ब्लॉग: परवेज मुशर्रफ ने जब पाकिस्तान में किया था तख्तापलट और वो संयोग...
By वेद प्रताप वैदिक | Published: February 7, 2023 09:56 AM2023-02-07T09:56:24+5:302023-02-07T10:15:35+5:30
भारत से अच्छे संबंध बनाने के इच्छुक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का तख्तापलट परवेज मुशर्रफ ने 1999 में किया था.
इधर पिछले 4-5 वर्षों में जब भी मैं दुबई आता था तो जनरल परवेज मुशर्रफ से यहां मेरी लंबी मुलाकातें हुआ करती थीं. जब पिछले महीने विश्व हिंदी दिवस के सिलसिले में मैं दुबई आया था तो उनकी पत्नी सबा जी से फोन पर बात हुई थी. उन्होंने बताया कि उनकी हालत ऐसी नहीं है कि वे किसी से बात कर सकें. वे लगभग बेहोश ही रहते हैं.
इस बार मैं आया तो तीन दिन पहले मैंने फोन किया तो किसी ने भी नहीं उठाया. कल मालूम पड़ा कि उनका निधन हो गया. यदि मुशर्रफ कुछ वर्ष और जीते रहते तो शायद अपना सारा समय वे भारत-पाक संबंधों को सुधारने में बिता देते.
यह बात मैं उन्हीं मुशर्रफ के बारे में कह रहा हूं, जिन्होंने कारगिल-युद्ध भारत के विरुद्ध छेड़ा था. भारत से अच्छे संबंध बनाने के इच्छुक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का तख्तापलट इन्हीं मुशर्रफ ने 1999 में किया था. मुशर्रफ ने जिस दिन मियां नवाज का तख्ता उलटा था, उसी दिन संयोग की बात है कि अमेरिका के शहर शिकागो में मैं और मेरे दोस्त सैयद बदरी कादरी जिस डॉक्टर के घर अचानक खाना खाने पहुंचे थे, उसका नाम डॉक्टर नावेद मुशर्रफ था.
नावेद और उसकी फिलिपिनी पत्नी लगातार टीवी देखे जा रहे थे. मैंने पूछा, ऐसी क्या बात है? तो बोले, देखिए, मेरे भाई परवेज ने अभी-अभी पाकिस्तान में तख्ता-पलट कर दिया है.
नावेद के बड़े भाई जनरल मुशर्रफ से मेरी इस्लामाबाद, दिल्ली और दुबई में कई बार भेंट हुई. मुशर्रफ ने भारत के विरुद्ध युद्ध भी छेड़ा, आतंकवाद को भी प्रश्रय दिया और पड़ोसी देशों में भारत-विरोधी माहौल बनाने की भी कोशिश की लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि उनके दिल में कहीं न कहीं यह भाव छिपा हुआ था कि वे दिल्ली में जन्मे हैं तो भारत का उन पर कुछ न कुछ कर्ज जरूर है, जिसे उन्हें उतारना ही चाहिए.
इसीलिए डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री-काल में उन्होंने एक चार-सूत्री कार्यक्रम पर सहमति व्यक्त की थी, जिसमें कश्मीर के मसले का समाधान था लेकिन 2008 में उन्हें मजबूरन सत्ता छोड़नी पड़ी.
मुशर्रफ के ऊपर तरह-तरह के आरोप लगे. उन्हें पाकिस्तान छोड़कर लंदन और दुबई रहना पड़ा. और अब दुबई में ही उनका निधन हो गया. दिवंगत आत्मा को शांति मिले!