढ़ावा देने की हरसंभव कोशिशें हो रही हैं. पिछले एक वर्ष में काफी संख्या में हथियार और संदिग्ध आतंकवादी पकड़े गए हैं.
जिस प्रदेश में भारी मात्रा में ड्रग और हथियार आ रहे हैं, वहां अपराधी भी भारी संख्या में पैदा हुए होंगे. पंजाब में कई कारणों से अपराधी समूहों के बीच हिंसक टकराव की खबरें भी सामने आती रही हैं. ऐसे प्रदेश की सरकार को सुरक्षा के प्रति सर्वाधिक संवेदनशील होना चाहिए.