ब्लॉग: डिजिटलीकरण से भारत में घटी गरीबी

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: April 15, 2024 10:06 AM2024-04-15T10:06:28+5:302024-04-15T10:07:58+5:30

पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में भी कहा गया है कि भारत में गरीबी 2015-2016 के मुकाबले 2019-2021 के दौरान 25 फीसदी से घटकर 15 फीसदी पर आ गई है।

Poverty reduced in India due to digitalization | ब्लॉग: डिजिटलीकरण से भारत में घटी गरीबी

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsडिजिटलीकरण से भारत में वित्तीय समावेशन में मदद मिल रही है सेवाओं को सस्ता करने में भी प्रभावी योगदान दे रहा हैइससे भारतीय अर्थव्यवस्था को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिल रही है

7 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि भारत में गरीबी घटाने में डिजिटलीकरण की अहम भूमिका है। 22-26 जनवरी तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहे फ्रांसिस ने कहा कि जब से वे भारत से लौटे हैं, उनके मन में अतुल्य भारत की डिजिटल उपलब्धि के बारे में दुनिया को बताने के विचार बार-बार आ रहे हैं। उन्होंने भारत में महसूस किया है कि सिर्फ एक हैंडसेट और डिजिटलीकरण मॉडल के उपयोग से लाखों लोगों को औपचारिक आर्थिक प्रणाली में लाने में भारत के डिजिटलीकरण कार्यक्रम की अभूतपूर्व भूमिका है।

उन्होंने कहा कि जहां डिजिटलीकरण से भारत में वित्तीय समावेशन में मदद मिल रही है, वहीं डिजिटलीकरण लागत को कम करने, अर्थव्यवस्था को अधिक कुशल बनाने और सेवाओं को सस्ता करने में भी प्रभावी योगदान दे रहा है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिल रही है. ये भारत से ऐसे डिजिटल सबक हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ साझा किया जा सकता है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में भी कहा गया है कि भारत में गरीबी 2015-2016 के मुकाबले 2019-2021 के दौरान 25 फीसदी से घटकर 15 फीसदी पर आ गई है। इसमें डिजिटलीकरण की भी अहम भूमिका है. इतना ही नहीं विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष सहित दुनिया के विभिन्न सामाजिक सुरक्षा के वैश्विक संगठनों के द्वारा भारत में बहुआयामी गरीबी घटाने के मद्देनजर भारत में लागू डिजिटल व्यवस्था की जोरदार सराहना की गई है।

यह भी उल्लेखनीय है कि नीति आयोग की तरफ से वैश्विक मान्यता के मापदंडों पर आधारित जो बहुआयामी गरीबी इंडेक्स (एमपीआई) दस्तावेज जारी किया गया है, उसमें कहा गया है कि पिछले नौ वर्षों में भारत में करीब 25 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी के दायरे से बाहर आ गए हैं। लेकिन अभी भी भारत में करीब 15 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी का सामना कर रहे हैं। हम उम्मीद करें कि सरकार अभी भी देश में गरीब वर्ग के 15 करोड़ से अधिक लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर लाने के लिए गरीबों तक डिजिटलीकरण की सरल पहुंच सुनिश्चित करेगी।

Web Title: Poverty reduced in India due to digitalization

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे