प्रमोद भार्गव का ब्लॉग: परमाणु हथियारों से हमले की गीदड़ भभकी 

By प्रमोद भार्गव | Published: March 3, 2019 04:10 AM2019-03-03T04:10:37+5:302019-03-03T04:10:37+5:30

मुंबई और संसद पर हमले के दिमागी कौशल रखने वाले योजनाकार दाऊद और हाफिज सईद को पाक ने शरण दे रखी है. पुलवामा हमले का अपराधी अजहर मसूद वहां खुला घूम रहा है.

Pramod Bhargava's blog: India needs to adopt a tough approach to deal with terrorists of dual character like Pakistan. | प्रमोद भार्गव का ब्लॉग: परमाणु हथियारों से हमले की गीदड़ भभकी 

प्रमोद भार्गव का ब्लॉग: परमाणु हथियारों से हमले की गीदड़ भभकी 

अमेरिकी गुप्तचर संस्था सीआईए के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी केविन हलबर्ट की बात मानें तो पाकिस्तान दुनिया के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक देशों में से एक है. उसकीयह खूंखार और डरावनी सूरत इसलिए बन गई है, क्योंकि तीन तरह के जोखिम इस देश में खतरनाक ढंग से बढ़ रहे हैं. 

विश्व समुदाय से कोई सहयोग व समर्थन नहीं मिलने के कारण पाकिस्तान घबराया हुआ है. वह बौखलाहट में भी है. इस कारण आनन-फानन में पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने सीमा पर युद्ध के हालात पैदा होने के बीच नेशनल कमांड अथॉरिटी की बैठक बुलाई. इस प्राधिकरण के पास ही पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का नियंत्रण और उनके इस्तेमाल के अधिकार हैं.

संभव है पाकिस्तान ने यह बैठक अलग-थलग पड़ जाने के कारण भारत और दुनिया को यह दिखाने के लिए बुलाई हो कि यदि उसे भारत से प्रत्यक्ष युद्ध में पराजित होने की स्थिति का सामना करना पड़ा तो वह भारत पर परमाणु हमला कर सकता है. चूंकि पाक अच्छी तरह से जानता है कि वह परंपरागत युद्ध में भारत के मुकाबले कहीं टिकने वाला नहीं है, इसलिए उसने इस विकल्प की दिशा में सोचकर यह इशारा किया है कि विश्व समुदाय शांति के उपाय करे.

चूंकि पाक जानता है कि भारत की नीति पहले परमाणु हथियारों का उपयोग करने की नहीं है, इसलिए परमाणु हमले की पहली पारी वह खेल सकता है. पाक जैसे दोहरे चरित्र के आतंकी देश से निपटने के लिए भारत को अब जरूरत है कि ऐसी किसी नीति और वचनबद्धता से उसे बंधे रहने की जरूरत नहीं है.  

अमेरिकी गुप्तचर संस्था सीआईए के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी केविन हलबर्ट की बात मानें तो पाकिस्तान दुनिया के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक देशों में से एक है. उसकी यह खूंखार और डरावनी सूरत इसलिए बन गई है, क्योंकि तीन तरह के जोखिम इस देश में खतरनाक ढंग से बढ़ रहे हैं.

एक आतंकवाद, दूसरे ढह रही अर्थव्यवस्था और तीसरे परमाणु हथियारों का जरूरत से ज्यादा भंडारण. आर्थिक संकट के ऐसी ही बदतर हालात से उत्तर कोरिया जूझ रहा है. हालांकि अब अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच सौहाद्र्रपूर्ण स्थिति बन गई है. नतीजतन उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए समयसीमा तय कर दी है. 

पाकिस्तान दुनिया के लिए खतरनाक देश हो अथवा न हो, लेकिन भारत के लिए वह खतरनाक है, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए. दशकों से वह भारत पर हमला करने के लिए आतंकियों के इस्तेमाल को सही ठहराता रहा है. वह भारत के खिलाफ छद्म युद्ध के लिए आतंकवादियों को खुला समर्थन दे रहा है.

मुंबई और संसद पर हमले के दिमागी कौशल रखने वाले योजनाकार दाऊद और हाफिज सईद को पाक ने शरण दे रखी है. पुलवामा हमले का अपराधी अजहर मसूद वहां खुला घूम रहा है. यही नहीं भारत के खिलाफ आतंकी रणनीतियों को प्रोत्साहित व सरंक्षण देने का काम पाक की गुप्तचर संस्थाएं और सेना भी कर रही हैं. हालांकि पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को सरंक्षण देने के उपाय अब उसके लिए भी संकट बन रहे हैं. 

आज पाकिस्तान में आतंकी इतने असरदार हो गए हैं कि लश्कर-ए-झांगवी, पाकिस्तानी तालिबान, अफगान तालिबान और कुछ अन्य आतंकवादी गुट पाकिस्तान की निर्वाचित सरकार को भी चुनौती बन गए हैं. ये चुनी हुई सरकार को गिराकर देश की सत्ता पर सेना के साथ अपना नियंत्रण चाहते हैं. यदि ऐसा हो जाता है और परमाणु हथियार आतंकियों के हाथ लग जाते हैं, तो तय है, पाक को दुनिया के लिए खतरनाक देश बन जाने में देर नहीं लगेगी. 

यदि भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध का सिलसिला शुरू होता है तो इसके पहले ही प्रयोग में 12 करोड़ लोग तत्काल प्रभावित होंगे. न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर दी है कि ऐसे हालत में जिस देश पर परमाणु बम गिरेगा, वहां ड़ेढ़ से दो करोड़ लोग तत्काल मौत की गिरफ्त में आ जाएंगे. साथ ही इसके विकिरण के प्रभाव में आए लोग 20 साल तक नारकीय दुष्प्रभावों को ङोलते रहेंगे.

यदि यह युद्ध शुरू हो जाता है और परमाणु अस्त्रों से हमले शुरू हो जाते हैं तो इन्हें आसमान में ही नष्ट करने की तकनीक फिलहाल कारगर नहीं है. शायद इसीलिए इमरान खान भारत से अपील कर रहे हैं कि युद्धों से कभी सार्थक परिणाम नहीं निकले हैं, लिहाजा बातचीत के जरिए समस्या का हल तलाशा जाए. दरअसल इमरान ऐसा इसलिए भी कहने को मजबूर हुए हैं, क्योंकि पाकिस्तान के पास फिलहाल टेक्निकल परमाणु अस्त्र हैं.

जिसकी मारक क्षमता अपेक्षाकृत कम है. इन्हें केवल जमीन से ही दागा जा सकता है. इसे दागने के लिए पाक के पास शाहीन मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 1800 से 1900 कि.मी. है. इसकी तुलना में भारत के पास अग्नि जैसी ताकतवर मिसाइलों की पूरी एक श्रृंखला है. इनकी मारक क्षमता 5000 से 8000 कि.मी. तक है.

यही नहीं भारत के पास परमाणु बम छोड़ने के लिए ऐसी त्रिस्तरीय व्यवस्था है कि हम जमीन, पानी और हवा से भी मिसाइलें दागने में सक्षम हैं. भारत की कुछ मिसाइलों को तो रेल की पटरियों से भी दागा जा सकता है. साथ ही हमारे पास उपग्रह से निगरानी प्रणाली भी है. भारत का संकट केवल इतना है कि उसके हाथ, ‘पहले परमाणु शस्त्र’ का उपयोग नहीं करने की नीति से बंधे हैं.

Web Title: Pramod Bhargava's blog: India needs to adopt a tough approach to deal with terrorists of dual character like Pakistan.

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